बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं कर सकते, स्कूल वाहनों पर सख्त हुआ प्रशासन

Administraion strict action against school bus and vans
बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं कर सकते, स्कूल वाहनों पर सख्त हुआ प्रशासन
बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं कर सकते, स्कूल वाहनों पर सख्त हुआ प्रशासन

डिजिटल डेस्क सिंगरौली (वैढऩ)। इंदौर में पिछले दिनों हुई स्कूल बस दुर्घटना को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर अनुराग चौधरी ने स्कूल प्रबंधकों, प्राचार्यों, वाहन मालिकों और चालकों की एक बैठक बुलाई थी। सोमवार की शाम हुई इस बैठक में कलेक्टर और एसपी ने स्पष्ट कर दिया कि सरकार द्वारा जारी की गाइड लाइन से कोई समझौता नहीं किया जायेगा। एक दो दिन में चेकिंग अभियान चलाया जायेगा, जिसमें यदि गाडिय़ां ओवहरलोड पायी गयीं अथवा अन्य कोई कमी मिली तो निश्चित रूप से उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। दोनों अधिकारियों ने स्कूल प्रबंधन के पल्ला झाड़ लेने की प्रवृत्ति पर भी सवाल उठाते हुए कहाकि यदि कोई घटना-दुर्घटना आपके संस्थान में होती है तो आपके स्कूल की मान्यता तक रदद की जा सकती है। उन्होंने कहाकि पहली जिम्मेदारी तो आपकी ही बनती है कि स्कूल में बच्चों को घर जैसी सुरक्षा का एहसास हो। लेकिन आप लोग अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह नहीं करते। जिससे आये दिन कुछ न कुछ अनहोनी होती रहती है, यदि कोई दिक्कत आती है तो हमें और एसपी साहब को आप कभी भी बता सकते हैं। बैठक में पूरे जिले से प्राचार्य, स्कूल प्रबंधन के लोग, वाहन मालिक और चालक आये हुए थे। कलेक्ट्रेट के मीटिंग हॉल में दर्जनों लोग खड़े रहकर बैठक अटेंड की। बैठक में आरटीओ एसपी दुबे, डीईओ रोहणी प्रसाद दुबे, ट्रैफिक प्रभारी अमिता सिंह, डीपीसी एसके त्रिपाठी, जयंत चौकी प्रभारी महेन्द्र सिंह आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
आरटीओ ने बतायी गाइड लाइन
सबसे पहले आरटीओ ने शासन से जारी नई गाइड लाइन की जानकारी सभी लोगों को दी। जिसमें स्कूल वाहनों की गति 60 किमी से 40 किमी प्रतिघंटा किये जाने, पीले रंग में रंगवाने, निजी वाहनों पर स्कूल ऑन डयूटी लिखवाने, सभी वाहनों में फस्र्ट एड बॉक्स रखवाने, स्पीडोमीटर दुरूस्त रखवाने, खिडक़ी पर जाली लगवाने, अग्निशमन यंत्र लगवाने और सभी बसों पर स्कूल प्रबंधन एवं चालक का मोबाइल नंबर रखवाने की बात कही। इसके साथ ही बसों में महिला कर्मचारी या परिचालक तैनात करने, योग्य व प्रशिक्षित चालक रखने, 5 वर्ष पुराने हैवी डीएल धारक से ही वाहन चलवाने, परमिट व फिटनेस रखने, चालक के चरित्र का सत्यापन कराने, बसों में सीसीटीवी व जीपीएस सिस्टम लगाने, 15 वर्ष से पुराने वाहनों को न चलाने, गति नियंत्रक प्रणाली लगाने आदि के निर्देश दिये गये।
चालकों का सम्मेलन करायें
कलेक्टर ने आरटीओ को निर्देश दिये कि जनवरी के अंत में सभी स्कूलों के वाहन चालकों का एक सम्मेलन करायें, इस सम्मेलन में उनको ट्रेनिंग दें और नियमों की जानकारी भी दें। एसपी ने सुझाव दिया कि ज्यादा उम्र के वाहन चालकों की आंखों की जांच भी इसी सम्मेलन में करायी जाये, जिससे यदि उन्हें दृष्टि दोष हो तो पता चल सके। एनसीएल के एक प्रतिनिधि ने सवाल किया था कि ड्राइवर की अधिकतम उम्र क्या होनी चाहिये, जिसके जवाब में एसपी ने यह जवाब दिया था। लोगों से भी कलेक्टर ने पूछा तो एक व्यक्ति ने नेहरू अस्पताल के तिराहे पर बे्रकर बनाने की बात कही। जिस पर कलेक्टर ने आश्वासन दिया कि एक सप्ताह में वहां पर ब्रेकर बन जायेगा। इसके लिये उन्होंने जयंत परियोजना के जीएम को फोन लगाने के निर्देश अपने मातहतों को दिये।

 

Created On :   16 Jan 2018 7:38 AM GMT

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