अवैध खनन : CBI ने कहा- एक ही दिन में 13 पट्टों को अखिलेश ने दी थी मंजूरी

अवैध खनन : CBI ने कहा- एक ही दिन में 13 पट्टों को अखिलेश ने दी थी मंजूरी
हाईलाइट
  • 14 में से 13 को 17 फरवरी
  • 2013 को ई-टेंडरिंग प्रक्रिया का उल्लंघन करते हुए मंजूरी दी गई थी।
  • CBI की जांच में सामने आया है कि यादव
  • जो जून 2013 तक खनन मंत्री थे
  • ने 14 पट्टों को मंजूरी दी थी।
  • अवैध खनन मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव की मुश्किलें बढ़ती जा रही है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अवैध खनन मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) की जांच में सामने आया है कि अखिलेश ने जून 2013 में खनन मंत्री रहते हुए 14 पट्टों को मंजूरी दी थी। इनमें से 13 को 17 फरवरी, 2013 को ई-टेंडरिंग प्रक्रिया का उल्लंघन करते हुए मंजूरी दी गई थी।

सीएम ऑफिस से मंजूरी मिलने के बाद हमीरपुर की डीएम बी. चंद्रकला ने खनन पट्टों को हरी झंडी दी थी। इलाहबाद हाईकोर्ट ने 29 जनवरी, 2013 को दिए फैसले में भी कहा था कि ई-टेंडरिंग प्रक्रिया का उल्लंघन किया गया है। CBI अधिकारियों के मुताबिक 17 फरवरी 2013 को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने डीएम ऑफिस में पेडिंग पड़ी फाइलों को अपने पास मंगाया और लीज से जुड़ी 13 फाइलों को एक ही दिन में स्वीकृति दे दी जबकि एक फाइल को 14 जून 2013 को स्वीकृति दी गई।

इससे पहले रविवार को अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी सरकार पर निशाना था। बीजेपी सरकार पर उन्होंने षड़यंत्र रचने का आरोप लगाते हुए कहा था कि बीजेपी चाहे जितने भी षड़यंत्र रच लें, जनता बदला लेने के लिए तैयार है। अखिलेश ने कहा था कि बीजेपी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सियासी फायदा  लेने के लिए CBI का दुरुपयोग कर रही है। अखिलेश यादव ने कहा था की CBI के जरिए बीजेपी एकजुट हो रहे विपक्षी दलों को धमकाना चाहती है। उन्होंने कहा था "अब हमें CBI को बताना पड़ेगा कि गठबंधन में हमने कितनी सीटें वितरित की हैं। मुझे खुशी है कि कम से कम बीजेपी ने अपना रंग दिखा दिया है। इससे पहले कांग्रेस ने हमें CBI से मिलने का मौका दिया था और इस बार यह बीजेपी है जिसने हमें ये मौका दिया है।

गौरतलब है कि CBI ने लाओ, हमीरपुर, नोएडा, लखनऊ और कानपुर समेत 14 जगहों पर  शनिवार को छापेमारी की थी। हमीरपुर जिले में 2012-16 के दौरान खनिजों के अवैध खनन की जांच के सिलसिले में की गई थी। जांच में 11 लोगों के इस मामले में लिप्त होने की जानकारी मिली है। इसमें कुछ सरकारी अधिकारी भी शामिल हैं। जांच में पता चला कि कुछ समय के लिए खनन पर रोक लगा दी गई थी, लेकिन इन सरकारी अधिकारियों ने उस वक्त भी खनन जारी रखने का आदेश दिया था। 

Created On :   7 Jan 2019 3:19 PM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story