लीलावती अस्पताल के ट्रस्टियों पर 500 करोड़ के घोटाले का आरोप
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मायानगरी का मशहूर लीलावती अस्पताल चलाने वाले ट्रस्टियों पर 500 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगा है। ट्रस्ट के मैनेजिंग और परमानेंट ट्रस्टी निकेत मेहता ने यह आरोप लगाया है। मेहता ने पूरे मामले की जांच की मांग करते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मुंबई पुलिस कमिश्नर दत्तात्रय पडसलगीकर को खत लिखा है। इसके अलावा कोर्ट और चैरिटी कमिश्नर से भी मामले की शिकायत की है।
लंबे समय से कानूनी लड़ाई जारी
गुरूवार को निकेत ने कहा कि ट्रस्ट को चलाने वाले ट्रस्टियों ने पैसों का हेरफेर कर करीब 500 करोड़ की संपत्तियां खरीदी। उन्होंने दावा किया कि लीलावती हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के पैसे का इस्तेमाल कर यह संपत्तियां किसी और के नाम से खरीदी गईं। बता दें कि निकेत लीलावती अस्पताल की स्थापना करने वाले विजय मेहता के बेटे हैं। निकेत के मुताबिक वे लंबे समय से कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। लेकिन उन्हें डर है कि जब तक कानूनी लड़ाई चलेगी दूसरे ट्रस्टी अस्पताल को बेच चुके होंगे। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी बनाकर मामले की जांच के आदेश दिए थे। आयकर विभाग ने अस्पताल पर छापा भी मारा था लेकिन इसकी रिपोर्ट कोर्ट में पेश ही नहीं की गई।
अस्पताल बिकने का डर
निकेत ने आरोप लगाया कि घोटाला कर रहे ट्रस्टी आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं और कई बैंक उन्हें जानबूझ कर कर्ज का भुगतान न करने वाला घोषित कर चुकी है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों का सार्वजनिक ट्रस्ट में होना सरासर गलत है। निकेत के वकील तनवीर निजाम ने कहा कि वे लंबे समय से कोशिश कर रहे हैं कि ट्रस्ट की ऑडिट कराया जाए, जिससे सच्चाई सामने आए लेकिन ट्रस्टी इसकी मंजूरी नहीं देते। वहीं निकेत ने बताया कि वे अस्पताल से वेतन या अन्य कोई भुगतान नहीं लेते, ना ही किसी चेक पर दस्तखत करते हैं। वे इससे अपना कोई फायदा नहीं चाहते, लेकिन जिस तरह से कथित घोटाले हो रहे हैं, इससे अस्पताल बिकने का डर है।
Created On :   2 Nov 2017 6:01 PM GMT