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बालिका को वधू बनने से रोका, फिल्मी स्टाइल में समय पर पहुंची टीम
डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। प्रशासन के लाख प्रयासों के बावजूद आज भी बालविवाह की पंरपरा समाज में खत्म नहीं हो पाई है। ग्रामीण अंचलों में अक्सर बाल विवाह संबंधी खबरें पढने अथवा सुनने को मिल जाती हैं। ऐसा ही एक वाकया भद्रावती तहसील अंतर्गत गुलगांव में सामने आया है। यहां बाल विवाह होने की जानकारी मिलते ही चाइल्ड लाइन व जिला बाल संरक्षण कक्ष चंद्रपुर ने जिलाधिकारी व जिला पुलिस अधीक्षक से संपर्क किया। उनके निर्देशानुसार जिला महिला व बाल विकास अधिकारी विलास के. मरसाले के मार्गदर्शन में एक टीम गांव पहुंची और एक बालिका को वधू बनने से रोक लिया। मामला मंगलवार का है।
परिवार ने सहमति दर्शाई, बालिग होने तक करेंगे इंतजार
बताया जाता है कि भद्रावती तहसील अंतर्गत गुलगांव में एक नाबालिग का विवाह मंगलवार, 15 मई को होनेवाला था। यह मामला भद्रावती तहसील का होने से इसकी जानकारी उसी कार्यक्षेत्र के पुलिस थाने, बाल विकास प्रकल्प अधिकारी, तहसील कार्यालय, गट विकास अधिकारी और पंचायत समिति को दी गई। यही नहीं जिला संरक्षण कक्ष व चाईल्ड लाइन चंद्रपुर के संयुक्त तत्वावधान में एक दल नाबालिग के घर पहुंचा और परिजनों को बाल विवाह रोककर बाल विवाह प्रतिबंध अधिनियम 2006 के तहत कानूनी अपराध होने की जानकारी दी। यही नहीं उन्होंने इस अपराध की सजा व जुर्माने के बारे में बताया।
उन्हें कम उम्र में लड़की की शादी करने से होने वाले नुकसान के बारे में भी बताया गया। नाबालिग के परिजनों ने बाल विवाह को रोकने पर सहमति दर्शायी और नाबालिग के बालिग होने पर विवाह करवाने का लिखित आश्वासन दिया। इस समय जिला बाल संरक्षण अधिकारी अजय साखरकर, चाईल्ड लाइन केंद्र के समन्वयक राजेश भिवदरे, सहायक पुलिस निरीक्षक सदाशिव ढाकणे आदि की टीम में बाल विकास प्रकल्प अधिकारी मयूरी पुणे, समुपदेशक ज्योति चौधरी, जिला बाल संरक्षण कक्ष के सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रप्रकाश पिंपलकर, जयसेन कसारे, शुभम कायल, चाईल्ड लाइन टीम के सदस्य मनोज पाटील, कल्पना फुलझेले आदि उपस्थित थे।
Created On :   16 May 2018 8:37 AM GMT