पेंच टाइगर रिजर्व : बाइक की टक्कर से तेंदुए के शावक की मौत

a Leopard cubs died in bike accident in pench tiger reserve nagpur district
पेंच टाइगर रिजर्व : बाइक की टक्कर से तेंदुए के शावक की मौत
पेंच टाइगर रिजर्व : बाइक की टक्कर से तेंदुए के शावक की मौत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पेंच टाइगर रिजर्व नागपुर के अंतर्गत एक बाइक चालक ने तेज रफ्तार से गाड़ी चलाते हुए तेंदुए के शावक को टक्कर मार दी। जिससे शावक की जान चली गई। घटना  गुरुवार की सुबह के वक्त उजागर हुई। सूचना मिलते ही नागपुर से चिकित्सकों की टीम वहां पहुंची। जहां नियमानुसार कार्रवाई की गई। हैरत की बात यह है, कि जिस मार्ग पर शावक मृत अवस्था में मिला है, उस मार्ग पर 20 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ऊपर न चलने के सूचना फलक लगाये गए हैं। बावजूद इसके शावक की मौत होना यहां चलनेवाली गाड़ियों की रफ्तार को उजागर कर रहा है।

विदर्भ का पेंच व्याघ्र प्रकल्प में वन परिक्षेत्र कुल 741.22 स्क्वेयर किलोमीटर में फैला है। जिसमें 311.10 बफर क्षेत्र है। वही 430.12 स्क्वेयर  किलोमीटर का क्षेत्र कोर एरिया है। बफर इलाका बहुत ज्यादा होने से यह इलाका कई ऐसे मार्ग को छूकर निकलता है, जहां गाड़ियों का आवागमन तेज रहता है। ऐसे में आये दिन सड़कों पर गुजरनेवालों को तेंदुआ, भालू यहां तक बाघ भी दिखते हैं। ऐसे में छोटे जानवरों का दिखना आम है। गाड़ियों की टक्कर में इससे पहले भी कई वन्यजीवों की जान गई है। ऐसे में यहां कुछ-कुछ दूरी पर सूचनाफलक लगाये गए हैं। जिसमें वाहनधारकों को 20 से ज्यादा की स्पीड में  गाड़ियां नहीं चलाने के लिए फलक लगाए गए हैं। लेकिन पवनी-सिल्लारी रोड पिंपरिया गांव के समीप गुरुवार की सुबह एक घटना उजागर हुई है। जिसमें एक कुछ ही महीने का शावक सड़क के बीच मृत अवस्था में मिला। उसके शरीर कोई निशान नहीं था, लेकिन मुंह से खून निकल रहा था।

किसी वाहनधारक ने इसकी जानकारी वन विभाग के कंट्रोल को दी। जिसके बाद नागपुर से तुरंत एक डॉक्टरों की टीम घटनास्थल पर पहुंची। अभी शावक के मौत का कारण नहीं पता चला है। लेकिन प्राथमिक अंदाज के अनुसार इसकी मौत बाइक की टक्कर होने की बात कही जा रही है। विदर्भ में आये दिन जंगल क्षेत्र के आस-पास सही तरह से उपाययोजना नहीं करने से वन्यजीव वाहनों की चपेट में आ रहे हैं। जिससे आंकड़ा प्रति वर्ष बढ़ते जा रहा है। इसमें बाघों की मौत भी हो रही है। ज्यादातर तेंदुए इसकी चपेट में आते हैं। रात के वक्त सड़कों पर वाहनों की आवाजाही कम होने से जानवर सड़कों पर आ जाते हैं। ऐसे में तेज रफ्तार से आनेवाले वाहन इनसे टकराते हैं। उपरोक्त घटना भी इसी तरह होने की अनुमान वन विभाग लगा रहा है।

Created On :   11 Oct 2018 10:33 AM GMT

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