2 अक्टूबर को मिलेगा आजादी का तोहफा, नागपुर सेंट्रल जेल से 40 कैदी होंगे रिहा

40 prisoners will get remission from the Nagpur Central Jail on 2nd Oct
2 अक्टूबर को मिलेगा आजादी का तोहफा, नागपुर सेंट्रल जेल से 40 कैदी होंगे रिहा
2 अक्टूबर को मिलेगा आजादी का तोहफा, नागपुर सेंट्रल जेल से 40 कैदी होंगे रिहा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। केंद्र सरकार ने देशभर की जेलों से उन कैदियों का ब्योरा एकत्रित करने को कहा है, जो जेल में आधी से ज्यादा सजा काट चुके हैं और उनका जेल में व्यवहार व आचरण अच्छा है। ऐसे कैदियों को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर दो अक्टूबर को रिहाई का तोहफा मिलेगा। इसके लिए कुछ मानक तय किए गए हैं। उनके दायरे में आने वाले कैदियों को ही रिहाई का लाभ मिल पाएगा। 

विदर्भ में 300 से अधिक कैदियों के भेजे नाम
सूत्रों के अनुसार, नागपुर की सेंट्रल जेल से 40 और अमरावती की जेल से 38 कैदियों की केंद्र सरकार के विशेष माफी देने के निर्णय के अंतर्गत प्रस्ताव सरकार को भेज दिया गया है। इस प्रस्ताव पर गठित की गई राज्य स्तरीय समिति  निर्णय लेगी। उसके बाद इन कैदियों को जेल से रिहा किया जाएगा। राज्य सरकार ने जेलों से ब्योरा मंगाना शुरू किया है। पिछले दिनों केंद्र सरकार ने एक परिपत्रक जारी किया था, जिसके अनुसार, आधी से ज्यादा सजा काट चुके कैदियों की रिहाई के मामले में जल्दी ही सूची पर मुहर लगेगी। विदर्भ की अन्य जेलों से भी यह ब्योरा मंगाया गया है।  विदर्भ से 300 से अधिक कैदियों के नाम भेजे जाने की जानकारी सूत्रों ने दी है। 

सूत्र बताते हैं कि ये राहत उन्हीं कैदियों को मिलेगी, जो निर्धारित की गई 6 श्रेणी के दायरे में आते हैं। हालांकि दहेज हत्या, दुष्कर्म, मानव तस्करी, टाडा सहित अन्य गंभीर अपराधों के दोषियों को विशेष माफी नहीं दी जाएगी। नागपुर के सेंट्रल जेल से 40 और अमरावती जेल के 38 कैदियों के नाम की सूची तैयार कर भेज दी गई है। इसकी पुष्टि जेल डीआईजी योगेश देसाई ने की है। 

तीन चरणों में होगी रिहाई 
कैदियों को विशेष माफी देकर तीन चरणों में रिहा किया जाएगा। पहले चरण में कैदी को 2 अक्टूबर 2018 को गांधी जयंती को रिहा किए जाएंगे। दूसरे चरण में 6 अप्रैल 2019 को चंपारण सत्याग्रह की वर्षगांठ और तीसरे चरण में कैदियों को 2 अक्टूबर 2019 को गांधी जयंती पर रिहा किया जाएगा। 

मृत्यु दंड पर माफी नहीं 
ऐसे कैदियों को विशेष माफी नहीं दी जाएगी, जो मृत्यु दंड (फांसी) की सजा काट रहे हैं या जिनकी फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया गया है। दहेज हत्या, दुष्कर्म, मानव तस्करी, पोटा, टाडा, पॉक्सो एक्ट, एनडीपीएस, भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम में सजा पा चुके कैदियों को लाभ नहीं मिलेगा। सरकार के तय मानकों को ध्यान में रखते हुए कैदियों की रिहाई होगी। 

इन कैदियों को राहत 
ऐसी महिला कैदी, जिनकी उम्र 55 वर्ष या अधिक हो तथा 50 फीसदी सजा काट ली हो।
ऐसे पुरुष कैदी, जिनकी उम्र 60 वर्ष या अधिक हो और वह 50 फीसदी सजा भुगत ली हो। 
ऐसे कैदी जो 66 फीसदी सजा काट चुके हैं। 
ऐसे दिव्यांग व 70 प्रतिशत या इससे अधिक अक्षमता वाले कैदी, जिन्होंने 50 फीसदी सजा पूरी कर ली है। 
ऐसे कैदी जिन्हें मेडिकल बोर्ड ने मरणासन्न घोषित कर दिया हो। 
ऐसे किन्नर कैदी, जिनकी उम्र 55 वर्ष या अधिक हो और 50 फीसदी सजा भुगत चुका है। 

Created On :   6 Sep 2018 11:29 AM GMT

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