बसंत का प्रतीक, पंचमी की इस पूजा में शुभ है ये रंग

Amazing facts about Basant or Vasant panchmi and yellow color
बसंत का प्रतीक, पंचमी की इस पूजा में शुभ है ये रंग
बसंत का प्रतीक, पंचमी की इस पूजा में शुभ है ये रंग

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इससे पहले हम हम आपको मां सरस्वती की बसंत पंचमी पर पूजा विधि, उनके प्रसिद्ध मंदिर व रोचक फैक्ट्स बता चुके हैं। कला एवं शिक्षा क्षेत्र में इनके महत्व को भी बताया जा चुका है, किंतु बसंत पंचमी पर सबसे ज्यादा कोई बात आकर्षित करती है तो वह है बसंत काल में पीले वस्त्रों का धारण करना। बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा भी अधिकांशतः पीले वस्त्र धारण करके ही की जाती है। अब यहां आपके लिए ये जानना जरूरी है कि आखिर ऐसा क्यों किया जाता है। बसंत पंचमी इस बार रविवार 22 जनवरी 2018 को मनायी जा रही है। 

मिलता है मां सरस्वती का आशीर्वाद
मां सरस्वती की पूजा के वक्त भोग में पीली मिठाई ही शामिल की जाती है। पीले वस्त्र धारण किए जाते हैं पीले फूलों की माला माता को अर्पित की जाती है। पीला रंग बसंत का भी प्रतीक है। ऐसी मान्यता है कि जब तक मनुष्य को मां सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त नही होता वह उन्नति के पथ पर ना ही अग्रसर हो सकता है और ना ही उन्नति हासिल कर सकता है।

समृद्धि, ऊर्जा और आशावाद का प्रतीक 

दरअसल, पीला रंग एक अनोखी खुशी का एहसास कराता है। पीला रंग समृद्धि, ऊर्जा, प्रकाश और आशावाद का भी प्रतीक माना जाता है। यही वजह है कि बसंत का प्रतीक पीले रंग से ही ऋतुओं के राता बसंत का स्वागत किया जाता है। मां सरस्वती को भी पीला ही भोग अर्पित करते हैं, ताकि समृद्धि और ऊर्जा का संचार मनुष्य में होता रहे।

मनुष्य में सकारात्मकता का संचार
मां सरस्वती का अवतरण पंचमी के दिन ही हुआ था। इसलिए इस दिन उनका प्रकाट्योत्व मनाया जाता है। ऐसी भी मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं देवी सरस्वती को वरदान दिया था कि जो भी मनुष्य इस दिन आपकी आराधना करेगा उसे जीवन में विद्या एवं ज्ञान की प्राप्ति होगी। वह संसार में प्रसिद्धि एवं उन्नति प्राप्त करेगा। पंचमी का पूजन कर पीला धागा गले या हाथ में मां के आशीर्वाद स्वरूप बांधा जाता है। यह सकारात्मकता का संचार मनुष्य में करता है। 

Created On :   20 Jan 2018 3:05 AM GMT

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