बांध के बीच चलवा दी जेसीबी, नाली बनाकर खेतों तक ला रहे पानी

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
बांध के बीच चलवा दी जेसीबी, नाली बनाकर खेतों तक ला रहे पानी

डिजिटल डेस्क सतना। दबंगों की दबंगई ऐसी की अधिकारियों से सेटिंग कर बीच बांध में ही जीसीबी चला दी। दबंगों के इशारे पर बीच डेम से बड़ी नाली बना दी, जिसके बाद डेम का पानी नहर के माध्यम से दबंग अपने खेतों तक ले जाकर सिंचाई कर रहे हैं। ग्रमीणों में इसको लेकर अक्रोश है और वे अब आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते इस पर कार्रवाई नहीं की गई, तो गर्मी के दिनों में लोग पानी को तरसेगें। विभागीय अधिकारियों के लापरवाह रवैए के कारण लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

5 प्रतिशत सूख चुका है बांध
75 प्रतिशत सूख चुके बांध के बीच में जेसीबी से गहरी नाली खोदकर नहर के मुहाने तक पानी ले जाया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि विभाग के अधिकारी कुछ दबंगों के दबाव में और डैम का पानी गहरी नालियों के जरिए नहर में तथा नहर से रसूखदारों के खेत तक ले जाना चाहते हैं। ऐसा करने से डैम में गर्मियों के दिन में एक बूंद भी पानी शेष नहीं रह जाएगा। लोगों का यह आरोप है कि जल संसाधन विभाग के अधिकारी सुनियोजित साजिश के तहत बांध के पानी को शुरू से ही निकालने पर आमादा हैं।

बारिश के बाद बहाया गया पानी
बताया जाता है कि दो वर्षों से कुलगढ़ी जलाशय पूरा भरा ही नहीं। उस दौरान खेतों की सिंचाई के नाम पर नहर का गेट खोल दिया गया और किसानों की शिकायत के बाद भी ढाई-तीन महीने तक बेवजह पानी बहाया गया। लोगों का कहना है कि जिस समय पर बांध को लबालब रहना चाहिए, उसी समय वह 60 प्रतिशत खाली हो चुका था।  अब स्थिति यह है कि 80 फीसदी बांध खाली हो चुका है। जो कुछ बीच में थोड़ा पानी बचा भी है उसे गहरी नालियां खोदकर नहरों में छोड़ा जा रहा है।

तो प्यासे मरेगे जनवार
गर्मी के दिनों में परसमनिया पठार से लेकर पोड़ी-पतौरा तक के पालतू और जंगली जानवरों की प्यास बुझाने के लिए यही एक सहारा होता है। यदि इस बांध का पूरा पानी ऐसे सोख लिया गया तो फिर जानवर प्यासे मरेंगे। वैसे भी यह डैम कुलगढ़ी के नाम से मंजूर हुआ था, जबकि बनाया गया 5 किलोमीटर दूर। वर्ष 1993 और 95 में जब सतना शहर में पानी की त्राहि-त्राहि मची हुई थी, उस समय इसी जलाशय से सतना के लिए पानी ले आया गया था। लोगों का कहना है कि जल संसाधन विभाग के अधिकारी  इस संबंध में कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं यह समझ के परे है। बताया जाता है कि इस बांध से आसपास के लगभग 10 गांवों में जल स्तर बना रहता है

 

Created On :   10 Dec 2018 7:57 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story