मुरैना में बनेगी 'अग्नि मिसाइल', अधर में लटक जाएगा जबलपुर डिफेंस क्लस्टर

Agni Missile will be built in murena, Jabalpur Defense Cluster in difficulty
मुरैना में बनेगी 'अग्नि मिसाइल', अधर में लटक जाएगा जबलपुर डिफेंस क्लस्टर
मुरैना में बनेगी 'अग्नि मिसाइल', अधर में लटक जाएगा जबलपुर डिफेंस क्लस्टर

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। बड़ी खुशखबरी है कि अग्नि मिसाइल का निर्माण अाने वाले समय में प्रदेश की धरती पर होगा, लेकिन इस खुशी पर चार चांद और लग जाते अगर इस मिसाइल का निर्माण मुरैना की बजाय डिफेंस हब कहे जाने वाले जबलपुर में होता। आधा दर्जन सुरक्षा संस्थान, सेना के बेहद बड़े आयुध डिपो और सेना की मध्य भारत कमान का मुख्यालय होने के बावजूद अग्नि मिसाइल के लिए ऐसे हर एक प्लस प्वाॅइंट की अनदेखी की गई। अब सवाल यह भी है कि जबलपुर के लिए जिस डिफेंस क्लस्टर की घोषणा खुद पीएम नरेन्द्र मोदी और सीएम शिवराज सिंह चौहान कर चुके हैं, उसका भविष्य कैसा होगा? 

मुरैना चयन ने मचाई हलचल

अग्नि मिसाइल निर्माण के लिए मुरैना में सबलगढ़ तहसील के बदरेठा गांव में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) को जमीन मुहैया कराई गई है। इस बात का निर्णय होने के बाद से ही जबलपुर के उद्योग संगठनों में हलचल मच गई है। कुछ ने तो इस बात को लेकर यहां के जनप्रतिनिधियों को भी जबलपुर की उपेक्षा का जिम्मेदार ठहराया है। औद्योगिक क्षेत्र में इस बात को लेकर भी अब चर्चा होने लगी है कि जहां एक ओर रियालंस को पीथमपुर में रक्षा निर्माण इकाई के लिए भूमि प्रदान की गई, वहीं अब अग्नि मिसाइल परियोजना मुरैना में चली गई। डिफेंस हब माने जाने वाले जबलपुर के बारे में विचार तक नहीं किया जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

वन विभाग की जमीन दी गई

बताया जाता है कि मुरैना में DRDO ने राज्य शासन से 1500 हेक्टेयर भूमि की मांग की थी। राज्य शासन ने 600 हेक्टेयर वन भूमि डीआडीओ को उक्त परियोजना के लिए मुहैया कराई, शेष 900 हेक्टेयर भूमि भी वन विभाग देगा, जिसके एवज में DRDO उसे 68 करोड़ रुपयों का भुगतान करेगा।

इसलिए जबलपुर बेहतर

  • जमीन की उपलब्धता, इंडस्ट्री के साथ मिल जाती राजस्व की जमीन।
  • सुरक्षा संस्थान होने का लाभ मिलता, कर्मचारियों को भरपूर काम।
  • मुरैना में पहाड़ी जमीन को समतलीकरण की परेशानी।
  • जबलपुर में पर्याप्त मात्रा में मिल सकती है समतल जमीन।

फैक्ट फाइल

  • 5000 किमी तक 20 मिनट में मारने की क्षमता।
  • 50 करोड़ रुपए है एक मिसाइल की निर्माण लागत।
  • 50 हजार किलो तक वजन एक मिसाइल का
  • 1000 हजार किलोग्राम परमाणु हथियार ढोने में हैं सक्षम।
  • 800 किमी ऊंचाई तक जा सकती है अग्नि मिसाइल।

जबलपुर चेंबर ऑफ कॉमर्स के चेयरमैन प्रेम दुबे ने कहा कि जबलपुर में क्लस्टर आधारित उद्योग ही पनप सकते हैं, जिसका जीवंत उदाहरण रेडीमेड गारमेन्ट काॅम्पलेक्स है। केन्द्र व राज्य शासन यदि जबलपुर में घोषित डिफेंस क्लस्टर के प्रति गंभीर होते तो अग्नि मिसाइल की परियोजना जबलपुर में लाई जा सकती थी। जनप्रतिनिधियों में इच्छा-शक्ति की कमी जबलपुर के विकास में आड़े आ रहा है।

चेंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष हिमांशु खरे का कहना है कि केन्द्र व राज्य शासन को पत्र लिखकर जबलपुर में डिफेंस हब एवं डिफेन्स क्लस्टर के शीघ्र निर्माण की मांग की गई है। करीब 50 करोड़ रुपए एक मिसाइल के निर्माण की लागत है। यदि यह परियोजना जबलपुर में लाई जाती तो यहां के लघु उद्योगों को भी काम मिलता तथा युवाओं को रोजगार प्राप्त होता।

Created On :   31 Aug 2017 6:00 AM GMT

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