आधार लिंकिंग मामले में SC ने लगाई ममता सरकार को फटकार

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आधार लिंकिंग मामले में SC ने लगाई ममता सरकार को फटकार
आधार लिंकिंग मामले में SC ने लगाई ममता सरकार को फटकार

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। सामाजिक कल्याण योजनाओं के लिए 12 डिजिट के आधार को जरूरी बनाने के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर SC ने सुनवाई करते हुए ममता बनर्जी सरकार को फटकार लगाई। SC ने कहा कि ममता सरकार केंद्र सरकार के खिलाफ नहीं जा सकती। कोर्ट ने कहा कि इसके लिए ममता बनर्जी एक व्यक्ति के तौर पर याचिका लगा सकती हैं, लेकिन सरकारी पद का उपयोग ना करें। 

संसद में पारित कानून का विरोध कैसे किया जा सकता है ?

जस्टिस ए के सिकरी के नेतृत्व वाली एक पीठ इस मामले में सुनवाई की। कोर्ट ने कहा, "संसद से पारित कानून का उल्लंघन कैसे किया जा सकता है?" सरकारी योजनाओं में आधार अनिवार्य करने के खिलाफ पश्चिम बंगाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई। मोबाइल नंबर को आधार कार्ड से लिंक किए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर SC ने सरकार और मोबाइल कंपनियों को नोटिस भी जारी किया है। 

दरअसल ममता आधार की अनिवार्यता के खिलाफ काफी नाराज हैं और उन्होंने कहा था कि भले ही उनका फोन कनेक्शन कट जाए लेकिन वो आधार लिंक नहीं करेंगी। 

गौरतलब है कि सरकार ने विभिन्न योजनाओं और सुविधाओं को आधार से जोड़ने और आधार लिंकिंग को अनिवार्य कर दिया है। इसकी तारीख को 31 दिसंबर से बढ़ाकर  31 मार्च 2018 तक बढ़ाने को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई थी। विभिन्न योजनाओं के लिए आधार को अनिवार्य बनाने और इसे मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट से जोड़ने के केंद्र सरकार के फैसले के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं आई हैं। इनमें से एक याचिका पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने भी लगाई है। ममता सरकार ने सोशल वेलफेयर योजनाओं के लिए आधार की अनिवार्यता को चुनौती दी है।

ममता क्यों जता रही हैं विरोध ?

ममता बनर्जी ने आधार लिंक को अनिवार्य किए जाने को बीजेपी और केंद्र की राजनीति कहा था। उन्होंने कहा था, "मैं जनता से अपील करती हूं कि आधार से फोन को लिंक न करें। आपसे इसी अंदाज में विरोध करने की अपील करती हूं। वह कितने लोगों के कनेक्शन काटेंगे? बीजेपी क्या चाहती है? क्या वो लोगों की गुप्त बातों को सुनना चाहते हैं? यह लोगों की निजता पर सीधा हमला है।"

इस केस के अलावा आज SC पांच अन्य बड़े मामलों पर भी सुनवाई होनी है। सबसे पहला और चर्चित मामला हैं अनुच्छेद 35-A का। केरल लव-जिहाद मामला,BCCI में सुधार,स्कूलों में सुरक्षा और संजय चंद्रा बेल जैसे बड़े मामलों पर आज सुप्रीम कोर्ट फैसला सुनाएगा। 

केरल लव-जिहाद मामले पर लड़की पिता को कोर्ट ने बुलाया

केरल का लव-जिहाद मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली एक पीठ कर रही थी। इसमें एक मुस्लिम युवक ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील की है। केरल हाईकोर्ट ने युवक के हिंदू युवती के साथ विवाह को लव जिहाद मानते हुए रद्द कर दिया था। मामले पर कोर्ट ने लड़की के पिता को 27 नवंबर को कोर्ट में हाजिर होने को कहा है।

अनुच्छेद 35-A 

सुप्रीम कोर्ट अनुच्छेद 35-A पर भी सोमवार को सुनवाई करेगा। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली पीठ इस मामले में कोई बड़ा फैसला सुना सकती है। "वी द सिटीजन" नामक एक एनजीओ ने इस मामले में याचिका दायर की है। बता दें कि सुनवाई से पहले रविवार को जम्मू-कश्मीर के तीन अलगाववादी नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट से अनुच्छेद 35-A को रद्द करने का फैसला किए जाने की स्थिति में घाटी के जनांदोलन की चेतावनी दी है।

BCCI में सुधार

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की स्पेशल बेंच आज बीसीसीआई में सुधार को लेकर मामले की सुनवाई करेगी। अधिकारियों ने कोर्ट के जरिए बनाई गई एक कमेटी के समक्ष शुक्रवार को मसौदा पेश किया था। कोर्ट इसी मामले पर जरूरी दिशा-निर्देश दे सकती है।

स्कूलों में सुरक्षा 

प्राइवेट स्कूलों में सुरक्षा कड़ी करने को लेकर एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट को सुनवाई करनी है। इसकी भी सुनवाई चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली एक पीठ करेगी। बता दें कि ये केस गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में हुए 8 साल छात्र प्रद्मुम्न की हत्या के बाद दायर किया गया था।

संजय चंद्रा बेल

घर खरीदने वालों के साथ धोखाधड़ी करने के मामले में भाई के साथ जेल में बंद यूनिटेक लिमिटेड के प्रमोटर संजय चंद्रा की जमानत याचिका पर भी सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा। माना जा रहा कि चंद्रा आज कोर्ट को हजार करोड़ रुपए जमा करने की जानकारी दे सकते हैं। 
 

 

Created On :   30 Oct 2017 6:28 AM GMT

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