एयर इंडिया का होगा निजीकरण, इंडिगो ने दिखाई दिलचस्पी
टीम डिजिटल,नई दिल्ली. कर्ज में डूबी एयर इंडिया और उसकी पांच सहायक कंपनियों के निजीकरण के लिए सरकार ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में कमेटी इस उड़ान सेवा के बेचे जाने की प्रक्रियाएं तय करेगा। साथ ही ये भी तय किया जाएगा कि, इसे सौ फीसदी बेचना है या फिर सरकारी हिस्सेदारी भी रखनी है।
इंडिगो से मिला सपोर्ट
सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया के विनिवेश को गुरुवार को देश की मार्केट शेयर के लिहाज से सबसे बड़ी कंपनी इंडिगो से सपोर्ट मिला है। एयर इंडिया को बेचने की मंजूरी के एक दिन बाद इंडिगो ने इसमें हिस्सेदारी खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। एविएशन सेक्रेटरी आर एन चौबे ने मीडिया को बताया कि 'एयर इंडिया में स्टेक खरीदने में इंडिगो ने इंटरेस्ट दिखाया है। उसने हमें इस बारे में लेटर लिखा है।'
सिविल एविएशन मिनिस्ट्री को अब तक किसी और कंपनी की तरफ से लिखित में ऐसा ऑफर नहीं मिला है। चौबे ने कहा कि टाटा ग्रुप सहित किसी अन्य कंपनी ने ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं भेजा है। हालांकि, जूनियर एविएशन मिनिस्टर जयंत सिन्हा ने कहा कि कई एयरलाइंस ने अनौपचारिक तौर पर एयर इंडिया के प्राइवेटाइजेशन के बारे में पूछताछ की है। एयर इंडिया पर 50,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है। पहले ऐसी खबरें आई थीं कि टाटा ग्रुप सरकारी विमानन कंपनी को खरीद सकता है।
एविएशन मिनिस्टर अशोक गजपति राजू ने कहा, 'वित्त मंत्री अरुण जेटली की लीडरशिप में वाली कमेटी में एविएशन मंत्री भी एक मेंबर होंगे और दूसरे मंत्रियों को भी प्रधानमंत्री चाहेंगे तो इसका सदस्य बनाया जाएगा।' इंडिगो ने इस बारे में पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दिया। उसने कहा कि जून क्वॉर्टर खत्म हो रहा है और जल्द ही इसका रिजल्ट कंपनी को पेश करना है। इसलिए वह ऐसे किसी सवाल का जवाब नहीं दे सकती।
Created On :   30 Jun 2017 4:01 AM GMT