तेज गर्मी के कारण बीज जल जाने से दो किसानों ने की आत्महत्या

A farmer of Yavatmal, who was worried about the sowing again, committed suicide
तेज गर्मी के कारण बीज जल जाने से दो किसानों ने की आत्महत्या
तेज गर्मी के कारण बीज जल जाने से दो किसानों ने की आत्महत्या

डिजिटल डेस्क, यवतमाल। बुआई करने के बाद बीज अंकुरित हुए, लेकिन कड़ी धूप से पूरी तरह जल गए। दुबारा बुआई की चिंता में घिरे यवतमाल के एक किसान ने आत्महत्या कर ली। घटना वणी के वांजरी गांव में शनिवार को घटी। 

जानकारी के अनुसार, शंकर बापूराव देऊलकर (40) के पास 4 एकड़ खेती है। उसके साथ उसने पड़ोसी किसान की खेती भी मक्ते पर ले रखी थी। मृग नक्षत्र में बारिश होने से उसने जुगाड़ कर बीज खरीदा था। उसने बीजों की बुआई की। इसके लिए सहकारी संस्था से भी कुछ राशि शंकर को मिली थी। बुआई के बाद अंकुर तो फूट गए, लेकिन लंबे समय से बारिश नदारद हो गई जिससे यह अंकुर कड़ू धूप में झुलस गए। जिससे फिर से बुआई के लिए पैसे कहां से आएंगे इस चिंता में किसान शंकर परेशान था। शुक्रवार की रात में भोजन करने के बाद गांव के कुछ दोस्तों के साथ बातें करते बैठा था।

शंकर अंदर ही अंदर काफी परेशान था। सुबह वह खेत में गया। उसने बोतल में रखा पेट्रोल खुद पर छिड़क लिया और माचिस की तिली से आग लगा ली। जिसमें वह 90 फीसदी झुलस गया। इस घटना की जानकारी मिलते ही ग्रामवासियों ने खेत की ओर दौड़ लगाई। उसे गंभीर अवस्था में वणी के एक निजी अस्पताल में दाखिल किया गया। जहां से उसकी हालत चिंताजनक होने के कारण चंद्रपुर जिला अस्पताल भेजा गया, लेकिन अस्पताल ले जाने के पहले रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। जिससे उसका पार्थिव देह वणी ग्रामीण अस्पताल लाया गया। वणी के अस्पताल में लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। शंकर के परिवार में पत्नी व दो पुत्र हैं। पुलिस ने मामला दर्ज किया है। खरीफ सीजन की बुआई कर चुके किसानों में बारिश के गायब होने से फसल को लेकर चिंता देखी जा रही है।

दूसरी घटना केलापुर तहसील के सोनुर्ली गांव की है। यहां के किसान विजय श्यामराव झोटींग (48) ने  खेत के पेड़ को रस्सी बांध कर फांसी लगा ली।  घटना शनिवार की है। इस किसान के पास 5 एकड असिंचाई वाली खेती थी। खेत में कपास, तुअर, सोयाबीन के बीज की बुआई की थी। उसके अंकुर निकले थे मगर कड़ी धूप के कारण फिर बुआई का संकट निर्माण हुआ था। बीज की व्यवस्था कैसे करना यह चिंता उसे सता रही थी। किसान का पुत्र नयन जगदंबा इंजीनियरिंग में मैकेनिकल के अंतिम वर्ष में अध्ययन रत है। उसकी फीस भी भरनी थी।  पुत्री मिनल यवतमाल के दाते कॉलेज में 75 फीसदी अंक लेकर पास हुई थी। उसका एडमिशन कराना था। जिसके चलते वह परेशान था। उसी के चक्कर में उसने आत्महत्या की।

Created On :   23 Jun 2018 1:17 PM GMT

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