अमरावती : शिक्षा से करियर बनाएंगे कैदी, 271 कैदियों को जेल प्रशासन ने दिलायी पढ़ने की सुविधा

Amravati: prisoners want to make a career by completing education
अमरावती : शिक्षा से करियर बनाएंगे कैदी, 271 कैदियों को जेल प्रशासन ने दिलायी पढ़ने की सुविधा
अमरावती : शिक्षा से करियर बनाएंगे कैदी, 271 कैदियों को जेल प्रशासन ने दिलायी पढ़ने की सुविधा

डिजिटल डेस्क, अमरावती। शिक्षा के माध्यम से करियर बनाने के लिए जेल में बंद कैदियों ने आगे कदम बढ़ाया है। जिसके तहत मध्यवर्ती कारागृह में सजा भुगत रहे अनेक कैदी ज्ञानार्जन के लिए इच्छुक हैं। वे शिक्षा पूर्ण कर अपना करियर बनाना चाहते हैं। प्रशासन की ओर से उन्हें शिक्षा का अवसर भी दिया जा रहा है। प्रशासन ने उन्हें पढऩे-लिखने की सुविधा उपलब्ध करायी है, जिसके चलते 271 बंदीजनों को यशवंतराव चव्हाण व इंदिरा गांधी महाराष्ट्र मुक्त विश्वविद्यालय के माध्यम से ज्ञानार्जन का अवसर प्रदान कराया है।  पढ़ाई के बाद परीक्षा में  बंदीजन अच्छे अंकों के साथ उत्तीर्ण होने पर उनकी सजा में कटौती हो सकती है।

अपराधिक दौर से गुजरने के पश्चात जेल में सजा भुगतते हुए कैदियों का मानसिक संतुलन पूरी तरह से डगमगा जाता है। दूसरी ओर सजा भुगतने के साथ-साथ अपने घर-परिजनों की चिंता सताए रहती है। परंतु इन सभी को एक ओर रख शिक्षा के प्रति अपनी रुचि कायम रखने का अवसर मध्यवर्ती कारागृह जेल प्रशासन व्दारा कैदियों को दिया गया है। जहां अमरावती मध्यवर्ती कारागृह में इंदिरा गांधी मुक्त विद्यापीठ के तहत बीपीपी के 113 कैदी, बीए प्रथम-14 कैदी, बीए व्दितीय-1, बीकॉम प्रथम-1, एमए प्रथम 2 व  एमए व्दितीय वर्ष-1 ऐसे कुल 132 कैदी परीक्षा की तैयारी में जुटे हैं। यशवंतराव चव्हाण महाराष्ट्र मुक्त विद्यापीठ के तहत बीए प्रथम के 32 कैदी, बीए-व्दितीय के 24, बीए तृतीय के 3, बीपीपी-56 व योग शिक्षक डिप्लोमा पाने हेतु 24 कैदी ऐसे कुल 139 कैदियों ने आवेदन किया है। जहां जेल प्रशासन की ओर से दोनों मुक्त विद्यापीठ के तहत कुल 271 कैदी एग्जाम देकर अपना करियर बनाने में जुटे हुए हैं।

रोजाना सुबह क्लास 
कैदियों को शिक्षा में आने वाली समस्याओं सुलझाने के लिए रोजाना सुबह 9 बजे पढ़ाई का सत्र शुरू होता है। इस दौरान जेल प्रशासन व्दारा बुलाए गए वाडविले नामक शिक्षक व पुलिस कर्मियों की निगरानी में कैदी पढ़ाई करते हैं। इसके अलावा अन्य समय में भी कैदी जब चाहे पढ़ाई करते रहते हैं।

जेल में ही एग्जाम सेंटर
एग्जाम में बैठे कैदियों को अन्य सेंटर नहीं दिया जाता, जहां जेल प्रशासन व्दारा मध्यवर्ती कारागृह के भीतर ही परीक्षा केंद्र स्थापित किया गया है। विद्यापीठ के शिक्षक व जेल प्रशासन सुरक्षा की निगरानी में कैदी परीक्षा देंगे।

फीस व किताबेंं नि:शुल्क
मुक्त विद्यापीठ में प्रवेश लेने हेतु कैदियों के लिए फीस माफ की गयी है। साथ ही मुक्त विद्यापीठ की ओर से किताबें भी नि:शुल्क दी गयी है। जिसके चलते शिक्षा के प्रति रुची रखने वाले कैदी उसका समय रहते परिपूर्ण लाभ रहे हैं।

अच्छे अंक पाने पर सजा में कटौती
मुक्त विद्यापीठ के तहत परीक्षा की समयसारिणी अब तक विद्यापीठ ने जारी नहीं की है। परंतु जेल प्रशासन की ओर से जो कैदी परीक्षा में उत्कृष्ट अंक प्राप्त करेंगे, उनकी सजा में कटौती होगी। जिसका प्रस्ताव वरिष्ठ स्तर पर भेजा जाएगा।

कैदियों में परिवर्तन होते देखा 
शिक्षा यह समाज का दूसरा भाग है। जहां शिक्षा के प्रति सकारात्मक रहते हुए भविष्य उज्ज्वल किया जा सकता है। जिन हाथों से अपराध हुए हंै, आज उन्हीं हातों में कलम आने से कैदियों का  मनपरिवर्तन होता देखा गया है। जहां जेल से छुटने के पश्चात अगर उनके हाथों में डिग्री होती है तो वे अपने पैरों पर खड़े रह सकते हैं।
- सुरेश कांबले, कारागृह अधीक्षक

 

 

Created On :   24 Jan 2019 10:12 AM GMT

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