नाबालिग से दुराचार के मामले में आरोपी के भाई बहन को उम्रकैद की सजा

Accused sibling gets lifetime imprisonment in rape case of minor
नाबालिग से दुराचार के मामले में आरोपी के भाई बहन को उम्रकैद की सजा
नाबालिग से दुराचार के मामले में आरोपी के भाई बहन को उम्रकैद की सजा

डिजिटल डेस्क, कटनी। एक नाबालिग लड़की का अपहरण कर उसे अपनी बहन के सहयोग से अपने घर में कैद कर लगातार तीन माह तक उसका शोषण करने के आरोप अदालत ने आरोपी भाई बहन को आजीवन कैद की सजा से दंडित किया है। विशेष न्यायाधीश कटनी श्रीमती माधुरी राज लालजी ने नाबालिग लड़की के अपहरण एवं दुराचार के मामले में गणेश उर्फ सुरजीत दाहिया निवासी खुलरी सिहोरा और आरोपी की बहन नूरी उर्फ निशा दाहिया को आजीवन कारावास की सजा से दण्डित करने का आदेश पारित किया है।

प्रकरण के अनुसार कुठला थाना क्षेत्र के लालबहादुर शास्त्री वार्ड कटनी निवासी महिला ने नाबालिग बहन के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिस पर कुठला थाने में अपराध क्रमांक 172/16, धारा 363, 366, 376 (2-1), 376 (2-एन), 323, 506 आईपीसी एवं धारा 3/4, 5 के आदि धाराओं में प्रकरण दर्ज कर विवेचना शुरू की। पुलिस द्वारा की गइ विवेचना के अनुसार पुलिस आरोपी गणेश उर्फ सुरजीत दाहिया पिता स्व.सरमन दाहिया निवासी खलरी सिहोरा द्वारा 18/4/2016 से 25/7/2016 तक नाबालिग को अपने कब्जे में रखकर उसके साथ दुराचार किया। न्यायालय ने माना कि आरोपी की बहन नूरी उर्फ निशा दाहिया पति रामसूरत दाहिया निवासी कुलगवां सतना ने अवयस्क पीड़िता के साथ अभियुक्त द्वारा किए गए दुराचार में षडयंत्र करके दुष्प्रेरणा का अपराध किया है।

अभियोजन के तर्कों, परिस्थितिजन्य साक्ष्य व पीड़िता के बयान के आधार पर न्यायालय ने आरोपी गणेश उर्फ सुरजीत को धारा 376 (2-ढ) आईपीसी एवं सहपठित धारा लैंगिक अपराधों में बालकों से सरंक्षण अधिनियम की धारा 5 ठ के अंतर्गत अपराध होकर अधिनियम की धारा 6 के तहत दोषी पाते हुए आजीवन कारावास एवं एक हजार रुपए के अर्थदण्ड, धारा 366 में दस वर्ष के कारावास व एक हजार रुपए के अर्थदण्ड तथा धारा 363 में सात वर्ष के कारावास एवं धारा 323 आईपीसी में छह माह के कारावास और पांच सौ रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया।

इसी तरह आरोपी की बहन सह आरोपी नूरी उर्फ निशा को धारा 376 (2-ढ) / 120 बी आईपीसी एवं सहपठित धारा लैंगिक अपराधों में बालकों का सरंक्षण अधिनियम की धारा 16 के अंतर्गत अपराध होकर अधिनियम की धारा 17 के तहत आजीवन कारावास एवं एक हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 366 में दस वर्ष के सश्रम कारावास व एक हजार रुपए अर्थदण्ड तथा धारा 363 में सात वर्ष के कारावास एवं एक हजार रुपए के अर्थदण्ड दंडित करने का आदेश पारित किया है। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक एवं उप संचालक अभियोजन कटनी विजय उइके ने की।

 

Created On :   14 Sep 2018 2:09 PM GMT

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