बेटी ने किया खुलासा - पापा ने ही जलाया था मम्मी को, आरोपी को उम्रकैद

Accused man got life time imprisonment after daughters statement
बेटी ने किया खुलासा - पापा ने ही जलाया था मम्मी को, आरोपी को उम्रकैद
बेटी ने किया खुलासा - पापा ने ही जलाया था मम्मी को, आरोपी को उम्रकैद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। जिला अदालत ने पत्नी को जिन्दा जलाने वाले पति को उम्र कैद की सजा सुनाई है। आरोपी ने बाइक खरीदने के लिए रुपए नहीं देने पर अपनी पत्नी को जला दिया था। एडीजे अनिल कुमार पाठक ने आरोपी की 7 वर्षीय बेटी की गवाही के आधार पर सजा सुनाई है। आरोपी पर 5 हजार रुपए अर्थदंड भी लगाया गया है। 
अभियोजन के अनुसार 19 अक्टूबर 2017 को दीपावली का त्यौहार था। रात लगभग 8 बजे पनागर थाना क्षेत्र के तिवारीखेड़ा में रहने वाले मुकेश केवट ने अपनी पत्नी पूजा केवट से बाइक खरीदने के लिए रुपयों की मांग की। पूजा ने रुपए देने से मना कर दिया। इसके बाद मुकेश अपनी पत्नी के साथ मारपीट करने लगा।

गुस्से में आकर पूजा ने अपने ऊपर मिट्टी तेल डाल लिया। मुकेश ने पूजा पर माचिस से आग लगा दी। जैसे ही पूजा आग में जलने लगी तो मुकेश ने 7 वर्षीय बेटी नैन्सी और 6 वर्षीय बेटे अमन केवट को भी पूजा के ऊपर फेंक दिया। आग में जल रही पूजा ने दोनों बच्चों को अपने से दूर ढकेल दिया। इलाज के दौरान 27 अक्टूबर 2017 को पूजा की मौत हो गई। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 302 का प्रकरण दर्ज कर न्यायालय में चालान पेश किया। 

पापा ने मम्मी को आग लगाई 
सुनवाई के दौरान 7 वर्षीय नैन्सी ने अपनी गवाही में बताया कि मम्मी के साथ पापा मारपीट कर रहे थे। मम्मी ने गुस्से में अपने ऊपर मिट्टी का तेल डाल दिया। इसके बाद पापा ने माचिस से मम्मी को आग लगा दी, मम्मी आग से जल गई, पड़ोसियों ने आकर आग बुझाई। इसके बाद अस्पताल लेकर गए। बेटी की गवाही को मुख्य आधार मानते हुए न्यायालय ने मुकेश केवट को उम्र कैद और 5 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया।

रिटायर टीचर ने अतिथि शिक्षक का काम किया
हाईकोर्ट ने अतिथि शिक्षक के पद पर काम करने वाले रिटायर टीचर को पे माइनस पेंशन के आधार पर बकाया भुगतान का आदेश दिया है। जस्टिस विवेक रूसिया ने बकाया भुगतान के लिए 60 दिन की समय सीमा तय की है। आदेश में कहा गया कि यदि निर्धारित अवधि पर बकाया भुगतान नहीं किया जाता है तो उस पर 8 प्रतिशत ब्याज देय होगा। 

सिहोरा के मढ़ा परसवारा निवासी नारायण प्रसाद पटेल की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि वे वर्ष 2011 में शासकीय हाई स्कूल मढ़ा परसवारा से सहायक शिक्षक के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2011 से 2014 तक उसी स्कूल में अतिथि शिक्षक के पद पर काम किया। उन्हें अतिथि शिक्षक के पद पर काम करने के एवज में 150 रुपए शिक्षण दिवस के अनुसार भुगतान किया गया।

अधिवक्ता वंदना त्रिपाठी ने तर्क दिया कि राज्य शासन ने 6 फरवरी 2010 को परिपत्र जारी किया था कि यदि रिटायर होने के बाद टीचर अतिथि शिक्षक के पद पर काम करता है तो उसे पे माइनस पेंशन के अनुसार भुगतान किया जाएगा। राज्य शासन का परिपत्र होने के बाद भी याचिकाकर्ता को 150 रुपए शिक्षण दिवस के अनुसार भुगतान किया गया। सुनवाई के बाद एकल पीठ ने आदेशित किया कि अतिथि शिक्षक के पद पर काम करने वाले रिटायर टीचर को 60 दिन के भीतर पे माइनस पेंशन के आधार पर बकाया भुगतान किया जाए।

Created On :   18 Jan 2019 9:18 AM GMT

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