सिस्टम सुधारने में लगे आकाशवाणी ने रेडियो चैनलों का बिगाड़ा खेल, तीन दिनों तक तीन घंटे चैनल बंद 

Akashwanis technical team, trying to improve the old system of radio
 सिस्टम सुधारने में लगे आकाशवाणी ने रेडियो चैनलों का बिगाड़ा खेल, तीन दिनों तक तीन घंटे चैनल बंद 
 सिस्टम सुधारने में लगे आकाशवाणी ने रेडियो चैनलों का बिगाड़ा खेल, तीन दिनों तक तीन घंटे चैनल बंद 

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पुराने हो चुके सिस्टम को सुधारने में लगे आकाशवाणी की तकनीकी टीम ने रेडियो पर चलने वाले 94.3 माई एफ समेत 7 निजी रेडियो चैनलों का कार्यक्रम बिगाड़ दिया है। 15, 16 व 17 अक्टूबर को तीन दिन दोपहर के समय रेडियो चैनल बंद रहने से निजी चैनलों का नुकसान होने के साथ ही श्रोता भी संगीत व शहर की खबरे नहीं सुन पा रहे है। सिस्टम को सुधारने में लगे तकनीकी अधिकारियों ने काम के लिए तड़के या रात का समय चुनने की बजाय दोपहर का समय चुना, जिसका खामियाजा निजी चैनलों व श्रोताआें को भुगतना पड़ रहा है। 

उल्लेखनीय है कि 1980 के दशक में नागपुर में दूरदर्शन आया आैर उसी के बाद आकाशवाणी का सिस्टम स्थापित हुआ, जो काफी पुराना हो चुका है। साफ्टवेयर भी काफी पुराना है, जिसे अपडेट करना जरूरी है। मुंबई व सूरत से नागपुर आई तकनीकी अधिकारियों की टीम आकाशवाणी के मेजरमेंट व प्रोजेक्ट सेक्शन पर काम कर रही है। दरअसल तय समय के बाद सिस्टम का आडिट होता है। सिस्टम पर कितना लोड है, इसकी क्या स्थिति है, इसका आडिट होता है। सिस्टम में समय-समय पर सुधार की जरूरत होती है। मुंबई से डायरेक्टर स्तर के अधिकारी व सूरत से तकनीकी अधिकारियों की टीम सिस्टम को चेक आउट कर रही है। अधिकारियों ने काम को जो समय चुना है, उसे लेकर निजी रेडियो चैनल व श्रोताआें को भयंकर असुविधा हो रही है। अधिकारियों ने 15, 16 व 17 अक्टूबर को दोपहर का समय तय किया आैर तीन दिन दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक ट्रांसमीटर आफ (बंद) रहेंगे। 15 व 16 अक्टूबर को दोपहर 2 से 5 बजे तक आकाशवाणी के विविध भारती के अलावा निजी रेडियो चैनल 94.5 माई एफएम, रेडियो सिटी, बिग एफएम, रेडियो मिर्ची, मिर्ची लव, रेड एफएम चैनल बंद रहे। चैनलों पर संगीत के अलावा शिक्षा, यातायात की जानकारी, स्थानीय खबरों की जानकारी दी जाती है। हर दिन शहर के 8 से 9 लाख लोग संगीत (गीत) व खबरें सुनते है। विज्ञापन भी रहते हैं। रेडियो पर आकाशवाणी का मीडियम वेव (मध्यम ध्वनि) ही शुरू हैै। 
 
3 महीने की कवायद के बाद भी खा गए गच्चा 
सिस्टम को सुधारने के पहले सिस्टम को चेक किया जाता है। यह रिपोर्ट प्रोजेक्ट सेक्शन मुंबई जाएगी। इसके बाद रिपोर्ट डायरेक्टर दिल्ली जाएगी। वहां से योजना तैयार होगी आैर उस पर अमल किया जाएगा। पिछले तीन महीने से सिस्टम के आडिट के साथ ही सिस्टम को चेक करने की कवायद चल रही थी। दूरदर्शन मुख्यालय दिल्ली से हरी झंडी मिलने के बाद मुंबई व सूरत की टीम ने नागपुर आने का फैसला किया। टीम ने पहले सुबह के समय काम करना चाहा था। सुबह का समय प्राइम टाइम होता है। त़ड़के व रात को श्रोता कम होते है। रात को रिस्क होने का कारण बताकर दोपहर 2 से 5 बजे का समय चुना गया। आकाशवाणी की तरफ से भले ही इसकी जानकारी संबंधित चैनलों को दी गई, लेकिन समय चुनने में आकाशवाणी गच्चा खा गई। 
 
सीजन का वक्ता, इवेंट व विज्ञापनों को आगे बढ़ा रहे 
यह दशहरे के सीजन का समय है। इस वक्त विशेषकर विज्ञापनों की मांग ज्यादा होती है। दोपहर के समय निजी रेडियो चैनलों पर इवेंट व विज्ञापनों का दौर होता है। अब इवेंट व विज्ञापनों का समय आगे बढ़ाया जा रहा है। सुबह व शाम को इवेंट व विज्ञापन के संबंध  में जानकारी दी जा रही है। अगर ऐसा नहीं किया तो चैनलों का भारी नुकसान हो सकता है।  
मुख्यालय से कार्यक्रम तय होता है 

सिस्टम काफी पुराना है। साफ्टवेयर भी पुराना है। सिस्टम का आडिट भी करना है। दूरदर्शन मुख्यालय दिल्ली से कार्यक्रम तय हुआ है। तीन महीने से इसके लिए कोशिश की जा रही थी। सुधार की दृष्टि से तकनीकी टीम सिस्टम को चेक कर रही है। काम के लिए रात का समय रिस्की (जोखीमभरा) होता है। स्ट्रक्चर पर चढ़ना पड़ता है। सुबह 9 बजे का समय प्राइमटाइम है इसमें खलल नहीं डाल सकते। दोपहर में श्रोता कम होते है। इसलिए इस समय को चुना गया है। दोपहर 2 से 5 बजे तक का समय ट्रांसमीटर आफ किए जाते है। इसकी जानकारी संबंधित चैनलों को दी गई है। मेजरमेंट व प्रोजेक्ट सेक्शन का काम जारी है। यह रिपोर्ट मुंबई भेजी जाएगी। 
-यशवंत चिवंडे, निदेशक (इंजीनियरींग) आकाशवाणी नागपुर. 
 
समय का ध्यान रखना चाहिए था 
 रात को सुधार या जांच कार्य होता तो बेहतर होता। यह सीजन का समय है। संगीत, खबरें व इवेंट कार्यक्रम प्रभावित हो रहे है। विज्ञापनों को आगे बढ़ाया जा रहा है। विज्ञापन प्रभावित होने पर नुकसान हेाता है। हर दिन 8-9 लाख लोग विविध चैनलों पर संगीत, शिक्षा व इवेंटसंबंधी कार्यक्रम सुनते है। आकाशवाणी ने समय का ध्यान रखना चाहिए था। -किशन प्रजापति, प्रोग्रामिंग हेड (94.3 माई एफएम).

Created On :   16 Oct 2018 1:47 PM GMT

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