चोर गणेश मंदिर, चोरी के माल से बप्पा को भी देते थे हिस्सा

An ancient story About the Chor Ganesh Temple at Ujjain in MP
चोर गणेश मंदिर, चोरी के माल से बप्पा को भी देते थे हिस्सा
चोर गणेश मंदिर, चोरी के माल से बप्पा को भी देते थे हिस्सा

 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बुधवार का दिन गणपति बप्पा को समर्पित है। इस दिन विधि-विधान से बप्पा की आरती-पूजा एवं व्रत धारण करने से वे अवश्य प्रसन्न होते हैं। जैसे कि बप्पा के भक्तों को ज्ञात है कि उन्हें मोदक, लड्डू, दुर्वा आदि अत्यंत प्रिय है, जबकि उनके पूजन में तुलसी का प्रयोग वर्जित है। कहा जाता है कि तुलसी को भगवान गणेश ने श्राप दिया था जिसकी वजह से उनके पूजन में विष्णुप्रिय तुलसी को शामिल नही किया जाता। आज यहां हम आपको गणपति बप्पा के प्रसिद्ध एक ऐसे स्थान के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी अनोखी कथा लोगों को आकर्षित करते हैं। चोर गणेश मंदिर के नाम से यहां लाेग अासानी से पहुंच सकते हैं।

 

प्रचलित है ये कथा

मध्यप्रदेश उज्जैन के खाकचैक स्थित दुर्मुख गणेश मंदिर को चोर गणेश मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इसका उल्लेख स्कंद पुराण के अवंतिखंड में मिलता है। इसे लेकर प्रचलित पुरातन कथा के अनुसार इस मंदिर में चोर अपने चोरी के माल का बंटवारा करते थे वे कहीं भी चोरी करने से पहले गणपति से कहते थे लौटने पर आपको आपका हिस्सा जरूर देंगे, आप बस हमारी रक्षा करना। जब वे कहीं से चोरी करते तो बराबर-बराबर हिस्सेदारी करते। इसी वजह से इसका नाम चोर गणेश मंदिर पड़ गया। कहा जाता है कि यह प्रक्रिया यहां अनेक सालाें तक चलती रही। चोर माल के बंटवारे में ईमानदारी बरतकर बप्पा के लिए भी चोरी के माल से हिस्सा निकालकर उन्हें देते थे। 

 

मूर्ति की सूंड बाएं हाथ की ओर उठी हुई

यह स्थान शहर के षडविनायक मंदिरों में से एक माना जाता है। मंदिर गणपति बप्पा की मूर्ति की सूंड बाएं हाथ की ओर उठी हुई दिखाई देती है। माना जाता है कि इस मंदिर में सच्चे मन से जो भी भक्त प्रार्थना करता है उसकी मनोकामना अवश्य ही पूर्ण होती है। 

 

Created On :   31 Jan 2018 4:24 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story