गोलीबारी पर बोले समाजसेवी अन्ना हजारे- क्या पाक से आए हैं किसान ?

Activist Anna hazare and ajit pawar met the injured farmers
गोलीबारी पर बोले समाजसेवी अन्ना हजारे- क्या पाक से आए हैं किसान ?
गोलीबारी पर बोले समाजसेवी अन्ना हजारे- क्या पाक से आए हैं किसान ?

डिजिटल डेस्क,अहमदनगर। अण्णा हजारे का कहना है कि किसान पाकिस्तान से नहीं आए जो उन पर गोलीबारी की जाए। कृषि प्रधान देश में ऐसा होना कृषि प्रधान देश को कलंकित करने वाली घटना है। हजारे ने कहा कि अगर सरकार किसानों से पहले बात करती तो गोलीबारी करने की नौबत नहीं आती। सरकार किसानों की परेशानी सुनेगी तभी समस्या का हल निकलेगा। बता दें अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करने वाले गन्ना किसानों  पर लाठीचार्ज और गोलीबारी की गई। इसमें दो किसान गंभीर रूप से घायल हुए । घायल किसानों से मिलने के लिए वरिष्ठ समाजसेवी अण्णा हजारे, विपक्ष नेता राधाकृष्ण विखे पाटील व पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार अस्पताल पहुंचे और उनका हालचाल जाना। साथ ही इस मामले की जांच की मांग की। मुलाकात के बाद अण्णा हजार ने किसानों पर किए हमले को लेकर पुलिस की कड़ी आलोचना की । 

हल नहीं निकाल सकी सरकार: विखे पाटील 
विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटील ने कहा कि शेवगांव में किसानों पर हुए गोलीबारी से एक बात स्पष्ट होती है कि राज्य सरकार किसानों के मामले में हल निकालने में पूरी तरह नाकाम हुई। किसान अपने हक के लिए सड़क पर उतरे हैं और सरकार को उनके साथ बात करते हुए हल निकालना चाहिए। किसान ऋणमुक्ति हो या गन्ना मूल्य वृद्धि, सरकार कहीं पर भी गंभीर नहीं दिखती। आने वाले शीतकालीन सत्र में सरकार को किसान गोलीबारी के गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। किसानों पर गोलियां चलाने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कड़ी जांच कर उन पर सख्त कार्रवाई करने की मांग सरकार के पास की जाएगी।

अधिवेशन में उठाएंगे मामला : पवार 
राकांपा नेता अजित पवार ने किसानों पर पुलिस द्वारा किए गए हमले की निंदा की। कहा कि यह सरकार किसान विरोधी है। आने वाले शीतकालीन सत्र में इस मामले को लेकर आवाज उठाई जाएगी। सरकार किसान विरोधी होने से सीधे किसानों पर गोलियां चलाने तक पॉवर पुलिस में आई। किसानों पर गोलीबारी का जवाब सरकार को देना होगा, साथ ही गोलीबारी करने वाले अधिकारियों की जांच कर उन पर सख्त कार्रवाई करनी होगी।

सोयाबीन खरीदी भी धीमी
केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह के निर्देश के बावजूद राज्य में सोयाबीन खरीदारी की रफ्तार सुस्त है। राज्य के सरकारी केंद्रों पर बीते एक महीने में महज 63 हजार 210 क्विंटल सोयाबीन की खरीदी हुई है। जबकि सरकार ने 10 लाख क्विंटल सोयाबीन खरीदने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए 138 खरीद केंद्र शुरू किए गए हैं। अभी तक 4028 किसानों ने सोयाबीन बेचा है। 38 हजार 739 किसानों ने सोयाबीन बेचने के लिए पंजीयन कराया है।  प्रदेश सरकार के विपणन विभाग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।  

नमी वाला सोयाबीन नहीं खरीद रही सरकार
खरीद केंद्रों पर 13 प्रतिशत से ज्यादा नमी वाला सोयाबीन नहीं खरीदा जा रहा है। इस कारण सोयाबीन उत्पादक किसान परेशान हैं। विपणन विभाग के अनुसार अब तक 2601 किसानों से 12 हजार 630 क्विंटल मूंग खरीदी गई है। मूंग बेचने के लिए 15 हजार 140 किसानों ने पंजीयन कराया है। राज्य के 8090 किसानों से 48 हजार 360 क्विंटल उड़द की खरीदी हुई है। उड़द बेचने के लिए 49 हजार 33 किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इस बार 3 लाख 70 हजार क्विंटल मूंग और 3 लाख 47 हजार 500 क्विंटल उड़द खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। नाफेड की तरफ से मूंग खरीदी के लिए 98 और उड़द खरीदी के लिए 100 खरीद केंद्र शुरू हैं। किसानों को सोयाबीन के लिए प्रति क्विंटल 3050, मूंग के लिए 5575 और उड़द के लिए 5400 रुपए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) दिया जा रहा है।

Created On :   17 Nov 2017 6:41 AM GMT

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