बैटरी चोर को लोगों ने पीट-पीट कर मार डाला

A man brutally murdered for charges of battery theft in nagpur
बैटरी चोर को लोगों ने पीट-पीट कर मार डाला
बैटरी चोर को लोगों ने पीट-पीट कर मार डाला

डिजिटल डेस्क, नागपुर। एक व्यक्ति को पीट-पीट कर लोगों ने मौत के घाट उतार दिया। कहा जाता है कि ट्रक की बैटरी चोरी करते हुए वह रंगे हाथ पकड़ा गया था। फिलहाल मामले को आकस्मिक मृत्यु के तौर पर दर्ज किया गया है, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही हकीकत का खुलासा होगा।  

यह है पूरा मामला
बड़ा ताजबाग सिंधीबन निवासी सैयद अकबर सैयद नाझर (45) पेशे से निजी वाहन चालक था, मगर वह कभी-कभार ही वाहन चलाता था। वह चोरी की घटनाओं में भी लिप्त रहा है। सक्करदरा थाने में उसके खिलाफ चोरी के मामले दर्ज हैं। उसे दिघोरी नाका के पास स्थित पेट्रोल पंप के पास खड़े ट्रक से बैटरी चोरी करते हुए  रंगे हाथ पकड़ा और चार-पांच लोगों ने जमकर पिटाई कर दी। हालांकि सैयद अकबर की मौत होने तक पीटने से इनकार किया जा रहा है। पुलिस मौके पर पहुंची। सैयद को बेहोशी की हालत में मेडिकल अस्पताल ले जाया गया, जहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सैयद अकबर की पत्नी का देहांत हो चुका है। उसकी तीन पुत्रियां हैं। पुत्रियों ने बताया कि गत दो-तीन दिन से वह घर नहीं आया था। 

नशे की हालत में मिला था
घटना के दौरान सैयद नशे में था, इससे यह भी कयास लगाया जा रहा है कि नशे में होने से गर्मी के दिनों में पानी नहीं मिलने के कारण उसकी मौत हुई होगी। चोरी करते हुए रंगे हाथों पकड़े जाने से घबराहट के चलते दिल दौरा पड़ने की भी आशंका व्यक्त की जा रही है। प्रारंभिक तौर पर आला पुलिस अधिकारियों के मागदर्शन पर उपनिरीक्षक मोहारे ने आकस्मिक मृत्यु का प्रकरण दर्ज किया है, जांच जारी है। 

शव पर नहीं मिले कोई निशान
शव पर कोई भी निशान नहीं मिले हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद भी मौत की सही वजह का खुलासा हो पाएगा। 
-डॉ.भूषणकुमार उपाध्याय,पुलिस आयुक्त, नागपुर शहर पुलिस 

फैसला ऑन द स्पॉट की तर्ज पर यह कैसा ‘न्याय 
अगर किसी ने कोई अपराध किया है तो उसे सजा देने का काम पुलिस और न्याय व्यवस्था का है। भीड़ को कोई हक नहीं कि वह किसी की भी पीट-पीटकर हत्या कर दे। अगर सड़कों पर इन्साफ की अनुमति दे दी जाए तो पूरे देश में अराजकता की स्थिति पैदा हो जाएगी। 

सुप्रीम कोर्ट भी हुआ था सख्त
ऐसी घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया था। शीर्ष अदालत ने राज्य सरकारों से कहा था कि आम जनता को इस बारे में जागरूक करने के लिए रेडियो, टीवी और अन्य प्लेटफार्मों तथा गृह विभाग एवं राज्यों की पुलिस की अ​धिकृत वेबसाइटों पर इस बात का प्रचार करना चाहिए कि किसी भी तरह की भीड़ हिंसा के कानून के तहत गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। 

Created On :   30 March 2019 8:22 AM GMT

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