ये 6 साल की बच्ची काट लेती है खुद का शरीर, नहीं होता कोई दर्द

6 year old girl does not feel any pain during cut her body
ये 6 साल की बच्ची काट लेती है खुद का शरीर, नहीं होता कोई दर्द
ये 6 साल की बच्ची काट लेती है खुद का शरीर, नहीं होता कोई दर्द

डिजिटल डेस्क,नागपुर। छोटे बच्चे कई बार जिद में खुद को चोट पहुंचा लेते हैं और फिर खूब रोते भी हैं लेकिन एक बालिका खुद को बुरी तरह घायल कर लेती है लेकिन आश्चर्य है इस बालिका को कोई दर्द महसूस नहीं होता।दरअसल छह साल की एक बच्ची की जन्मजात बीमारी ने उसकी मां के साथ ही परिजनों के लिए भी परेशानी खड़ी कर दी है। बालिका कभी खुद को काटती है और चोट भी पहुंचाती है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि किसी भी तरह का सेंसेशन महसूस नहीं होता है यह बात उसके जन्म के 7 माह बीत जाने के बाद परिजनों को पता चली। डॉक्टर के इंजेक्शन लगाने पर उसे कुछ भी महसूस नहीं होता था। डॉक्टरों के अनुसार उसे दुर्लभ बीमारी कंजेनाइटल सेंसरी न्यूरोपैथी की वजह से शरीर में चोट लगने, ट्रॉमा होने और ठंडा-गर्म होने पर सेंसेशन नहीं होता है। ऐसे मामले बहुत कम होते हैं और सालों में देखने को मिलते हैं।

दांत टूटे,होंठ कटे,उंगलियां भी चोटिल

नागपुर निवासी पुलिसकर्मी प्रिया कुंटे की 6 साल की बेटी लावण्या कुंटे को जन्म से ही सेंसेशन नहीं है। इससे भी परेशानी की बात यह है कि वह खुद को काटती है और चोट पहुंचाती है जिससे उसके सारे दांत टूट गए हैं और होंठ कट गए हैं। जमीन पर घिसट कर चलने से एक घुटने में 2 सेंटीमीटर का घाव बन गया है। हाथ की उंगलियां चोटिल हैं, लेकिन बालिका को दर्द नहीं होता है। चौंकाने वाली बात यह है कि गिरने के कारण बालिका का कूल्हा (हिप) डिसलोकेट हो गया, लेकिन पता नहीं चला। चोट लगने के बाद जब शरीर में सूजन दिखी तो परिजनों को पता चला कि उसे चोट लगी है। डॉक्टरों को दिखाने के बाद हैरान कर देने वाला सच सामने आया, उन्होंने बताया कि बालिका को हिप में डेढ़ माह पहले चोट लगी थी। उपचार के लिए उसकी मां नागपुर के साथ बंगलुरु तक भाग-दौड़ कर चुकी है, लेकिन डॉक्टरों ने उपचार करने से पहले ही हाथ खड़े कर दिए। परेशानी की बात यह भी है कि बच्ची के माता-पिता का साढ़े चार साल पहले तलाक हो चुका है और मां की नौकरी के कारण उसकी देखभाल का जिम्मा उसकी बुजुर्ग नानी पर है। 
बच्ची की मां ने पुलिस महासंचालक से अपनी बच्ची का स्पेशल केस होने के कारण महाराष्ट्र पुलिस कुटुंब आरोग्य योजना में उपचार करवाने का निवेदन किया है। साथ ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शहर उपाध्यक्ष अमित दुबे के साथ मिलकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नाम ज्ञापन सौंपा। श्री अमित ने बताया कि बालिका की बीमारी के कारण मां की मानसिक स्थिति सही नहीं हैं और वह अपनी बेटी की बीमारी से बुरी तरह टूट चुकी है।

सरकारी मदद की आशा: बालिका की मां प्रिया कुंटे बताती हैं कि सुबह ड्यूटी पर जाती हूं और शाम को आती हूं। घर पर बेटी को उसकी नानी देखती हैं। बच्ची के उपचार के लिए कर्ज लेकर अब तक मैंने 6 लाख रुपए खर्च किए, इस वजह से आधा वेतन वैसे ही चला जाता है। मैंने मुख्यमंत्री और पुलिस महासंचालक के सामने अपनी समस्या रखी, लेकिन अभी तक सुनवाई नहीं हुई। मैं अपनी बच्ची के उपचार के लिए सिर्फ मदद चाहती हूं।
 
कंजेनाइटल सेंसरी न्यूरोपैथी है बीमारी: इस मामले में मेडिकल के बालरोग विशेषज्ञ डॉ. चंद्रकांत बोकड़े का कहना है कि कंजेनाइटल सेंसरी न्यूरोपैथी के मामले बहुत ही कम देखने को मिलते हैं। ऐसे में मरीज का दिमाग तो काम करता है, लेकिन उसके शरीर को कुछ महसूस नहीं होता है। जन्मजात बीमारी का एक कारण परिवार में किसी को ऐसी बीमारी होना भी होता है। 

Created On :   30 Dec 2017 5:13 AM GMT

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