दोषी पाए जाने के बाद भी रोजगार सहायक पर नहीं हुई कार्रवाई

After being found guilty, no action taken on employment assistant in Damoh
दोषी पाए जाने के बाद भी रोजगार सहायक पर नहीं हुई कार्रवाई
दोषी पाए जाने के बाद भी रोजगार सहायक पर नहीं हुई कार्रवाई

डिजिटल डेस्क दमोह हटा। तहसील के ग्राम पंचायत गैसाबाद में अनुविभागीय अधिकारी द्वारा चार माह पूर्व जनसमस्या निवारण के लिए जन चौपाल का आयोजन किया गया था। चौपाल में तत्कालीन एसडीएम सीपी पटैल को ग्रामवासियो द्वारा सरपंच एवं रोजगार सहायक की प्रधानमंत्री आवास योजना से लेकर अन्य हितग्राही मूलक कार्यो में लापरवाही वरतने व शासन की योजनाओं में हितग्राहियो से पैसा लेने की शिकायत की गई थी। शिकायत पर तत्कालीन एसडीएम द्वारा जांच कराई गई थी जिसमें ग्रामीणों द्वारा की गई शिकायत सही पाते हुए रिपोर्ट व अग्रिम कार्यवाही के लिए अनुविभागीय कार्यालय से 12 अक्टूबर 2017 को मुख्य कार्यपालन अधिकारी को जांच रिपोर्ट भेजी गई थी। इस रिपोर्ट के चार माह बीत जाने के बाद भी मामले में कोई कार्यवाही तय नही हो पायी।
मामला शांत कराए जाने का प्रयास
वहीं मामले में कार्यवाही न होते देखकर शिकायत करने वाले ग्रामीणों का भरोसा जांच अधिकारी से उठ गया है। शासन द्वारा मिलने वाली हितग्राही मूलक योजनाओं पर ग्राम पंचायत के जिम्मेदार ही अपना कब्जा जमाये बैठे है और कार्यवाही न होने के चलते मामला शांत कराने का प्रयास किया जा रहा है। कार्यवाही के नाम पर भी जिला पंचायत कार्यालय में पंचायत के जिम्मेदारोंं को पेशी पर बुलाकर ही कार्यवाही पूरी की जा रही है।
हर जगह नजर आया था भ्रष्टाचार
एसडीएम की चौपाल में ग्रामीणों की शिकायत पर  पीएम आवास शौचालय निर्माण कार्य में लापरवाही व हितग्राहियों से योजनाओं के लाभ दिलाने के लिए दस से लेकर बीस हजार तक की राशि लिए जाने की शिकायत सहित ग्राम के सरपंच लक्ष्मण तिवारी द्वारा ग्राम की तलैया पर अबैध कब्जा कर अरहर एवं तिली की फसल लगाने की शिकायत की गई थी। ग्रामीणों की शिकायतों पर अनुविभागीय कार्यालय द्वारा पंचायत के सरपंच एवं रोजगार सहायक मुन्ना साहू  को कारण बताओं नोटिस जारी किये गए थे। वहीं शिकायतों की जांच में जो तथ्य सामने आये उनमें शिकायत सही पाई गई थी  और सरपंच एवं रोजगार सहायक द्वारा निर्माण कार्य में गरीब मजदूर छोड़ अपने चहेतो को मस्टर रोल पर नाम चढ़ा कर राशि का फायदा दिलाए जाने जैसी गड़बडिय़ा सही पाई गई थी। इन सभी गड़बडिय़ों के चलते तत्कालीन एसडीएम सीपी पटैल द्वारा सरपंच एवं रोजगार सहायक के द्वारा शासकीय तालाब की पार पर कब्जा एवं पीएम आवास में पैसे लेने के मामले में अपनी जांच रिपोर्ट में उल्लेख करते हुए लेख किया कि इस प्रकार की घोर लापरवाही एवं भ्रष्ट्राचार करने पर इन दोनो का पंचायत के पद पर बना रहना पंचायत के हित में नहीं है एवं पीएम आवास में राशि लिए जाने के सबंध में पुलिस थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई जाना उचित होनें का प्रतिवेदन बनाकर जिना पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को भेजा गया जिस पर कार्यवाही अब तक नहीं की गई।
इनका कहना है
कार्यालय को अनुविभागीय कार्यालय हटा से जांच रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है और आरोपों के आधार पर और जल्द ही कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी
एचएस मीणा, सीईओ जिला पंचायत दमोह

 

Created On :   15 Feb 2018 8:31 AM GMT

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