LIVE मंदसौर: राजस्थान बॉर्डर पर पीड़ित किसान परिवारों से मिलें राहुल गांधी

Administration allegations on Farmers for looted shops and violence
LIVE मंदसौर: राजस्थान बॉर्डर पर पीड़ित किसान परिवारों से मिलें राहुल गांधी
LIVE मंदसौर: राजस्थान बॉर्डर पर पीड़ित किसान परिवारों से मिलें राहुल गांधी

टीम डिजिटल, मंदसौर. मंदसौर जाने पर अड़े राहुल गांधी को पहले तो प्रशासन ने अस्थायी तौर पर गिरफ्तार कर लिया, फिर उन्हें रिहा कर आखिरकार राजस्‍थान की सीमा पर पीड़ित परिवारों से मुलाकात करानी पड़ी. प्रशासन ने उन्हें केवल इसी बात पर मिलने की अनुमति दी कि वे मंदसौर ना जाकर पीड़ित परिवारों से राजस्थान की सीमा पर ही मिलें. इस आश्वासन के बाद राहुल गांधी से मिलवाने के लिए पीड़ित परिवारों को राजस्थान की सीमा पर लाया गया.

मुलाकात के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष ने पत्रकारों से कहा कि , मध्‍यप्रदेश, राजस्‍थान, तमिलनाडु और अन्‍य कई जगहों पर किसान परेशान हैं. भाजपा की सरकार के पास लाखों करोड़ रुपया पड़ा है, लेकिन वो उसे किसानों को न देकर सिर्फ '50 लोगों' को देना चाहती है.

इससे पहले एमपी पुलिस ने पैदल मंदसौर के लिए निकले राहुल गांधी को गिरफ्तार कर लिया था. उन्हें अस्थायी रूप से जेल भेज दिया गया था. पहले राहुल गांधी मोटरसाइकल पर सवार होकर मंदसौर के लिए निकले थे जिन्हें मंदसौर बायपास पर ही उतार लिया गया था. इसके बाद राहुल गांधी पैदल मंदसौर के लिए निकल पड़े थे.

गौरतलब है कि 1 जून को किसानों ने अपनी फसल की अच्छी कीमत के लिए एक दिवसीय प्रदर्शन आयोजित किया. 3 दिन बाद यानी 4 जून को सीहोर, इंदौर और भोपाल में किसानो और पुलिस के बीच झड़प हुई, जिसमें 6 पुलिसकर्मी घायल हो गए. इसके बाद मंगलवार को मंदसौर में पुलिस फायरिंग में 6 किसानों की मौत हो गई.

मंदसौर जिले के बरखेड़ा पंत में फायरिंग में मारे गए एक स्टू़डेंट का शव रोड पर रखकर किसानों ने चक्का जाम किया. किसानों मांग कर रहे थे कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद आएं और फायरिंग करने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने का वादा करें. इस मामले को ठंडा करने के लिए एसपी ओपी त्रिपाठी और कलेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह बरखेड़ा पंत पहुंचे थे. कलेक्टर को यहां दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया. मंदसौर कलेक्टर स्वतंत्र कुमार और मंदसौर एसपी के साथ किसानों ने जमकर धक्का-मुक्की की. वहीं कलेक्टर के कपड़े भी किसानों ने फाड़ दिए.

एमपी में किसान आंदोलन के पीछे अब अपराधी तत्व सक्रिय हो चुके हैं जो आंदोलन की आढ़ में लूटपाट और आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं. पुलिस ने ऐसे फर्जी किसानों पर लूटपाट और हिंसा के मामले दर्ज किए हैं. किसानों की शक्ल लिए ये अपराधी तत्व पुलिसवालों पर भी हमले कर रहे हैं. मंदसौर जिले में ही दर्जनों पुलिस वाले घायल हो चुके हैं, 1 की तो हालत गंभीर बताई जा रही है. जिले के पीपलामंडी क्षेत्र में तो हजारों किसानों ने वेयर हाउस, दुकानों और गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया है. यहां तक कि पुलिसवालों के सामने इन लोगों ने मेडिकल स्टोर पर से दवाईयां और शराब के ठेकों से पेटी भर-भर के बोतलें उड़ा ली हैं. मंदसौर हाइवे पर किसानों ने जाम लगा रखा है और खबरें आ रही है कि वाहन चालकों के साथ भी कहीं-कहीं मारपीट हुई है. स्थानीय पुलिस इस आंदोलन को नियंत्रित नहीं कर पा रही है. यह देखते हुए राज्य सरकार ने केन्द्र से मदद मांगी है. राज्य ने केन्द्र से फोर्स भेजने का अनुरोध किया है.

 

Created On :   7 Jun 2017 1:02 PM GMT

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