दोहरा मापदंड अपनाना पश्चिमी देशों की सामान्य चाल

Adoption of double standards, normalization of western countries
दोहरा मापदंड अपनाना पश्चिमी देशों की सामान्य चाल
दोहरा मापदंड अपनाना पश्चिमी देशों की सामान्य चाल
हाईलाइट
  • इस बात को लेकर अमेरिका और ब्रिटेन के कुछ पश्चिमी सूत्रों ने दोहरा मापदंड अपनाकर गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी की
  • जून माह में चीन के हांगकांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र में हिंसक प्रदर्शन हुआ
बीजिंग, 30 जुलाई (आईएएनएस)। जून माह में चीन के हांगकांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र में हिंसक प्रदर्शन हुआ। इस बात को लेकर अमेरिका और ब्रिटेन के कुछ पश्चिमी सूत्रों ने दोहरा मापदंड अपनाकर गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी की। उन्होंने हांगकांग के कट्टरपंथियों की प्रशंसा करने के साथ-साथ पुलिसकर्मियों की कानूनी कार्यवाहियों पर निराधार आरोप लगाए, और चीन सरकार को बदनाम किया कि उसने हांगकांग की स्वतंत्रता और अधिकार को सीमित किया है।

अमेरिकी सीनेट की वैदेशिक मामलात कमेटी के अध्यक्ष एलियट एंगेल ने हाल ही में कहा कि हांगकांग पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को दबाने में बल का दुरुयोग किया है और इससे हांगकांग के शासन को बदनाम किया है। यह वाक्य बिल्कुल निराधार है और इससे हांगकांग शासन व चीन के अन्दरूनी मामलों में हस्तक्षेप किया गया है।

पश्चिमी सूत्रों की ²ष्टि में केवल पश्चिमी देशों में हुई हिंसक कार्यवाही ही हिंसक कार्यवाही है। लेकिन हांगकांग में हुई हिंसक कार्यवाही शांतिपूर्ण प्रदर्शन है। इन सूत्रों ने हांगकांग की सरकार से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और रैली का आयोजन करने के अधिकार का सम्मान करने की मांग की और हांगकांग के उन बदमाशों को मानवाधिकार और स्वतंत्रता का सेनानी बताया। इससे यह साबित है कि पश्चिम में कुछ सूत्र बिल्कुल पाखंडी और अनैतिक हैं।

लेकिन पश्चिमी देशों में जब भी हिंसक प्रदर्शन हुआ है, वहां की पुलिस ने क्रूरता के साथ प्रदर्शनकारियों का दमन किया है। लेकिन हांगकांग के सवाल पर पश्चिमी सूत्रों ने अपना मुख बदल दिया है। उन्होंने हांगकांग पुलिस के सामान्य कार्यक्रम को बुरी तरह से दोषी बनाया। जब ब्रिटेन हांगकांग पर शासन करता था, तब ब्रिटेन ने हांगकांग में सभी गवर्नर नियुक्त किए। उस समय पश्चिमी देशों ने हांगकांग वासियों की स्वतंत्रता और मानवाधिकार पर ध्यान नहीं दिया। मातृभूमि की ओर वापस होने के 22 सालों में चीनी केंद्र सरकार ने एक देश, दो व्यवस्थाएं और हांगकांग का शासन हांगकांग वासियों द्वारा किया जाना का सिद्धांत अपनाया। हांगकांग वासी अपनी भूमि के मालिक बने। हांगकांग का कानून सूचकांक का विश्व में रैंकिंग 1996 के 60वें स्थान से 2018 के 16वें स्थान तक उन्नत किया गया है।

पश्चिमी देशों की मीडिया को निष्पक्षता का नाम प्राप्त है। लेकिन उन्होंने हांगकांग के सवाल पर चयनात्मक अंधापन अपनाया। लेकिन हांगकांग में जो हिंसक कार्यवाही हुई है, उन्होंने अपनी रिपोर्टिग में जानबूझकर अनदेखा किया। मिसाल है कि 12 जून को हांगकांग सरकार के मुख्यालय में तोड़फोड़ के समय ब्रिटेन की मीडिया ने पुलिस द्वारा बल प्रयोग किए जाने की रिपोर्टिग की, पर हिंसक प्रदर्शनकारियों के हाथों में खतरनाक औजार होने का कोई उल्लेख नहीं किया। इसी से यह साबित है कि पश्चिमी मीडिया ने हांगकांग के सवाल पर निष्पक्ष रिपोर्टिग नहीं की। दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने से अंतर्राष्ट्रीय कानून तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के बुनियादी मापदंडों का उल्लंघन किया जा रहा है।

दोहरा मापदंड अपनाकर दूसरे देशों के अन्दरूनी मामलों में हस्तक्षेप करना पश्चिमी देशों की सामान्य चाल है। उनका उद्देश्य यही है कि हांगकांग की अराजकता को भड़काने से चीन के विकास को रोका जाए। चीन अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता और हांगकांग की समृद्धि को खतरे में फंसाने की स्थितियों से आंखें मूंदे नहीं बैठा रह सकेगा।

(साभार-चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पेइचिंग)

-- आईएएनएस

Created On :   30 July 2019 4:30 PM GMT

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