हिमाचल में हारकर भी प्रेम कुमार धूमल ऐसे बन सकते हैं CM, लेकिन...

After defeat, will Prem Kumar Dhumal will be next CM of himachal pradesh
हिमाचल में हारकर भी प्रेम कुमार धूमल ऐसे बन सकते हैं CM, लेकिन...
हिमाचल में हारकर भी प्रेम कुमार धूमल ऐसे बन सकते हैं CM, लेकिन...

डिजिटल डेस्क, शिमला। हिमाचल प्रदेश में बीजेपी की सरकार भले ही बन गई हो, लेकिन जीत के इस रंग में भंग धूमल की हार ने डाल दिया है। पार्टी ने चुनावों से पहले ही प्रेम कुमार धूमल को सीएम कैंडिडेट बना दिया था, क्योंकि धूमल इससे पहले भी राज्य में मुख्यमंत्री रह चुके हैं। हिमाचल में सीएम पद की रेस में कई नाम चल रहे हैं, लेकिन उसके बावजूद धूमल हार मानने को तैयार नहीं है। बताया जा रहा है कि बीजेपी के 44 विधायकों में से 22 ने धूमल को सीएम बनाने का समर्थन किया है, जिसके बाद से राज्य में हार के बाद भी धूमल सीएम बनने का सपना देख रहे हैं। हालांकि धूमल का सीएम बनना नामुमकीन नहीं हैं, लेकिन उतना आसान भी नहीं है।


तीन विधायकों ने अपनी सीट की कुर्बान

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो राज्य के 44 विधायकों में से 22 ने तो प्रेम कुमार धूमल को सीएम बनाने का खुले तौर पर समर्थन किया ही है। साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि तीन विधायकों ने धूमल के लिए अपनी सीट कुर्बान करने की पेशकश भी की है। इनमें से एक नाम वीरेंद्र कुमार का है, जो धूमल सरकार में तीन बार कानून मंत्री भी रह चुके हैं। साथ ही वीरेंद्र कुमार का नाम धूमल के सबसे वफादार लोगों में भी शामिल है। बताया जा रहा है कि वीरेंद्र कुमार ने धूमल के लिए अपनी सीट कुर्बान करने की पेशकश की है। कमार ने कुटलेहार सीट से चुनाव जीता है और अगर कुमार की इस पेशकश को मान लिया जाता है तो धूमल इस सीट से दोबारा चुनाव लड़ सकते हैं।

कैसे बन सकते हैं धूमल सीएम? 

प्रेम कुमार धूमल का राज्य में सीएम बनना नामुमकीन तो नहीं है, लेकिन उतना आसान भी नहीं है। क्योंकि हिमाचल में सिर्फ विधानसभा ही है, विधानपरिषद नहीं। यानी कि बैकडोर से धूमल की एंट्री नहीं हो सकती और उन्हें चुनाव लड़ना होगा और जीतना भी होगा। अगर आनन-फानन में धूमल को मुख्यमंत्री बना भी दिया जाता है तो 6 महीने के अंदर उन्हें विधानसभा चुनाव जीतकर आना होगा। अगर वो दोबारा से हार जाते हैं, तो उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना होगा। हालांकि, इसके लिए भी बीजेपी का मानना बहुत जरूरी है। अगर पार्टी धूमल को सीएम बनाना चाहेगी, तो ही वो सीएम बन सकते हैं और विधायक तो फिलहाल धूमल के समर्थन में ही हैं।

धूमल को क्यों नहीं कर सकते नजरअंदाज? 

प्रेम कुमार धूमल हिमाचल में बीजेपी का बड़ा चेहरा माने जाते हैं और राज्य में दो बार मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। राज्य में धूमल को काफी मजबूत नेता माना जाता है और विधायकों में भी उनकी पकड़ काफी मजबूत है। इस बार भी हारने के बाद भी विधायक उन्हें ही मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं। इससे साफ है कि धूमल अभी भी हिमाचल में काफी महत्व रखते हैं। इसके अलावा धूमल के लिए तीन विधायक अपनी सीट तक छोड़ने को तैयार है। इसके साथ ही राज्य में जातीय समीकरण और सरकार चलाने का एक्सपीरियंस होने के कारण धूमल अभी भी रेस में बने हुए हैं।

तो क्या साथ देगी पार्टी? 

खबरों की मानें तो धूमल का नाम भले ही सीएम की रेस में हो, लेकिन पार्टी में इसको लेकर कोई एकमत राय नहीं है। इसके दो कारण है। पहला तो ये कि धूमल 73 साल के हो चुके हैं और पार्टी में अब रिटायरमेंट की उम्र 75 साल तय कर दी गई है। इस हिसाब से धूमल का कार्यकाल सिर्फ दो साल का ही रहेगा। जबकि दूसरा कारण ये है कि पार्टी धूमल को ही सीएम बनाए, इसकी भी कोई मजबूरी नहीं है। लिहाजा पार्टी धूमल का साथ देगी, इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। वहीं बताया ये भी जा रहा है कि एक-दो दिन के अंदर ही डिफेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण और मोदी सरकार में मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर शिमला पहुंचेंगे और विधायकों के साथ मीटिंग कर नया नेता चुनेंगे। 

Created On :   21 Dec 2017 5:04 AM GMT

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