नागपुर में मेट्रो के नाम पर जनता से वसूले 58 करोड़ रुपए 

58 crore rupees collected from public on the name of Metro in Nagpur
नागपुर में मेट्रो के नाम पर जनता से वसूले 58 करोड़ रुपए 
नागपुर में मेट्रो के नाम पर जनता से वसूले 58 करोड़ रुपए 

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बहुप्रतीक्षित मेट्रो रेल मार्च से पहले तक दौड़ाने की प्रशासन ने तैयारी कर ली है। करोड़ों रुपए की लागत से पहले चरण में दो फेज में मेट्रो सेवा को शुरू किया जाएगा। खापरी से एयरपोर्ट तक के रास्ते पर संचालन की तैयारी भी लगभग पूरी हो चुकी है, जबकि शहर के अन्य हिस्सों में पिलरों को खड़ा करने और पटरियों को बिछाने का काम तेजी से हो रहा है। राज्य सरकार ने भी समय-समय पर मेट्रो के लिए निधि की कमी नहीं होने देने की बात कही, लेकिन हकीकत कुछ और ही नजर आ रही है।

शहर में संपत्ति की खरीदी और बिक्री में मेट्रो परियोजना के लिए एक फीसदी सेस नागरिकों से वसूल किया जा रहा है, लेकिन पिछले साल भर से सेस के जरिए लोगों से वसूले गए 58 करोड़ रुपए सरकार ने मेट्रो परियोजना के लिए दिये ही नहीं। इतना ही नहीं इस वित्त वर्ष में भी जमा हुए 25 करोड़ की रकम को लेकर भी भ्रम बना हुआ है। राज्य सरकार की इस कारगुजारी के चलते मेट्रो परियोजना के काम पर असर पड़ने की संभावना है। पर्याप्त निधि के अभाव में मेट्रो रेल की गति धीमी पड़ सकती है।

ढाई फीसदी का जिले पर अतिरिक्त बोझ
राज्य भर के जिलों में 4 फीसदी मुद्रांक शुल्क और 1 फीसदी रजिस्ट्रेशन शुल्क के साथ कुल 5 फीसदी का खर्च वहन करना पड़ता है, लेकिन उपराजधानी में इस शुल्क में बढ़ोतरी हो जाती है। शहर के सुनियोजित विकास का जिम्मा संभालने सुधार प्रन्यास एवं स्वच्छता का दायित्व संभालने वाली मनपा को भी कर का भुगतान करना होता है। इन दोनों सेस के चलते पिछले कई सालों से नागरिकों को अार्थिक बोझ उठाना पड़ रहा था। इस बोझ से निजात पाने की उम्मीद पाले बैठे नागरिकों को तब और झटका लगा जब उनसे मेट्रो रेल परियोजना के लिए भी सेस वसूला जाने लगा।

पिछले दो साल से यह सेस नागरिकों से वसूला जा रहा है। हालांकि शहर में मेट्रो के आरंभ होने में अभी लंबा समय है, लेकिन निर्माण और विकासकार्यों पर खर्च होने वाली राशि भी नागरिकों को ही देनी पड़ रही है। यही वजह है कि मनपा के लिए 1 फीसदी, मेट्रो परियोजना के लिए 1 फीसदी और अस्तित्व समाप्त होने की घोषणा हो चुके नासुप्र के लिए भी आधा फीसदी समेत कुल 2.50 फीसदी अतिरिक्त टैक्स जिले के नागरिकों को देना पड़ रहा है। राज्य में केवल नागपुर के नागरिकों को ही संपत्ति की बिक्री और खरीदी पर कुल 7.50 फीसदी का मुद्रांक वहन करना पड़ रहा है।
 

Created On :   12 Nov 2018 10:23 AM GMT

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