PNB स्कैम की तरह सिटी यूनियन बैंक में भी घोटाला, लगा 12.8 करोड़ का चूना
डिजिटल डेस्क। पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में 11 हजार करोड़ रुपए का स्कैम सामने आने के बाद एक और स्कैम का खुलासा हुआ है। इस बार प्राइवेट सेक्टर के सिटी यूनियन बैंक के साथ फ्रॉड हुआ है। सिटी यूनियन बैंक ने खुद बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को दी फाइलिंग में ये खुलासा किया है। बैंक के मुताबिक, उसे 12.8 करोड़ का नुकसान हुआ है। इस रकम के लिए तीन ट्रांजैक्शन का हवाला दिया गया है।
पंजाब नेशनल बैंक की तरह सिटी यूनियन बैंक के खातों में भी इन ट्रांजैक्शन की कोई एंट्री नहीं मिली हैं। हालांकि, बैंक से SWIFT फाइनेंशियल सिस्टम के जरिए रुपयों के ट्रांसफर का मैसेज बढ़ाया गया है। बैंक ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 7 फरवरी को बैंक की जांच में पता चला कि स्विफ्ट सिस्टम से तीन फर्जी रेमिटेंस हुए थे। हालांकि, ये कोई भी बैंक की तरफ से नहीं किए गए। बैंक ने तत्काल इसकी सूचना संबंधित बैंकों को दी और फंड वापसी के लिए रिक्वेस्ट जेनरेट की है। कहा जा रहा है कि पैसे निकालने के लिए स्विफ्ट फाइनेंशियल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया गया।
दुबई भेजा गया पैसा
बैंक के मुताबिक, इन तीन रेमिटेंस में से एक न्यूयॉर्क के स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक के माध्यम से दुबई के बैंक में भेजा गया। ये ट्रांजैक्शन कुल 5 लाख डॉलर की थी। इसे ब्लॉक करने के बाद पैसा सिटी यूनियन बैंक ने तुरंत वापस ले लिया। बैंक के मुताबिक, रकम को दूसरे बैंकों की तरफ से ट्रांसफर की गई थी, जबकि सिटी यूनियन बैंक ने इसके लिए कोई रिक्वेस्ट जेनरेट ही नहीं की थी।
तुर्की और चीन भेजा गया पैसा
स्विफ्ट के जरिए दूसरा ट्रांसफर 3 लाख यूरो का था, जिसे फ्रैंकफर्ट के स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक से तुर्की के अकाउंट में भेजा गया था। तीसरी ट्रांजैक्शन 10 लाख डॉलर की थी जिसे न्यूयॉर्क के बैंक ऑफ अमेरिका के अकाउंट से चीन के बैंक में ट्रांसफर किया गया।
बैंक का क्या कहना है?
चेन्नई स्थित सिटी यूनियन बैंक का कहना है कि संपर्ककर्ता बैंकों के जरिए पैसा ट्रांसफर तो कर दिया गया लेकिन हस्तांतरण के लिए कोई अनुरोध नहीं किया गया था। दूसरा ट्रांसफर फ्रैंकफर्ट के स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक से तुर्की के एक खाते में 3 लाख यूरो (करीब 4 लाख डॉलर) भेजने से जुड़ा है, वहीं तीसरा फर्जी ट्रांसफर 10 लाख डॉलर का है, जिसे न्यूयॉर्क के बैंक ऑफ अमेरिका से चीन स्थित बैंक को किया गया। सूत्रों का कहना है कि धन वापसी के लिए विदेश मंत्रालय और तुर्की व चीन के अधिकारियों से संपर्क में है। विदेश मंत्रालय की मदद ली जा रही है। धन वापसी के लिए सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
Created On :   18 Feb 2018 7:57 AM GMT