रिवॉल्वर तान कर 80 लाख की डकैती, नेपियर टाउन कलर लैब व्यापारी के घर को बनाया निशाना

80 lakh robbery in Napier Town Color Lab Traders House
रिवॉल्वर तान कर 80 लाख की डकैती, नेपियर टाउन कलर लैब व्यापारी के घर को बनाया निशाना
रिवॉल्वर तान कर 80 लाख की डकैती, नेपियर टाउन कलर लैब व्यापारी के घर को बनाया निशाना

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। जबलपुर के सबसे पॉश इलाकों में से एक नेपियर टाउन में कलर लैब व्यापारी के घर में रविवार की देर रात सात-आठ हथियारों से लैस  बदमाशों ने घुसकर पूरे परिवार को बंधक बनाकर डकैती की वारदात को अंजाम दिया। नकाबपोश बदमाशों ने बुजुर्ग व्यापारी और उनके बेटे पर रॉड से हमला कर दोनों को घायल करने के बाद महिलाओं और बच्चे पर रिवॉल्वर तानकर सभी को एक कमरे में ले जाकर बंधक बना लिया। इसके बाद चादरें फाड़कर सभी के हाथ-पैर और चेहरे तक बांध दिए, 40 मिनट  तक पूरे घर को खंगालने के बाद डकैत परिवार के सभी सदस्यों के मोबाइल फोन, 5 लाख रुपए नकद और 75 लाख की ज्वेलरी बटोरकर  भाग निकले।

8 टीमें बनाकर जांच शुरू, इन पर शक
डकैतों के जाने के बाद पीड़ित परिवार ने मदद के लिए आवाजें लगाईं जिसे सुनकर एक पड़ोसी ने डायल 100 पर फोन लगाकर पुलिस को बुलाया। घटना की जानकारी लगने के बाद आईजी अनन्त कुमार सिंह, डीआईजी भगवत सिंह चौहान, एसपी कुमार सौरव समेत जिले भर के पुलिस अफसर मौके पर पहुंचे। करीब एक घंटे की छानबीन और घर में लगे सीसीटीवी कैमरों के फूटेज चेक करने के बाद पता चला कि डकैत व्यापारी के घर के सामने रेल लाइन से लगे  खाली प्लॉट के रास्ते आए थे और वारदात को अंजाम देने के बाद उसी रास्ते से भागे थे। ओमती थाने में डकैती का अपराध दर्ज करने के बाद पुलिस अधिकारियों ने 8 टीमें बनाकर जांच शुरू की।  पुलिस को इस मामले में कटनी के रीठी और होशंगाबाद जिले के सोहागपुर से लगे गांवों में रहने वाले पारधी गिरोह पर शक है, जिसको लेकर हर पहलू पर जांच की जा रही है।

बदमाश ने अड़ाई रिवॉल्वर
रसल चौक स्थित रूपकला कलर लैब के संचालक कृष्ण कुमार अग्रवाल का नेपियर टाउन करीब मार्ग मकान है। जहां वे अपनी पत्नी कांति अग्रवाल, बेटे-बहू और 10 वर्षीय पोते के साथ रहते हैं। रोज की तरह अग्रवाल का परिवार रात 12 बजे के बाद अपने-अपने कमरों में सोने चला गया था। रात करीब ढाई बजे घर का डॉग जोर-जोर से भौंकने लगा, जिस पर पहली मंजिल पर रहने वाले अग्रवाल के बेटे निखिल अग्रवाल ने अपने कमरे की बालकनी से झांककर नीचे देखा। लेकिन डॉग के लगातार भागने और परेशान होने पर निखिल नीचे आए और ड्रॉइंग रूम में लगी स्क्रीन पर घर के सभी सीसीटीवी कैमरों को चेक किया। लेकिन बाहर कोई नहीं दिखने के बाद वे मेन दरवाजे के पास पहुंचे और कांच से बाहर झांककर देखने के बाद जैसे ही चटकनी खोली एक बदमाश उनके सीने में रिवॉल्वर अड़ाते हुए अंदर घुस गया।

