लोकसभा के लिए दिल्ली में गठबंधन करेंगे आप-कांग्रेस, टेंशन में BJP !

AAP and Congress will come together in Delhi, to take BJP challenge
लोकसभा के लिए दिल्ली में गठबंधन करेंगे आप-कांग्रेस, टेंशन में BJP !
लोकसभा के लिए दिल्ली में गठबंधन करेंगे आप-कांग्रेस, टेंशन में BJP !
हाईलाइट
  • अगले आम चुनाव में बीजेपी को साधने के लिए दोनों दलों के बीच कुछ न कुछ तो तैयारी की जा रही है।
  • 4 लोकसभा और 10 विधानसभा सीटों पर हाल ही में हुए उप-चुनावों में बीजेपी को केवल 2 सीटें मिलीं
  • जबकि विपक्षी दल बाकी सीटें अपने खाते में करने में सफल रहे हैं।
  • विपक्षी दलों ने बीजेपी के खिलाफ इस चुनाव में मिल कर चुनाव लड़ा।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 4 लोकसभा और 10 विधानसभा सीटों पर हाल ही में हुए उप-चुनावों में बीजेपी को केवल 2 सीटें मिलीं, जबकि विपक्षी दल बाकी सीटें अपने खाते में करने में सफल रहे हैं। विपक्षी दलों ने बीजेपी के खिलाफ इस चुनाव में मिल कर चुनाव लड़ा। इन चुनावी नतीजों ने विपक्षी दलों को उत्साह से भर दिया है। इसके बाद नए-नए गठबंधन वजूद में आ रहे हैं। बदली परिस्थिति में जहां आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की तारीफ की है। इसे आप और कांग्रेस की भावी निकटता के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। एक अन्य आप नेता दिलीप पांडे ने स्वीकार किया कि गठबंधन के लिए कांग्रेस के नेता पार्टी से संपर्क में है। इन दो संकेतों से स्पष्ट हो जाता है कि अगले आम चुनाव में बीजेपी को साधने के लिए दोनों दलों के बीच कुछ न कुछ तो तैयारी की जा रही है। 

 



उप-चुनाव के नतीजों ने जगाई उम्मीद 


उप-चुनावों में गठबंधन उम्मीदवारों की जीत से सभी विपक्षी दलों में उम्मीद जगी है। आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन की बात काफी आगे बढ़ चुकी है। शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन और आप नेता दिलीप पांडेय के ट्वीट ने इसअटकल को मजबूती दी है। हालांकि, माकन के ट्वीट का दिलीप पांडेय की ओर से दिए गए जवाब से इतना तो साफ हो गया कि फिलहाल स्थिति साफ नहीं है। सीटों के बंटवारे को लेकर अभी स्थिति साफ नहीं है। दोनों पार्टियां एक-दूसरे को कम आंक रही हैं, लेकिन उनके बीच इस मसले में सहमति कायम करने के प्रयास किए जा रहे हैं। 

 


 

 

 

आप और कांग्रेस दोनों के पास ज्यादा विकल्प नहीं 


कांग्रेस और आप के बीच सीटों के बटवारे को लेकर भले ही विवाद हो लेकिन दोनों दल यह बात अच्छी तरह जानते हैं कि अगर दिल्ली में अगर बीजेपी को रोकना है, तो दोनों को गठनबंधन करना होगा। कांग्रेस की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि अगर बीजेपी को हराना है तो गठबंधन करना होगा। अजय माकन ने कहा कि ‘आप’ की लोकप्रियता गिर रही है। एमसीडी और उपचुनाव में यह साफ हो गया है कि उनका वोट आधार तेजी से कम हो रहा है। इसके विपरीत कांग्रेस का मतदाता आधार लगातार बढ़ रहा है। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा कि गठबंधन के बारे में फिलहाल कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। यह गठबंधन हाईकमान को करना है। दूसरी पार्टी कौन होती है सीटें तय करने वाली। पूर्व सांसद जयप्रकाश अग्रवाल ने कहा कि समझौता बिल्कुल नहीं होना चाहिए। कांग्रेस दिल्ली में काफी मजबूत है। अरविंदर सिंह लवली ने भी गठबंधन की आलोचना करते हुए कहा कि आप का कांग्रेस से कोई मुकाबला नहीं है। 

 

 



