लोणार सरोवर के संरक्षण और संवर्धन के लिए सुझाव देने समिति गठित

A committee situated for protection of lonar lake Maharashtra
लोणार सरोवर के संरक्षण और संवर्धन के लिए सुझाव देने समिति गठित
लोणार सरोवर के संरक्षण और संवर्धन के लिए सुझाव देने समिति गठित

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बुलढाणा में स्थित लोणार सरोवर के संरक्षण व संवर्धन के लिए वनक्षेत्र में किए जा सकने वाले उपाय योजना के बारे में सुझाव के लिए समिति गठित की गई है। मेहकर विधानसभा सीट से शिवसेना विधायक संजय रायमूलकर की अध्यक्षता में समिति बनाई गई है।

प्रदेश सरकार के राजस्व विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है। इसके अनुसार समिति को लोणार सरोवर के पानी का स्तर स्थिर रखने, सरोवर परिसर में वनक्षेत्र में प्रभावी रूप से जलसंरक्षण करने, सरोवर के आसपास के वनक्षेत्र के नैसर्गिक पेड़ों का संरक्षण करने और अभयाण्य क्षेत्र के वन व वन्यजीव के अधिवास के विकास करने के बारे में सुझाव देना पड़ेगा।

सरकार ने समिति को एक महीने के भीतर स्वयं स्पष्ट रिपोर्ट सौंपने को कहा है। सरकार की ओर से गठित समिति में सदस्य के रूप में लोणार नगर परिषद के मुख्य अधिकारी, मेहकर के उप विभागीय अधिकारी, भूजल सर्वेक्षण तथा विकास एजेंसी के वरिष्ठ भूवैज्ञानिक और आर्कियालॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के निरीक्षक को शामिल किया जाएगा।

अकोला के विभागीय वन अधिकारी (वन्यजीव) समिति के सदस्य सचिव होंगे। इसके अतिरिक्त आवश्यकता अनुसार समिति विशेषज्ञ व्यक्तियों की सहायता ले सकती है। इससे पहले 28 जून को विधानसभा में विधायक रायमूलकर समेत अन्य सदस्यों ने वैज्ञानिक दृष्टि से महत्वपूर्ण लोणार सरोवर का क्षारयुक्त खारा पानी तेजी से कम होने का मुद्दा उठाया था। इस पर प्रदेश के वनमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने रायमूलकर की अध्यक्षता में समिति बनाने की घोषणा की थी।

कत्तलखाना बंद करने का मिला अधिकार

इसके अलावा अब प्रदेश के नगर निकाय क्षेत्रों (शहरी इलाके) में कत्तलखाना बंद करने का अधिकार अब संबंधित महानगर पालिका आयुक्त और नगर पालिका के मुख्याधिकारी के पास होगा। स्थानीय नागरिकों की मांग के अनुसार कत्तलखाना बंद करने संबधी प्रस्ताव को महानगर पालिका अथवा नगर पालिका की महासभा में पेश किया जाएगा। इसके बाद स्थानीय परिस्थिति के अनुसार मनपा आयुक्त और नपा मुख्याधिकारी को फैसला लेना होगा। राज्य सरकार के नगर विकास विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है। इसके अनुसार बाम्बे मटन डीलर एसोसिएशन की याचिका की सुनवाई में बाम्बे हाईकोर्ट द्वारा दिए गए अंतरिम आदेश के अनुसार सरकार ने फैसला किया है। सरकार मुताबिक राज्य में कत्तलखाना बंद करने से मांसाहारी जनता को परेशानी न हो और शाकाहारी जनता के विचारों का आदर रखा जा सकेगा।


इसके लिए मुंबई महानगर पालिका अधिनियम और महाराष्ट्र महानगर पालिका अधियनिम और महाराष्ट्र नगर परिषद, नगर पंचायत और औद्योगिक नगरी अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार संबंधित मनपा आयुक्त और नगर पालिका के मुख्याधिकारी को अधिकार प्रदान किए गए हैं। वे अपने कार्य अधिकार का इस्तेमाल अपने कार्यक्षेत्र के नागरिकों की मांग के अनुसार नगर निकाय के महासभा में प्रस्ताव पेश करके स्थानीय परिस्थिति के मुताबिक उचित फैसला कर सकते हैं।इससे पहले सरकार ने जैन समुदाय के पर्युषण पर्व के दौरान कत्तलखाना और मांस बिक्री की दुकानों को बंद रखने के लिए साल 2004 में शासनादेश जारी किया था, लेकिन कत्लखाना और मांस बेचने वाले दुकानदारों ने इस फैसल को अदालत में चुनौती दी थी।

Created On :   30 Jun 2019 6:12 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story