सिर पर रॉड जैसे हथियार से हमला
जिसके साथ तीन अन्य चाकू, रॉड व अन्य औजारों से लैसे नकाबपोश भी धड़धड़ाते हुए अंदर घुसे और निखिल को जकड़ लिया। निखिल के विरोध करने पर एक बदमाश ने उनके सिर में रॉड जैसे हथियार से हमला कर दिया। इसी बीच ऊपर वाले कमरे से निखिल की पत्नी वर्षा और बेटा तनुष भी नीचे आए गए, बदमाशों ने सभी को शांत रहने की हिदायत दी। वर्षा घबराहट में पापा-पापा चिल्लाने लगीं, जिसके बाद बदमाश तीनों को श्री केके अग्रवाल और उनकी पत्नी कांति अग्रवाल के कमरे में ले गए, दरवाजा खुलते ही एक बदमाश ने श्री अग्रवाल के सिर पर रॉड मार दी, जिसके कारण उनके सिर से खून की बौछार छूटी और फिर पूरा अग्रवाल परिवार दहशत में चुप होकर खड़ा हो गया। इसके बाद बदमाशों ने  सभी पकड़कर नीचे वाले एक कमरे में बंधक बना लिया।  

चादर फाड़कर हाथ-पैर, चेहरे बांधे
कमरे में जाने के बाद एक बदमाश लगातार धमकियां देते हुए सभी पर रिवॉल्वर ताने रहा और तीन अलग-अलग कमरों से चादरें लेकर आए और उन्हें फाड़-फाड़कर सभी के हाथ-पैर और चेहरों में बांधने लगे। कुछ देर बाद तीन और बदमाश घर में घुस गए। अग्रवाल परिवार को बंधक बनाने के बाद सभी बदमाश लगातार कहते रहे कि हम किसी की जान से नहीं खेलते, हमें तो सिर्फ 50 लाख रुपए चाहिए, बताओ घर की चाबियां कहां रखीं हैं। डकैतों में से एक युवक उनका सरगना था, जो लगातार अपने दूसरे साथियों को गालीगलौज करते हुए निर्देश देता रहा। 

बार-बार बेटे को उठाकर देते रहे धमकी
घर खंगालने के साथ बदमाश बार-बार निखिल के बेटे तनु को टारगेट करते हुए उसे उठा लेने की धमकी देते हुए चाबियां मांग रहे थे। जिस पर निखिल की मां ने बदमाशों को घर की सभी चाबियां दे दीं।   इसके बाद बदमाशों ने घर की एक-एक आलमारी के साथ, पलंग के कवर्ड और चप्पे-चप्पे को खंगालने के बाद करीब 75 लाख कीमती सोने-चांदी और हीरों के आभूषण व 5 लाख रुपए नकद एकत्रित किए और भाग निकले। 

आवाजें सुनकर पड़ोसी ने पुलिस बुलाई
बदमाशों के जाते ही निखिल अपने साथ सभी के हाथ खोले, सास-बहू जोर-जोर से चिल्लाते हुए छत पर पहुंचीं, जिसके बाद घर के पीछे आशियाना अपार्टमेन्ट में रहने वाले संजय पालीवाल ने डायल 100 पर फोन लगाकर पुलिस को खबर दी। जबलपुर जोन के आईजी अनंत कुमार सिंह ने कहा कि घटना की गंभीरता को देखते हुए हमने अज्ञात आरोपियों पर 30 हजार का ईनाम घोषित कर दिया है और 8 टीमें गठित कर दी हैं, जिनका नेतृत्व एएसपी स्तर के अधिकारी कर रहे हैं। जल्द ही हम किसी ठोस निर्णय पर पहुंचेंगे।

Created On :   7 May 2018 6:39 PM GMT

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