भावांतर में फर्जीवाड़ा : किसानों से औने पौने दाम पर खरीदा गया 678 क्विंटल सोयाबीन जब्त

678 Quintals Soybean seized, that was Bought from farmers at cheap prices
भावांतर में फर्जीवाड़ा : किसानों से औने पौने दाम पर खरीदा गया 678 क्विंटल सोयाबीन जब्त
भावांतर में फर्जीवाड़ा : किसानों से औने पौने दाम पर खरीदा गया 678 क्विंटल सोयाबीन जब्त

डिजिटल डेस्क शहडोल । व्यापारियों द्वारा भावांतर योजना में शामिल जिंसों की हो रही जमाखोरी का बड़ा मामला उजागर हुआ है। लंबे समय बाद सक्रिय हुए मण्डी के संभागीय उडऩदस्ता दल ने चार अलग-अलग स्थानों पर छापामार कार्रवाई की, जिसमें 678 क्विंटल सोयाबीन पाया गया। इसके अलावा अन्य उपज भी अवैध रूप से बिना अनुबंध पत्रक के संग्रहित पाये गये। इन्हें जब्त कर अग्रिम कार्रवाई के लिए मामला कृषि उपज मण्डी के सुपुर्द किया गया है।
कहां कितना मिला स्टॉक
उडऩदस्ता दल ने सोमवार को अनेक व्यापारियों के गोदामों की जांच पड़ताल की। इस दौरान अमरहा के पास के गांव सिगुड़ी में विकास टेडर्स के प्रोपाइटर राजकिशोर गुप्ता के यहां 262 क्विंटल सोयाबीन गोदाम में तथा 400 बोरियों में भरा 240 क्विंटल सोयाबीन वाहन क्रमांक एमपी 18 जीए 0575 में मिला। जिसे परिवहन की तैयारी चल रही थी। विकास टेडर्स के यहां से ही 30 क्विंटल गेहूं, महुआ 4 क्ंिवटल, मक्का 12, बजरी 11 तथा तथा मसूर 3.5 क्विंटल का स्टॉक पाया गया। इसी प्रकार अनूपपुर जिले के ग्राम सरई में घेना नायक के यहां से 20 क्विंटल मक्का अवैध रूप से संग्रहित पाया गया। जयसिंहनगर क्षेत्र के ग्राम चितरांव में संजय गुप्ता के यहां 50 बोरियों में भरा 20 क्विंटल महुआ मिला। वहीं ग्राम कठौतिया में महामाया टेडर्स के प्रोपाइटर धु्रव सिंह के गोदाम में 176 क्विंटल सोयाबीन का स्टॉक पाया गया। उपरोक्त फसलों के स्टॉक मामले में संबंधित व्यापारियों के पास अनुबंध पत्रक नहीं मिले। जिसे स्थानीय स्तर पर खरीदी करना बताया गया।
फर्जीवाड़े का परिणाम
उडऩदस्ता की कार्रवाई में मिले अवैध स्टॉक भास्कर की उस  खबर को पुष्ट करता है, जिसमें यह मामला प्रशासन के सामने लाया गया था कि किस प्रकार बिना मण्डी तक लाये ही अनुबंध पत्रक जारी किए जा रहे हैं। प्रशासन की सख्ती के बाद भी मण्डी निरीक्षकों की मिलीभगत से उपज को मण्डी प्रांगण तक लाये बिना ही गांव जाकर किसानों से खरीदी के बाद अनुबंध बनाए जा रहे हैं।
कहां से आया बंपर उपज
सोमवार को मण्डी प्रांगण अनाज से भर गया। पुराने सेड पर जगह नहीं होने के कारण नये सेड में अनाज लाकर रखा गया। एक दिन में लगभग 1500 क्ंिवटल अनाज की आवक हुई। माना जा रहा है कि यह वही उपज है जिसे व्यापारियों द्वारा प्रशासन की मनाही के बावजूद गांव-गांव जाकर खरीद लिए गए। अभी तक इस खरीदी को वैध बनाने के लिए फौरी तौर पर अनुबंध पत्रक बनाने का कार्य किया जा रहा था। लेकिन जब दैनिक भास्कर ने इस फर्जीवाड़े को उजाकर किया तब प्रशासन सजग हुआ। मण्डी का उडऩदस्ता निरीक्षण पर पहुंचा। मैदानी अमला भी सजग हुआ। अभी तक संबंधित विभागों द्वारा यह कहकर गुमराह किया जाता रहा कि भावांतर जिंसों का उपज जिले में बहुत है। लेकिन सोमवार को हुई बंपर आवक ने इस भ्रांति को झुठला दिया।
जांच के बाद हो कड़ी कार्रवाई
व्यापारियों व जनप्रतिनिधियों ने भावांतर में चल रहे फर्जीवाड़े की जांच कर कड़ी कार्रवाई की बात कही है। मुख्यमंत्री जनकल्याण प्रकोष्ठ मप्र की सह संयोजक श्रीमती शालिनी सरावगी ने कहा कि यह योजना की मुख्यमंत्री की प्राथमिकता में है। किसानों को वाजिव हक दिलाने के लिए प्रशासन को सख्ती बरतनी चाहिए। प्रकोष्ठ के जिला संयोजक व जिला व्यापारी संघ के अध्यक्ष लक्ष्मण गुप्ता ने कहा कि फर्जी किसान बनकर उपज बेचने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई हो। मण्डी में व्यापारी सदस्य अनिल रोहरा ने सवाल उठाये कि प्रशासन की कड़ाई के बाद बंपर उपज मण्डी तक पहुंचना साबित करता है कि फर्जी तौर पर अनुबंध बनाने का खेल चल रहा था, जिसमें मण्डी के दो निरीक्षकों की मिलीभगत थी।
इनका कहना है
 निरीक्षण के दौरान बिना अनुबंध के मिले भावांतर व अन्य जिंसों के मामले में प्रकरण बनाकर मण्डी प्रशासन को सौंप दिया गया है।
बुद्धसेन वर्मा, प्रभारी संभागीय उडऩदस्ता

 

Created On :   21 Nov 2017 7:56 AM GMT

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