टीवी डिबेट जैसी होती है राजनैतिक दलों की आम सभाएं, जारी है चुनावी उत्सव

Arambha village of Balaghat is immersed in the electoral festival
टीवी डिबेट जैसी होती है राजनैतिक दलों की आम सभाएं, जारी है चुनावी उत्सव
टीवी डिबेट जैसी होती है राजनैतिक दलों की आम सभाएं, जारी है चुनावी उत्सव

डिजिटल डेस्क, डोंगरमाली(बालाघाट)। महाराष्ट की सीमा के पास बालाघाट जिले का आरंभा गांव  चुनावी उत्सव में डूबा हुआ है। गांव के प्रमुख चैराहे पर बाजार लगने लगा है। सब्जी, मिठाई की दुकानों के साथ राजनीतिक दलों के स्टाल नुमा मंच सजे हैं। राजनीतिक दलों के मंच परस्पर सटे हुए हैं। बारी - बारी से सभाएं होती है। राजनीतिज्ञों की टीवी डिबेट के जैसे आरोप - प्रत्यारोप हो रहे हैं। हर सवाल का जवाब तैयार है। विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों के समर्थन में बड़ी जनसभाओं का टीवी डिबेट जैसा यह नजारा है।

उत्सव जैसा माहौल
दोपहर 2 बजे आरंभा में सभी राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं व समर्थकों की भीड़ जुट जाती है। दोपहिया वाहनों पर गांव व आसपास के गांवों मेे रैलियां घूम रही है जो आज थम जाएगी। प्रचार वाहनों की भी भरमार है। छोटे से मैदान में बाजार लगा है। आरंभ में ही वहां 3 उम्मीदवारों का सभा मंच एक दूसरे से सटकर बनाया गया है। सबसे पहले कांग्रेस के बागी उम्मीदवार प्रदीप जायसवाल का मंच है। उसके पास बसपा के रामकुमार नागपुरे व भाजपा के योगेंद्र निर्मल का मंच है। उनके सामने कुछ दूरी पर की कांग्रेस उम्मीदवार संजयसिंह मसानी का प्रचार मंच है। सभी के लिए समय निश्चित है। जिला निर्वाचन अधिकारी के दल के साथ पुलिस भी बाजार में डंटी है। 4 बजते ही बसपा उम्मीदवार करीब 200 मोटरसाइकिल व 10 कारों के साथ रैली लेकर पहुंचता है। अन्य वक्ताओं के साथ मंच पर चढ़ता है।

जनता हर किसी के लिए बजा रही ताली
बसपा की सभा आरंभ होते ही अन्य दलों के मंचों के लाउडस्पीकर बंद हो जाते हैं। बसपा की ओर से कांग्रेस व कांग्रेस के बागी उम्मीदवार के विरोध में कई आरोप लगाए जा रहे हैं सवाल खड़े किये जा रहे हैं। नागपुर से आई बसपा नेता उसा बौदृध के साथ उत्तरप्रदेश की निसाद नेता अपर्णा बिरनवार  स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय मुद्दे उछालती है। बसपा उम्मीदवार अपने  भाषण में कांग्रेस उम्मीदवार पर शब्दों से प्रहार करते हैं। उसी दौरान कांग्रेस के मंच से इशारों में समय की याद दिलाई जाती है। बसपा उम्मीदवार विनम्रता के साथ कहता है कांग्रेस के साथी का सम्मान रखते हुए भाषण समाप्त कर रहा हूं। बसपा की रैली गांव से बाहर की ओर जाने लगती है तभी भाजपा के मंच पर नेताओं का आगमन होता है। चितरंजन पिपरेवार बोलने लगते हैं। सामने कांग्रेस के मंच से लाउडस्पीकर चालू रहता है। पिपरेवार चुनाव अधिकारी से कहते हैं कि वे कांग्रेस की आवाज बंद कराएं। अधिकारी के कुछ कहने के पहले ही कांग्रेस के मंच से लाउडस्पीकर बंद हो जाता है। भाजपा के मंच से कहा जाता है कि कांग्रेस उम्मीदवार भले ही मुख्यमंत्री शिवराज की बहन के भाई है लेकिन चुनाव के समय उनके भाजपा छोड़ने मे शिवराज का कोई रोल नहीं है। 5 बजे कांग्रेस के बागी उम्मीदवार की सभा आरंभ होती है। 3 बार कांग्रेस से ही विधायक रहे इस निर्दलीय उम्मीदवार का सवाल है।-मेरा क्या कसूर,बसपा व भाजपा के लिए तालियां बजाने वाली जनता इस उम्मीदवार के लिए भी तालियां बजाती है। 

शाम होते ही थम जाती रैली
इस उम्मीदवार के भाषण के दौरान ही कांग्रेस के मंच से बोला जाता है-उनका तो समय समाप्त हो गया। निर्दलीय उम्मीदवार बगैर कोई भाषण पूरा किए अपना माइक बंद कर देते हैं। उसके कुछ देर बाद ही कांग्रेस उम्मीवार की रैली पहुंचती है। शाम के 6 बजे चुके हैं। अंधेरा छाने लगता हे। कांग्रेस उम्मीदवार लोगों के अलावा अन्य दलों के नेताओं का आभार मानता है। समय के नियम का पालन करने के लिए फिर कांग्रेस उम्मीदवार की ओर से असली नकली कांग्रेसी का मुद्दा उठाया जाता है भाजपा या मुख्यमंत्री के बारे में कुछ नहीं बोला जाता है।

Created On :   26 Nov 2018 5:05 AM GMT

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