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वीआरएस लेने के बाद भी निकलता रहा शिक्षिका का वेतन और पेंशन
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। स्कूल शिक्षा विभाग में वित्तीय मामलों को लेकर कितनी लापरवाही बरती जा रही है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक शिक्षिका द्वारा स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति ले लेने के बाद भी एक साल तक उनके खाते में वेतन का भुगतान किया जाता रहा। मामला शासकीय प्राथमिक शाला कस्तूरबागांधी संकुल केन्द्र चेरीताल का है। यह मामला सामने आने से शिक्षा विभाग में हड़कम्प मचा हुआ है। शिकायतकर्ता ने शिकायत में आरोप लगाते हुए बताया कि संकुल केन्द्र चेरीताल में पदस्थ शिक्षिका नीरा पाण्डे द्वारा 30 नवम्बर 2017 को बीआरएस ले लिया गया था। इस दौरान उन्हें सभी वित्तीय लाभ प्रदत्त कर दिए गए थे, लेकिन बीईओ जबलपुर द्वारा उन्हें सेवानिवृत्त के करीब 1 वर्ष बाद तक वेतन का भुगतान किया जा रहा था।
मिली भगत से हुआ भ्रष्टाचार-
शिकायतकर्ता ने बताया क् एक पेंशनर को 12 माह तक करीब 805956 रूपए वेतन के रूप में भुगतान किया गया और नियमित कर्मचारियों की भांति वृत्तिकर, आयकर, जीपीएफ, जीआईएस आदि की राशि करीब 76 हजार 896 रूपए शासन के विभिन्न मदों में भी जमा करा दी गई। शिकायकर्ता ने शिक्षका और बीईओ पर मिलीभगत कर लाखों रुपयों की हेराफेरी का आरोप लगाया है। साथ ही बीईओ कार्यालय की जांच कर सख्त कार्रवाई करने की मांग की गई है।
लिपिक की गलती से हुआ भुगतान-
लपीकीय त्रुटि के कारण यह समस्या हुई थी। बीआरएस लेने वाली शिक्षिका का नाम सिस्टम से आउट कर दिया गया था, लेकिन अपडेट नहीं होने के कारण उनका लिस्ट से नहीं हटा। वहीं शासन से बीआरएस का आदेश भी नही मिला था, जिस कारण नाम जुड़ा हुआ था। त्रुटि के कारण शिक्षिका को जितना भी भुगतान हुआ था, वह राशि वापिस हो गई है।
अंजली सेलट, बीईओ,जबलपुर
होगी सख्त कार्रवाई-
सेवानिवृत्ति शिक्षिका को वेतन भुगतान का मामला मेेरे संज्ञान में आया है। मामले की जांच कराकर लापरवाही बरतने वालों को कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. राममोहन तिवारी, डीईओ
Created On :   5 Feb 2019 4:28 PM GMT