देश के 24 हाई कोर्ट में करीब 47.68 लाख मामले लंबित - लॉ मिनिस्ट्री

देश के 24 हाई कोर्ट में करीब 47.68 लाख मामले लंबित - लॉ मिनिस्ट्री
देश के 24 हाई कोर्ट में करीब 47.68 लाख मामले लंबित - लॉ मिनिस्ट्री
हाईलाइट
  • नेशनल जुडिशियल डाटा ग्रीड के रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है।
  • मिनिस्ट्री के अनुसार हाई कोर्ट के एक जज के पास 4
  • 419 मामले लंबित हैं।
  • लॉ मिनिस्ट्री के अनुसार साल 2018 के अंत तक 24 हाई कोर्ट में करीब 47.68 लाख मामले लंबित हैं।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। साल 2018 के अंत तक 24 हाईकोर्ट में करीब 47.68 लाख मामले लंबित हैं। हाईकोर्ट के एक जज के पास 4,419 मामले लंबित हैं। नेशनल ज्यूडिशियल डाटा ग्रीड के रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि डिस्ट्रिक्ट कोर्ट और सबऑर्डिनेट कोर्ट में लगभग 2.91 करोड़ मामले लंबित हैं। जबकि इन कोर्ट के हर एक जज के पास 1,288 मामले लंबित पड़े हैं। इस रिपोर्ट में तेलंगाना के हाईकोर्ट को शामिल नहीं किया गया है, क्योंकि उसकी शुरुआत इस साल एक जनवरी को हुई है। 

रिपोर्ट के अनुसार सबऑर्डिनेट कोर्ट में इस वक्त 22,644 ज्यूडिशियल ऑफिसर्स की जरूरत है, लेकिन अभी केवल 17,509 ज्यूडिशियल ऑफिसर्स ही मौजूद हैं। ऐसे में इन कोर्ट में फिलहाल 5,135 ऑफिसर की कमी है, जिसकी वजह से पेंडिंग केस का लोड बाकी जजों पर बढ़ता जा रहा है। वहीं हाईकोर्ट में इस वक्त 1,079 जजों की जरूरत है, लेकिन अभी केवल 695 जज ही मौजूद हैं। यानी हाईकोर्ट में भी 384 जजों की कमी है। जज की कमी होना ही इन मामलों की सुनवाई होने में देरी की सबसे बड़ी वजह बताई जा रही है।

कुछ दिनों पहले कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ज्यूडिशियल ऑफिसर की कमी को लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने इस मामले पर हाई कोर्ट और लोवर कोर्ट के जज से बात भी की थी। रविशंकर प्रसाद ने हाईकोर्ट के जजों से निवेदन किया था कि वह लोअर कोर्ट के लिए ज्यूडिशियल ऑफिसर्स की नियुक्ति में तेजी लाए। इसके लिए कानून मंत्री ने जज से समय पर परीक्षा और इंटरव्यू लेने का आग्रह किया था।

Created On :   27 Jan 2019 2:52 PM GMT

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