शहडोल सर्किल के जंगलों में नए ठिकाने की तलाश में घूम रहे 20 बाघ, वन विभाग ने शुरू किया जागरुकता अभियान

About 20 tigers are roaming in the searching of safe places in Shahdol circle
शहडोल सर्किल के जंगलों में नए ठिकाने की तलाश में घूम रहे 20 बाघ, वन विभाग ने शुरू किया जागरुकता अभियान
शहडोल सर्किल के जंगलों में नए ठिकाने की तलाश में घूम रहे 20 बाघ, वन विभाग ने शुरू किया जागरुकता अभियान

डिजिटल डेस्क, शहडोल। शहडोल सर्किल के दर्जनों गांवों में इस समय 15 से 20 बाघ व नए शावकों का मूवमेंट है। ये सभी बाघ ऐसे हैं जो नए ठिकाने की तलाश में है या फिर बूढ़े हो चुके बाघ टैरटरी से बाहर होते ही सुरक्षित आरामगाह तलाश रहे हैं। घुनघुटी में पिछले दिनों एक चरवाहे को बाघिन ने अपना शिकार बनाया था। वहीं सर्किल में लगातार बाघ पशुओं का शिकार कर रहे हैं।

बाघिन का शिकार बने चरवाहे के बाद से क्षेत्र में दहशत को कम करने वन विभाग जागरुकता अभियान चला रहा है। इसका उद्देश्य मानसून में खेती किसानी वाले लोगों को खतरे से आगाह करना है। साथ ही ग्रामीणों से वन्य प्राणियों को भी बचाना है। गांव-गांव पहुंचकर अमला लोगों को पर्चे, बैनर पोस्टर, चौपाल, प्रोजेक्टर के माध्यम से सुरक्षा व सावधान रहने के तरीके बता रहा है। जुलाई-अगस्त का महीना खरीफ फसल में बोवनी का रहता है। संभाग में ब्यौहारी, जयसिंहनगर व हाल ही में घुनघुटी से लगे गांव में बाघों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। खेती के लिए बांधवगढ़ व रेगुरल फारेस्ट से सटे गांव में सुरक्षा के लिए यह अभियान चलाया जा रहा है। ताकि लोग बाघ आवासीय क्षेत्र से दूर रहें।

घुनघुटी में लगाए गए आठ ट्रैप कैमरे
शहडोल सर्किल में बाघों के मूवमेंट का ताजा मामला घुनघुटी वन परिक्षेत्र का का हैं। यहां 24-25 जून को एक चरवाहा बाघ का निवाला बन चुका है। वहीं दो दिन बाद ही एक मवेशी के किल की घटना हुई। घटना के बाद से लोगों को शाम से घर निकलना मुश्किल हो गया। खतरे को भांपते हुए वन विभाग आठ कैमरे ट्रैप लगाने का कार्य रहा है। इन्हें कॉरिडोर व संवेदनशील क्षेत्र में लगाया जाएगा। निशानदेही मिलने के बाद ग्रामीणों को सुरक्षा दिलाई जाएगी। फिलहाल यह अभियान घुनघुटी, बाघननारा, पनवारी, काचोदर, आमगार तथा  मालाचुआ में खासतौर पर चलाया जा रहा है।

इनका कहना है
यह समय खेती किसानी का होता है। कई बार बीटीआर व संवेदनशील क्षेत्रों की जानकारी न होने से ग्रामीण अनहोनी का शिकार हो जाते हैं। इसलिए ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित कर जागरुकता अभियान शुरू किया गया है। लोगों को जागरूक  किया जा रहा है कि जंगल में अकेले न जाएं और अगर जाएं भी सीटी या घंटी  बजाते हुए जाएं।
एके जोशी, सीसीएफ शहडोल

Created On :   3 July 2018 8:04 AM GMT

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