कंपनी का भ्रष्टाचार छुपाने दी अतिरिक्त बिजली इस्तेमाल की अनुमति : होगाडे

Allow extra power to be hide corporate corruption in electricity Company - Hogade
कंपनी का भ्रष्टाचार छुपाने दी अतिरिक्त बिजली इस्तेमाल की अनुमति : होगाडे
कंपनी का भ्रष्टाचार छुपाने दी अतिरिक्त बिजली इस्तेमाल की अनुमति : होगाडे

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सरकारी बिजली कंपनी महावितरण में ट्रांसमिशन लॉश और भ्रष्टाचार छुपाने के लिए विद्युत नियामक आयोग (एमईआरसी) ने 42 लाख कृषि पंपों को अतिरिक्त बिजली इस्तेमाल की मंजूरी दी है, जबकि उनको इसकी जरूरत ही नहीं है। यह आरोप बिजली उपभोक्ता संगठन के अध्यक्ष प्रताप होगाडे ने लगाए हैं। सोमवार को मुंबई मराठी पत्रकार संघ में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए होगाडे ने कहा कि एमईआरसी के 12 सितंबर 2018 के फैसले के आकड़ों से यह बात साफ होती है। राज्य में उच्च दाब उपसा सिंचन योजना के लिए हर दिन 16 घंटे बिजली मिलती है और वार्षिक इस्तेमाल करीब 300 दिन का होता है।

 बिजली उपभोक्ता मंच के अध्यक्ष ने लगाए आरोप
मीटर के अनुसार वार्षिक बिजली इस्तेमाल लगभग प्रति हार्स पावर 1404 यूनिट यानि 1882 घंटे होता है। इसी तरह लघु दाब वाले कृषि पंप ग्राहकों को दिनभर में करीब 6 से 7 घंटे बिजली मिलती है और इनका वार्षिक बिजली इस्तेमाल करीब 200 दिनों को होता है। इस तरह के 42 लाख कृषि पंपों के लिए एमईआरसी ने प्रति हार्स पावर 1333 यूनिट यानि 1787 घंटे की मान्यता दी है। दोनों की तुलना करें तो पता चलता है कि उच्च दाब ग्राहकों की तुलना में लघु दाब पंपों की बिजली खपत दोगुने से ढाई गुना है। उन्होंने कहा कि राज्य के विधायकों को यह मामला सदन में उठाना चाहिए। होगाडे ने सवाल किया कि 27 मार्च 2018 को एनडी पाटील के नेतृत्व में निकाले गए किसानों के मोर्चे को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने जो आश्वासन दिया था, वह आज कर क्यों पूरा नहीं हो सका। उन्होंने कहा था कि 42 लाख किसानों के बिजली बिल में संशोधन किया जाएगा।     
 

Created On :   12 Nov 2018 3:31 PM GMT

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