कृषि विभाग ने  खरीफ सीजन के लिए उपलब्ध करवाए गए 17 लाख क्विंटल बीज 

Agriculture department available 17 lakh quintal seeds kharif season
कृषि विभाग ने  खरीफ सीजन के लिए उपलब्ध करवाए गए 17 लाख क्विंटल बीज 
कृषि विभाग ने  खरीफ सीजन के लिए उपलब्ध करवाए गए 17 लाख क्विंटल बीज 

डिजिटल डेस्क,अमरावती। खरीफ सीजन के लिए कुल 16.24 लाख क्विंटल बीज की मांग है। इस मांग को देखते हुए महाबीज, राष्ट्रीय बीज निगम और निजी कंपनियों की तरफ से कुल 17.03 लाख क्विंटल बीज उपलब्ध करवाए गए हैं। यह जानकारी कृषि आयुक्तालय ने दी।  उन्होंने बताया कि कपास फसल का 42  लाख हेक्टेयर क्षेत्र है। इसके लिए 165  लाख बी.टी. पैकेट लगते हैं खरीफ सीजन के लिए 226 लाख पैकेट उपलब्ध हैं। खरीफ 2019  के लिए 43.50  लाख मीट्रिक टन रासायनिक खाद की मांग है। 15  मई  तक 31.10 मीट्रिक टन रासायनिक खाद का स्टॉक उपलब्ध है।गुणनियंत्रण विभाग द्वारा बीज के 19357, रासायनिक खाद के 20 हजार व कीटनाशक के 8 हजार सैम्पल निकालने के संबंध में लक्षांक दिया गया है। 

1087  किलो बीज जब्त
केंद्र सरकार की अनुमति के बगैर एच.टी.बी.टी. कपास बीज की बिक्री होने की बात ध्यान में आने पर संबंधितों पर अपराध दर्ज किया जाएगा। मार्च, अप्रैल   में अब तक 10  पुलिस केस दर्ज किए गए हैं। इसमें 4516 पैकेट व 1087 किलो बीज जब्त किए हैं। इसका मूल्य 65 लाख है। रासायनिक खाद का अनधिकृत स्टॉक मिलने से 5  पुलिस केस दर्ज किए गए हैं। इस कार्रवाई के दौरान 4105.85 मीट्रिक टन स्टॉक जब्त किया है।कृषि यांत्रिकीकरण के लिए विविध योजना अंतर्गत 250  करोड़ का प्रावधान किया जा रहा है। 

बिजली बिल स्वीकारने की समयावधि बढ़ाई

महावितरण और ग्राहकों के लिए बिजली बिल महत्वपूर्ण विषय है। ग्राहकों की सुविधा  क लिए बिल स्वीकारने की समय सीमा बढ़ा दी गई है। अब ग्राहक  सुबह 10  से शाम 5 बजे तक उपविभागीय कार्यालय में बिजली बिल का भुगतान कर सकते हैं। साथ ही यहां की इंटरनेट कनेक्टिविटी की शिकायत भी हल की गई है। ग्राहकों की सुविधा के लिए नया बिजली बिल भुगतान केंद्र शुरू करने का प्रस्ताव मंजूरी के अंतिम चरण में होने से शीघ्र ही वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी।बिजली बिल पर महावितरण का संपूर्ण कामकाज निर्भर होता है। इसलिए वितरित की गई बिजली का उसी माह में बिजली बिल के स्वरूप में पैसे मिलने के लिए ग्राहकों को बिजली बिल भरने के लिए अनेक सुविधा उपलब्ध करवायी है। महावितरण ने अपने ग्राहकों के लिए पर्यावरण पूरक योजना भी शुरू की है। जो ग्राहक प्रिटेंट बिजली बिल के बजाय अपने ईमेल पर बिजली बिल स्वीकारते है, ऐसे पर्यावरण प्रेमी ग्राहकों को 1  दिसंबर 2018  से प्रत्येक बिल में 10 रुपए की रियायत दी जाती है। इसके लिए ग्राहकों ने महावितरण की वेबसाइट पर भेंट देकर "गो ग्रीन" विकल्प पर पंजीयन करना जरूरी है। ग्राहक सुविधा के लिए महावितरण की ऑनलाइन सेवा का ग्राहकों  से लाभ लेने का आह्वान महावितरण अमरावती परिमंडल की ओर से किया जा रहा है।

Created On :   24 May 2019 8:25 AM GMT

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