महानंदा नवमी आज: दरिद्रता से हैं पीड़ित तो धारण करें ये व्रत

महानंदा नवमी आज: दरिद्रता से हैं पीड़ित तो धारण करें ये व्रत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। माघ माह के शुक्ल पक्ष की नवमीं को महानंदा नवमी का व्रत किया जाता है। माह माह में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से गुप्त नवरात्र की शुरूआत होती है और इसी में नवमी के दिन महानंदा नवमी का व्रत किया जाता है। यह दिन व्रत एवं पूजा पाठ के लिए सर्वाधिक उत्तम दिवसों में से एक बताया गया है। विशिष्ट मुहूर्त में इस दिन पूजा करने से दरिद्रता रोग, संताप आदि का नाश होता है। बुरी शक्तियां दूर होती हैं एवं जीवन में सुख समृद्धि आती है। इस वर्ष यह 26 जनवरी शुक्रवार को   अर्थात आज मनाई जा रही है। 

 

दीपक जलाकर मंत्र का जाप 

इस नवमीं पर पूजा के स्थान पर एक दीपक जलाकर ओम हीं महालक्ष्मैय नमः मंत्र का जाप करने से जीवन में सुखों का आगमन एवं कष्टों की कमी होती है। घर का कूड़ा करकट एकत्रित का उसे किसी घर से बाहर करना चाहिए। इसे लक्ष्मी का विसर्जन कहा जाता है। विधि-विधान से स्नान ध्यान कर पूजा कर महालक्ष्मी का हाथ जोड़कर आव्हन करने से वे जरूर ही घर में आती हैं और अपने आशीर्वाद से आपको धन-धान्य से समृद्ध कर देती हैं। 

 

विधि-विधान से माता का पूजन

महानंदा नवमीं का व्रत धारण कर गुप्त नवरात्र के पूर्ण होने पर विधि-विधान से माता लक्ष्मी का पूजन करना चाहिए। इस दिन कुंवारी कन्याओं को भोजन कराने का अत्यधिक महत्व है। कहा जाता है कि ऐसा करने से जीवन की बड़ी से बड़ी समस्याएं दूर होती हैं और मनुष्य को मानसिक शांति प्राप्त होती है।

 

निश्चित ही परिवर्तन लेकर आएगा व्रत पूजन 

महानंदा नवमी के दिन कुंवारी कन्याओं का मिला आशीर्वाद साक्षात देवी के आशीष के समान माना गया है। यदि आप दरिद्रता से पीड़ित हैं और अनेक उपाय करने के बाद भी लक्ष्मी आपके घर नहीं आ रहीं हैं तो महानंदा नवमी का व्रत पूजन निश्चित ही आपके जीवन में परिवर्तन लेकर आएगा।

 

Created On :   16 Jan 2018 4:52 AM GMT

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