अमेरिका से जंग के लिए 47 लाख लोगों को सेना में भर्ती कर रहा है नार्थ कोरिया !

अमेरिका से जंग के लिए 47 लाख लोगों को सेना में भर्ती कर रहा है नार्थ कोरिया !
अमेरिका से जंग के लिए 47 लाख लोगों को सेना में भर्ती कर रहा है नार्थ कोरिया !

डिजिटल डेस्क, प्योंगयांग। कोरियाई प्रायद्वीप में पैदा हुए तनाव ने वैश्विक स्तर पर युद्ध का संकट खड़ा कर दिया है। परमाणु हथियारों के परीक्षण और मिसाइल कार्यक्रम को लेकर उत्तर कोरिया अमेरिका के निशाने पर आ गया है। अमेरिका और नॉर्थ कोरिया के बीच चल रही जुबानी जंग अब गंभीर दौर में प्रवेश कर गई है। उत्तर कोरियाई तानाशाह किन जोंग उन की अमेरिका में आग लगा देने की धमकियों के बीच उत्तर कोरिया में करीब 47 लाख लोगों ने सेना में स्वेच्छा से भर्ती होने की इच्छा जताई है। 

उत्तर कोरिया के रोडोंग सिनमुन समाचार पत्र की एक रिपोर्ट के अनुसार शुक्रवार के बाद से लाखों युवाओं के साथ 12 लाख 20 हजार महिलाओं ने भी सेना में भर्ती होने की इच्छा जताई है। इसके विपरीत दक्षिण कोरिया की न्यूज एजेंसी योनहाप ने कहा है कि उत्तर कोरियाई लोगों ने प्रपोगंडा अभियान के तहत अपनी एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए सेना में भर्ती होने की इच्छा जताई है।    

क्या उ. कोरिया ने शुरू कर दी युद्ध की तैयारी

ऐसे में सवाल यह है कि क्या उत्तर कोरिया युद्ध की आशंकाओं को देखते हुए इस तरह की तैयारी कर रहा है। तानाशाही शासन में उत्तर कोरिया से जुड़ीं खबरें भी राज्य नियंत्रित मीडिया के जरिए ही बाहर आती हैं। उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया ने गुरुवार को लोगों के सेना में स्वैच्छिक शामिल होने की जानकारी दी है। संयुक्त राष्ट्र संघ में भाग लेने के बाद उत्तर कोरियाई विदेश मंत्री ने जिस तरह अमेरिका पर आरोप लगाया कि उसने उ. कोरिया पर हमला करने का आदेश दिया है। उसके बाद माना जाने लगा कि उत्तर कोरिया ने युद्ध की पूरी तरह तैयारी कर ली है और अब अगर अमेरिकी युद्धक विमान उसकी सीमा से गुजरे तो वह हमला कर देगा। 

चीन ने उ. कोरियाई कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया

12 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा उ. कोरिया पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद उत्तर कोरिया के सबसे सहयोगी देश चीन ने उत्तर कोरियाई कंपनियों और संयुक्त उद्यमों को 120 दिन के भीतर काम बंद करने के आदेश दिए हैं। उत्तर कोरिया द्वारा छठा परमाणु परीक्षण किए जाने के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सर्वसम्मति से उत्तर कोरियाई टेक्सटाइल एक्सपोर्ट और तेल आपूर्ति पर प्रतिबंध लगाया था। चीन उ. कोरिया का प्रमुख सहयोगी है और उत्तर कोरियाई कंपनियों ने बड़ी संख्या में चीन में उद्यम लगा रखे हैं। 

मलेशियाई लोगों के उ. कोरिया जाने पर रोक

उत्तर कोरियाई तानाशाह ने ट्रंप को पागल तब बताया जब अमेरिकी राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर चीन अपने स्टैंड पर कायम रहा तो उसे नष्ट करने के अलावा हमारे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं रहेगा। इस बीच प्योगयांग के हालिया परमाणु टेस्ट के बाद मलेशिया ने अपने यात्रियों के उत्तर कोरिया जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। मलेशिया उत्तर कोरिया का कूटनीतिक सहयोगी राष्ट्र है। मलेशिया ने यह प्रतिबंध छठे एटमी टेस्ट और दो अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल परीक्षणों और मध्यम दूरी की मिसाइल जापान के ऊपर से दागे जाने बाद अंतराष्ट्रीय कूटनीतिक दबाव में लगाया है। 

नौ बार लग चुके हैं उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध

उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन ने 22 सितंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति के भाषण की कड़ी निंदा की, जिसमें उन्होंने उत्तर कोरिया को "पूरे तरीके से तबाह" करने की धमकी दी थी। किम ने ट्रंप को "मानसिक रूप से विक्षिप्त" बताया था और कहा था कि प्योंगयांग अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा बेइज्जत किए जाने का जवाब देगा। उत्तर कोरिया पर अमेरिका की तरफ से हाल में ही एक और प्रतिबंध की घोषणा की गई है। इसके तहत प्योंगायांग के आठ बैंकों और 26 एग्जिक्युटिव्स को बैन कर दिया गया है। बता दें कि हाल में अमेरिका द्वारा प्योंगयांग पर यह दूसरा प्रतिबंध है। उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रमों को देखते हुए सुरक्षा परिषद 2006 से अब तक नौ बार उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध लगा चुका है।
 

Created On :   28 Sep 2017 5:09 PM GMT

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