मलयाली एक्टर बोले- जो महिला सबरीमाला में घुसे, उसके दो टुकड़े कर देने चाहिए

Actor Kollam Thulasi controversial statement over Sabarimala issue
मलयाली एक्टर बोले- जो महिला सबरीमाला में घुसे, उसके दो टुकड़े कर देने चाहिए
मलयाली एक्टर बोले- जो महिला सबरीमाला में घुसे, उसके दो टुकड़े कर देने चाहिए
हाईलाइट
  • एक्टर कोल्लम तुलासी बोले- जो महिला मंदिर में घुसे
  • उसके दो टुकड़े कर दो
  • सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर मलयाली एक्टर ने दिया विवादित बयान
  • सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ केरल में हो रहे हैं प्रदर्शन

डिजिटल डेस्क, तिरुअनंतपुरम। केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पिछले दो सप्ताह से केरल में जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। सबरीमाला में हर उम्र की महिलाओं को प्रवेश दिए जाने के फैसले के खिलाफ हुए इन प्रदर्शनों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हो रही हैं। इसी बीच मलयालम फिल्म एक्टर कोल्लम तुलासी ने शुक्रवार को इस मामले पर एक विवादित बयान दे दिया है। उन्होंने कहा है कि जो भी महिला सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने की हिम्मत करे उसके दो टुकड़े कर देने चाहिए। तुलासी ने कहा, "मंदिर में हर उम्र की महिलाओं का प्रवेश सही नहीं है, जो भी महिला ऐसा करे, उसके दो टुकड़े करके एक दिल्ली भेज देना चाहिए, दूसरा केरल सीएम पिनराई विजयन के ऑफिस भेज देना चाहिए। बता दें कि एक्टर कोल्लम तुलासी बीजेपी को समर्थन देते रहे हैं। वे यहां भगवा पार्टी द्वारा आयोजित सबरीमाला प्रोटेक्शन रैली का नेतृत्व कर रहे थे। रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने यह विवादित बयान दिया है।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला अयप्पा मंदिर में हर उम्र की महिलाओं के प्रवेश को सही ठहराया था। मंदिर में 10 से लेकर 50 वर्ष तक की महिलाओं के प्रवेश पर रोक थी। मंदिर अथॉरिटी का कहना था कि रजस्वला (पीरियड) की अवस्था में पवित्रता नहीं रख सकती हैं, इसलिए इस उम्र की महिलाओं का प्रवेश मंदिर में वर्जित है। मंदिर के इस नियम के खिलाफ साल 2015 में आवाज उठी थी। इंडियन यंग लॉयर्स एसोसिएशन ने एक जनहित याचिका दायर कर सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की इजाजत मांगी थी। इस याचिका पर केरल हाई कोर्ट ने सुनवाई कर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक को सही माना था। इसके बाद केरल हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ इंडियन यंग लॉयर्स एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

पिछले साल सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच ने इस मामले पर सुनवाई शुरू की थी और बाद में इसे संवैधानिक बेंच को ट्रांसफर कर दिया था। CJI की अध्यक्षता में संवैधानिक बेंच ने इस याचिका समेत अन्य याचिकाओं पर 17 जुलाई से 1 अगस्त तक लगातार सुनवाई की थी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने महिलाओं के पक्ष में फैसला दिया था। कोर्ट के फैसले के अनुसार हर उम्र की महिलाएं मंदिर में जाने के लिए स्वतंत्र है। केरल की राज्य सरकार ने भी कोर्ट के फैसले पर अमल करना शुरू  कर दिया है। सबरीमाला मंदिर प्रशासन ने भी कोर्ट के फैसले पर रिव्यू पिटिशन दाखिल करने से इंकार कर दिया है। इसके बाद से पूरे केरल में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। लोगों का कहना है कि केरल सरकार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करनी चाहिए और मंदिर में फिर से पुरानी व्यवस्था लागू होनी चाहिए।

Created On :   12 Oct 2018 3:41 PM GMT

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