स्थानीय नेता कर रहे विरोध 


दिल्ली में 7 लोकसभा सीटें हैं। आप और कांग्रेस के बीच दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर एकसाथ चुनाव लड़ने की बात पिछले महीने उठी थी। उस समय कांग्रेस ने इस बात से इनकार किया था। हालांकि पर्दे के पीछे की कहानी यह है कि काफी समय से दोनों दलों के बीच गठबंधन की बातें हो रही हैं, जो सीटों के बंटवारे पर असहमति की वजह से सामने आ गई है। कांग्रेस के शीर्ष नेता रेंद्र मोदी को केंद्र से हटाने के लिए हर कुछ भी करने के लिए तैयार हैं। जबकि, प्रदेश कांग्रेस के नेताओं को गठबंधन की वजह से अपना राजनीतिक कैरियर डूबता नजर आ रहा है। जिसकी वजह से कांग्रेस के संभावित उम्मीदवारों और नेताओं में हलचल मच गई है। ये सभी लोग गठबंधन का विरोध कर रहे हैं। सभी नेताओं ने इसका विरोध किया है। दिल्ली की स्थिति अब पहले से अलग हो चुकी है। पहले कांग्रेस और बीजेपी में सीधी टक्कर होती थी, लेकिन आप के अब त्रिकोणीय मुकाबला हो गया है, जिसमें बीजेपी को फायदा होता दिख रहा है। 

आप ने शुरू की लोकसभा चुनाव की तैयारी 


आप द्वारा कराए गए एक आंतरिक सर्वे में सामने आया है कि दिल्ली में आप की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। इस रिपोर्ट के आने के बाद आप ने अगले साल होने वाले आम चुनाव की अभी से तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी ने शुक्रवार सुबह दिल्ली की 5 लोकसभा सीटों के लिए इंचार्ज बना दिए हैं। इनकी जिम्मेदारी होगी कि वे इन लोकसभा सीटों में कार्यकर्ताओं के साथ जमीनी स्तर पर काम करके बूथ लेवल पर पार्टी को मजबूत करें और नए लोगों को पार्टी के साथ जोड़ें। इसे लोकसभा चुनावों की तैयारियों के लिए बड़ा कदम बताया जा रहा है। पार्टी की तरफ से बताया गया कि 5 सीनियर नेताओं को 5 लोकसभा सीटों में संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। 

अभी अपने सारे पत्ते नहीं खोलेगी "आप" 


5 सीटों पर आप प्रभारियों के नामों की घोषणा के बाद दिल्ली में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। इससे भी लोगों ने अनुमान लगाना शुरू कर दिया है कि अगले साल होने वाले आम चुनाव में दोनों दलों के बीच सीटों का बटवारा हो गया है। यही वजह है कि आप ने केवल 5 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। यह सवाल इसलिए भी उठ रहा है, क्योंकि खुद आप नेताओं ने माना है कि कांग्रेस के साथ संभावित गठबंधन को लेकर उनके वरिष्ठ नेताओं और कांग्रेस की टॉप लीडरशिप के बीच बातचीत हुई है। यह सारा डेवलपमेंट कर्नाटक में कुमारस्वामी के शपथ लेने के बाद पिछले एक सप्ताह के दौरान हुआ है। इस बातचीत में कांग्रेस की दिल्ली इकाई के लोग शामिल नहीं रहे। कहा जा रहा है कि पिछले दिनों इसी सिलसिले में आप के सर्वोच्च नेता और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बीच भी सीटों के बंटवारे पर एक बैठक हुई थी। कांग्रेस और आप का यह गठबंधन सिर्फ दिल्ली तक सीमित रहेगा या पंजाब और हरियाणा जैसे उन दूसरे राज्यों में भी होगा, इसे लेकर आप नेताओं ने अब तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। 

गठबंधन का भाजपा पर नहीं होगा कोई असर 


बीजेपी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि आप और कांग्रेस के संभावित गठबंधन का भाजपा के ऊपर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। आप और आप नेताओं द्वारा किए ट्वीट उनके गेम प्लान का हिस्सा है। इसके माध्यम से वे जनता को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन दिल्ली के लोग उनको अच्छी तरह समझ चुके हैं। इस लिए इस तरह की कोशिशों का कोई असर नहीं पड़ने वाला। दिल्ली में हमारा अपना स्थाई जनाधार है। इस लिए हम कांग्रेस और आप के बीच होने वाले किसी संभावित गठबंधन को लेकर चिंतित नहीं हैं। 

 

 

Created On :   2 Jun 2018 5:41 AM GMT

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