आरएसएस से राज्यपाल के संबंधों पर बवाल - आक्रामक विपक्ष लगाई नारेबाजी, अभिभाषण का किया बहिष्कार

Aggressive opposition raises slogan and boycott of Governors address
आरएसएस से राज्यपाल के संबंधों पर बवाल - आक्रामक विपक्ष लगाई नारेबाजी, अभिभाषण का किया बहिष्कार
आरएसएस से राज्यपाल के संबंधों पर बवाल - आक्रामक विपक्ष लगाई नारेबाजी, अभिभाषण का किया बहिष्कार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र विधानमंडल के अंतरिम बजट सत्र के पहले दिन सोमवार क विपक्ष ने राज्यपाल सी विद्यासागर राव के अभिभाषण का बहिष्कार कर दिया। विपक्ष ने राज्यपाल के आरएसएस को लेकर दिए बयान पर नाराजागी जताते हुए विरोध किया। प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद यह पहला मौका है जब विपक्ष राज्यपाल के अभिभाषण के मौके पर अनुपस्थित रहा। सोमवार को विधानमंडल के सेंट्रल हॉल में राज्यपाल के अभिभाषण से बजट सत्र की शुरुआत हुई। राज्यपाल ने प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को गिनाया। साथ ही सूखे से निपटने के लिए सरकार की तरफ से किए जा रहे उपायों का उल्लेख किया। राज्यपाल के अभिभाषण के मौके पर विपक्षी दल कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस के एक भी सदस्य मौजूद नहीं थे। जबकि समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आसिम आजमी, एमआईएम के विधायक इम्तियाज जलील और वारिस पठान मौजूद रहे। वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस के विधायक प्रदीप जाधव (नाईक) सेंट्रल हॉल में पहुंचे लेकिन विपक्ष के सदस्यों की गैर मौजूदगी को देखते हुए उल्टे पांव लौट गए। 

सेंट्रल हाल में नहीं पहुंचे कांग्रेस-राकांपा के विधायक

इससे पहले विपक्ष के सदस्यों ने विधानभवन परिसर में राज्यपाल के आगमन पर जमकर नारेबाजी की। पत्रकारों से बातचीत में विधान परिषद के विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने कहा कि कुछ दिनों पहले राज्यपाल ने नागपुर में कहा था कि मैं आरएसएस का स्वयंसेवक हूं। मुझे इस बात का अभिमान है। मुंडे ने कहा कि हमें लगता है कि राज्यपाल के अभिभाषण में जनता के कल्याण और हितों बारे में नहीं बल्कि आरएसएस का एजेंडा शामिल होगा। हमें इस तरह का संदेह है। इस लिए हमनें राज्यपाल महोदय के अभिभाषण का बहिष्कार किया है। विधान सभा के राष्ट्रवादी कांग्रेस के विधायक दल नेता जयंत पाटील ने कहा कि राज्यपाल खुद ही आरएसएस का समर्थन कर रहे हैं। पाटील ने कहा कि पांच सालों तक राज्यपाल के अभिभाषण के जरिए जनता को फंसाने का काम लगातार हो रहा है।

नागपुर में राज्यपाल ने क्या कहा था

राज्यपाल सी विद्यासागर ने इसी साल 5 फरवरी को नागपुर में सरसंघचालक गोलवलकर गुरुजी के नाम पर नए अकादमिक परिसर और गुरुकुलम के शुभारंभ के मौके पर कहा था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) सबसे धर्मनिरपेक्ष संगठनों में से एक है, क्योंकि इसने हर व्यक्ति के मत और धर्म के पालन के अधिकार का हमेशा सम्मान किया है। आरएसएस सुबह की अपनी प्रार्थना में देश के विभिन्न भागों के संतों, समाज सुधारकों और देशभक्तों को याद करता है, यह संघ के ‘समावेशी’ दृष्टिकोण को दिखाता है। उन्होंने कहा कि ‘विश्व गुरु’ का अपना वैभव फिर से पाने के लिए हमें ऐसी शिक्षा व्यवस्था की जरूरत है, जो भारतीय हो और जो पूछताछ, नवाचार और उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा दे। 
 
गिरीश व्यास, दुर्रानी, गोर्हे व झांबड तालिका सभापति

अंतरिम बजट सत्र के लिए विधान परिषद में तालिका सभापति के रूप में भाजपा सदस्य गिरीश व्यास, कांग्रेस सदस्य सुभाष झांबड, राष्ट्रवादी कांग्रेस सदस्य बाबाजानी दुर्रानी और शिवसेना की सदस्य नीलम गोर्हे की नियुक्ति की गई है। सोमवार को सदन में सभापति रामराजे नाईक-निंबालकर ने तालिका सभापति के नामों की घोषणा की। सभापति की गैर मौजूदगी में सदन का कामकाज चलाने की जिम्मेदारी तालिका सभापति पद होती है। 

विधानसभा में सागर, सकपाल, देसाई व चिकटगावकर तालिका अध्यक्ष

विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन विधानसभा अध्यक्ष हरिभाऊ बागडे ने तालिका अध्यक्षों के नामों का भी ऐलान किया। योगेश सागर, संभूराजे देसाई, भाऊसाहेब पाटील चिकटगावकर, हर्षवर्धन सकपाल, सुधाकर देशमुख का तालिका अध्यक्ष के तौर पर चयन हुआ है। विस अध्यक्ष व उपाध्यक्ष की गैर मौजूदगी में सदन का कामकाज चलाने की जिम्मेदारी तालिका अध्यक्षों पद होती है।
 

Created On :   25 Feb 2019 3:02 PM GMT

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