गले की हड्डी बनी अरहर, सरकार के मत्थे पड़ी लाखों क्विंटल दाल

Arhar pulse has become a problem for the Maharashtra government
गले की हड्डी बनी अरहर, सरकार के मत्थे पड़ी लाखों क्विंटल दाल
गले की हड्डी बनी अरहर, सरकार के मत्थे पड़ी लाखों क्विंटल दाल

डिजिटल डेस्क, नागपुर | खाद्य वितरण प्रणाली में सरकारी नीति समझ के बाहर लग रही है। जिस तरीके से लोगों को सस्ता अनाज उपलब्ध करवाने के लिए नीति तैयार की जा रही हैउसे देख लगता है कि घाटे के बावजूद सरकार को दाल और आटे का भाव समझ में नहीं आ रहा है।  खुले बाजार में जो बेहतर किस्म की अरहर दाल 55 से 60 रुपए तक मिल सकती है उसे सरकार 55  रुपए बेचकर ऐसा ही कुछ साबित कर रही है।  राज्य सरकार ने राशन दुकानों के माध्यम से 25 लाख क्विंटल अरहर दाल बेचने का निर्णय लिया है। राशन दुकान से 55 रुपए प्रति किलो के हिसाब से तुअर दाल बेची जाएगी आैर इस प्रकार सरकार को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ेगा। सरकार ने किसानों से 50 रुपए 50 पैसे (प्रति किलो) के हिसाब से तुअर खरीदी है आैर सारी प्रक्रिया करके सरकार को यह दाल करीब 65 रुपए किलो के हिसाब से पड़ रही है। जबकि उस समय बाजार मूल्य करीब 35 से 40 रुपए था। दाल के मुद्दे पर लगातार घाटे उठा रही सरकार को फिर घाटा उठाना पड़ेगा, क्योंकि वर्तमान में 57 रुपए किलो बाजार में दाल बिक रही है, जो बाद में 50 से 52 रुपए किलो तक हो सकती है। ऐसे में लोग सरकार से दाल कम ही खरीदेंगे। व्यापारियों का कहना है यदि सरकार को दाल खपानी है तो उसे कम से कम 50 रुपए में बेचना चाहिए। गोदामों में इतनी ज्यादा तुअर पड़ी है कि घाटे में ही सही सरकार को इसे बेचने के सिवाय कोई चारा नहीं है। अकेले नागपुर में ही हजारों क्विंटल तुअर दाल बेची जाएगी। 

गोदामों में पड़ी है 25 लाख क्विंटल दाल

बता दें  किसानों से खरीदी 25 लाख क्विंटल तुअर फिलहाल गोदामों में पड़ी है जिसे अब सरकार को हर हाल में बेचना है। नागपुर शहर में साढ़े पांच लाख से ज्यादा राशन कार्ड धारक हैं। इनमें से 2 लाख 76 हजार कार्ड पर ही अनाज वितरित किया जाता है। बाकी कार्ड धारकों को किसी तरह का अनाज नहीं मिलता। सरकार 2 लाख 76 हजार कार्ड धारकों के अलावा केसरी कार्डधारकों को भी तुअर दाल देना चाहती है। एक कार्ड पर एक किलो से ज्यादा तुअर दाल दी जाएगी। अकेले नागपुर शहर में हजारों क्विंटल तुअर दाल बेचने का लक्ष्य है। सूत्रों के अनुसार, गोदामों में रखी यह दाल मिलों में पहुंचेगी। वहां पर प्रोसेस के बाद राशन दुकानों में पहुंचेगी। 


व्यापारी किसानों से खरीदते हैं कम दाम पर


वैसे तो व्यापारी हमेशा ही किसानों से कम दाम में माल खरीदते रहे हैं। इस साल भी अप्रैल में तुअर दाल के सरकारी दाम 5050 रुपए थे तो बाजार में व्यापारी करीब 4000 से 3500 रुपए प्रति क्विंटल किसानों से तुअर खरीद रहे थे। यहां तक की व्यापारियों ने पैसा कमाने के लिए किसानों से कम दाम पर तुअर खरीदी कर सरकार को ही 5050 रुपए प्रति क्विंटल के दाम पर बेच दी। इसकी शिकायत भी मिली थी। इसके बाद कई जगह खरीदी बंद कर दी गई थी। 


 

Created On :   27 Nov 2017 7:01 AM GMT

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