सीएम फडणवीस का ऐलान- वापस लिए जाएंगे भीमा कोरेगांव हिंसा से जुड़े 592 मामले

592 cases related to Bhima Koregaon violence will be withdrawn - CM
सीएम फडणवीस का ऐलान- वापस लिए जाएंगे भीमा कोरेगांव हिंसा से जुड़े 592 मामले
सीएम फडणवीस का ऐलान- वापस लिए जाएंगे भीमा कोरेगांव हिंसा से जुड़े 592 मामले

डिजिटल डेस्क, मुंबई। भीमा कोरेगांव हिंसा को लेकर दर्ज 655 मामलों में से 63 को छोड़कर बाकी सभी मामले वापस ले लिए जाएंगे। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को विधानसभा में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 63 मामले गंभीर हैं, इसलिए इन्हें वापस नहीं लिए जाएंगे। इसी तरह मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज 543 मामलों में से 46 को छोड़कर बाकी सभी मामले वापस ले लिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि 46 मामले ऐसे हैं, जिनमें पुलिस वालों पर हमले हुए हैं और घटना के वीडियो मौजूद हैं।

मराठा आरक्षण की मांग के दौरान आत्महत्या करने वाले 42 युवकों के परिवारों को आर्थिक मदद देने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा संकेत नहीं जाना चाहिए कि आत्महत्या करने वालों की मांगें मानी जाती हैं और उनके पीछे सरकार खड़ी रहती है। उन्होंने कहा कि सरकार आत्महत्या करने वाले युवकों के परिवारों को निश्चित रूप से आर्थिक सहायता देगी। NCP के अजित पवार, विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखेपाटील ने आत्महत्या करने वाले युवकों के परिवारों को 15-15 लाख रुपए देने की मांग की थी।

655 मामले दर्ज हुए, 159 वापस ले लिए गए
मुख्यमंत्री ने कहा कि भीमा कोरेगांव हिंसा की प्रतिक्रिया के चलते हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान 655 मामले दर्ज हुए थे, इनमें से 159 वापस ले लिए गए हैं। 275 मामलों में आरोप-पत्र दाखिल हो गया है, उन्हें भी वापस लेने के निर्देश दिए गए हैं। 158 मामलों की अभी जांच चल रही है। आरोप-पत्र दाखिल होने के बाद इन्हें भी वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। वहीं 63 मामलों में सरकार दोषियों पर कार्रवाई करेगी, क्योंकि पुलिसकर्मियों पर हमलों के इन मामलों में सबूत हैं। इसी तरह मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज 66 मामले वापस लेने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। 117 मामलों को वापस लेने के लिए कोर्ट में अर्जी दे दी गई है। 314 मामलों में चार्जशीट दाखिल होने के बाद वापस लिए जाएंगे लेकिन पुलिस वालों पर हमले के 46 मामले वापस नहीं लिए जाएंगे। 

धनगर आरक्षण के लिए विशेष सत्र की नहीं पड़ेगी जरूरत
विखेपाटील व अजित पवार ने धनगर आरक्षण के लिए अगले महीने विधानमंडल का एक दिन का विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी, लेकिन मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी। सीएम ने कहा कि आरक्षण की सिफारिश केंद्र सरकार को भेजी जाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि आदिवासी समाज को मिले आरक्षण को यथावत रखते हुए धनगर समाज को आरक्षण का लाभ दिया जाएगा।

Created On :   30 Nov 2018 3:28 PM GMT

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