हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद पाकिस्तान में जन्में शख्स को मिलेगी नागरिकता 

After High Court intervention citizenship will given to person born in Pakistan
 हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद पाकिस्तान में जन्में शख्स को मिलेगी नागरिकता 
 हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद पाकिस्तान में जन्में शख्स को मिलेगी नागरिकता 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद पाकिस्तान में जन्मे आशिफ कराडिया को भारत की नागरिकता प्रदान कर दी गई है। 10 दिन के भीतर कराडिया को नागरिकता का प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा। सोमवार को सरकारी वकील ने बांबे हाईकोर्ट को यह जानकारी दी। महानगर के जोगेश्वरी इलाके में रहनेवाले 51 वर्षीय कराडिया तीन महीने की उम्र से भारत में रह रहे हैं। फिर भी उन्हें पिछले साल भारत छोड़ने के लिए नोटिस जारी किया गया था। लिहाजा इस नोटिस के खिलाफ उन्होंने खुद व उनके पिता अब्बास ने अधिवक्ता सुजाय कांटावाला व आशिष मेहता के मार्फत हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका पर पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सरकार को कराडिया की नागरिकता पर तीन महीने के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया था। इस अवधि के भीतर निर्णय न लेने पर हाईकोर्ट ने सरकार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही थी। 

सोमवार को न्यायमूर्ति अभय ओक व न्यायमूर्ति एमएस शंकलेचा की खंडपीठ के सामने याचिका सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान सरकारी वकील ने खंडपीठ के सामने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्रालय ने कराडिया की नागरिकता के विषय में फैसला ले लिया है। नागरिकता निदेशक दस दिन के भीतर कराडिया को भारत की नागरिकता प्रमाणपत्र प्रदान कर देंगे। खंडपीठ ने सरकारी वकील से मिली इस जानकारी को अपने आदेश में आश्वासन के रुप में दर्ज किया और याचिका को समाप्त कर दिया।  

बच्चे के जन्म के समय मां गई थी पाकिस्तान 

याचिका में कराड़िया के पिता ने दावा किया था कि उनके बेटे का जन्म पाकिस्तान में हुआ है लेकिन जब बेटा तीन महीने का था तब से वह मेरे साथ मुंबई में रह रहा है। सरकारी अधिकारी मेरे बेटे को अपना विदेशी पासपोर्ट पेश करने को कह रहे हैं जो की उसके पास नहीं है। कराडिया ने याचिका में कहा था कि मेरी पत्नी के पास पाकिस्तानी पासपोर्ट था और इस लिए जन्म के बाद बच्चे का नाम पत्नी के पासपोर्ट में जोड़ दिया गया था। क्योंकि तब नवजात शिशु के नाम पर पासपोर्ट नहीं जारी किया जाता था। मेरी पत्नी प्रसूति के लिए अपने अभिभावकों के पास पाकिस्तान गई थी। मेरी पत्नी ने भारत की नागरिकता स्वीकार कर ली है और अपना पाकिस्तान का पासपोर्ट भी काफी समय पहले सरेंडर कर दिया था। फिर भी मेरे बेटे को भारत की नागरिकता नहीं प्रदान की जा रही है। 
 

Created On :   25 March 2019 4:07 PM GMT

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