सेना को चाहिए एक दर्जन धनुष तोपें, बनेगी अलग डिविजन

Army needs a dozen dhanush cannons, separate divisions will be made
सेना को चाहिए एक दर्जन धनुष तोपें, बनेगी अलग डिविजन
सेना को चाहिए एक दर्जन धनुष तोपें, बनेगी अलग डिविजन
हाईलाइट
  • हाईड्रोलिक सिस्टम पर काम करने वाली बोफोर्स के मुकाबले धनुष तोप इलेक्ट्रानिक सिस्टम के तहत काम करती है।
  • जीसीएफ द्वारा बनाई गई स्वदेशी तोप के लंबे परीक्षण का दौर पिछले 5 साल से चल रहा है।
  • देश की सबसे बड़ी 155-एमएम की धनुष तोप के निर्माण की गतिविधियां जीसीएफ में तेज हो गई हैं।
  • बोफोर्स का निशाना 29 किलोमीटर की दूरी तक लगाया जा सकता है
  • वहीं धनुष तोप न केवल मारक क्षमता में बेहतर है
  • बल्कि उसका निशान

डिजिटल डेस्क जबलपुर। देश की सबसे बड़ी 155-एमएम की धनुष तोप के निर्माण की गतिविधियां जीसीएफ में तेज हो गई हैं। सेना धनुषतोप की एक अलग डिवीजन बनाना चाहती है और इसके लिए सत्र 2018- 2019 में एक दर्जन तोपों का लक्ष्य जीसीएफ को मिला है। जीसीएफ द्वारा बनाई गई स्वदेशी तोप के लंबे परीक्षण का दौर पिछले 5 साल से चल रहा है। परीक्षण के दौरान जो भी कुछ कमियां सामने आई थीं, उनको अगले परीक्षण में दूर किया गया। अब जाकर जीसीएफ को एक साल के भीतर एक दर्जन धनुष तोप के निर्माण का आर्डर मिल सका।

इस समय सेना धनुष तोप के यूजर्स ट्रॉयल की तैयारी कर रही है और इस औपचारिकता के बाद ही बड़े पैमाने पर जीसीएफ को धनुष तोपों के निर्माण का आर्डर मिल सकेगा। वैसे तो सेना को 114 तोपों की एक अलग डिवीजन बनानी है और इसके लिए जीसीएफ को ही इन तोपों के निर्माण की तैयारी करने को कहा गया है। सेना की जरूरत के हिसाब से धनुष तोप को आधुनिक बनाने का काम भारत इलेक्ट्रानिक लिमिटेड की मदद से किया गया है।

बोफोर्स से बेहतर
बोफोर्स का निशाना 29 किलोमीटर की दूरी तक लगाया जा सकता है, वहीं  धनुष तोप न केवल मारक क्षमता में बेहतर है, बल्कि उसका निशाना 38 किलोमीटर की दूरी तक लगाया जा सकता है। हाईड्रोलिक सिस्टम पर काम करने वाली बोफोर्स के मुकाबले धनुष तोप इलेक्ट्रानिक सिस्टम के तहत काम करती है। इसमें नाइट विजन डिवाइस के जरिए रात्रि में भी निशाने पर बम गिराए जा सकते हैं। इसमें 125-एमएम के बमों का इस्तेमाल किया जाता है, जो कि काफी विध्वंसक माने जाते हैं। एक मिनट के भीतर इस तोप से 5 से 6 फायर किए जा सकते हैं। सेना के पास इस समय इतनी आधुनिक तोप इस समय एक भी नहीं है।

काम की कमी नहीं होगी
धनुष तोप के बड़े पैमाने पर निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो जाने के बाद काम की कमी नहीं होगी। जीसीएफ में तोप निर्माण की सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं। सेना के यूजर्स ट्रॉयल की प्रक्रिया पूरी होते ही उत्पादन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
एसके सिंह, जीएम जीसीएफ

 

Created On :   12 May 2018 7:49 AM GMT

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