कला और संस्कृति का संगम होती हैं फिल्में - पद्मभूषण जाहनू बरुआ

Art and culture are the confluence of films - Padma Bhushan Barua
कला और संस्कृति का संगम होती हैं फिल्में - पद्मभूषण जाहनू बरुआ
कला और संस्कृति का संगम होती हैं फिल्में - पद्मभूषण जाहनू बरुआ

डिजिटल डेस्क, नागपुर। फिल्मों में कला और संस्कृति होता है। यही दो गुण फिल्म को ऐतिहासिक बनाती हैं। आपको अपनी मानसिकता बनानी होती है और अपनी सोच के हर पहलू को देखना हाेता है। कहानी कोई भी हो, उसे वास्तविकता, कला और संस्कृति से जोड़ दें, तो वह संचार का सबसे शक्तिशाली माध्यम है। यह कहना है फिल्म निर्माता पद्मश्री और पद्मभूषण जाहनू बरुआ का। उन्हाेंने नागपुर के मौसम पर टिप्पणी करते हुए कहा कि पिछली बार मैं यहां गर्मी के मौसम में आया था और प्लेन से निकलते ही मुझे ऐसा महसूस हुआ कि मैं किसी भट्ठी में आ गया हूं, लेकिन ठंड में यह शहर और खूबसूरत और सुहाना है। मैंने यहां हर चीज का आनंद लिया है। 

मंत्रमुग्ध हुए दर्शक
उद्घाटन समारोह की शुरुआत ‘मोहे पनघट पर..., पिया तोसे नैना लागे रे… आदि गीतों पर शास्त्रीय नृत्य से हुई। नृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। जब्बार पटेल और समर नखाते ने अतिथियों का सम्मान किया। कार्यक्रम में ‘ऑसिफ’ की कैटलाॅग पुस्तिका का विमोचन भी किया गया। इस दौरान फिल्म निर्माता विशाल शिंदे, सौरव सांवेडकर, समीर बेंद्रे काे मोमेंटे प्रदान किया गया।

राजदत्त और बरुआ को पुरस्कार
तीसरे आरेंज सिटी इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (ऑसिफ) का शुभारंभ पर्सिसटेंट सिस्टम लिमिटेड स्थित कवि कुलगुरु कालिदास सभागृह में हुआ। 10 फरवरी तक होने वाले तीन दिवसीय फिल्म फेस्टिवल में 31 फीचर और 25 शार्ट फिल्में दिखाई जाएंगी। ये फिल्में पर्सिसटेंट और आयनॉक्स जसवंत तुली मॉल में दिखाई जाएंगी। उद्घाटन समारोह में फिल्म निर्माता जाहनू बरुआ को भारतीय सिनेमा में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए ‘ऑरेंज सिटी फिल्म फेस्टिवल’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया, साथ ही  निर्देशक राजदत्त (दत्ता मायाडू) को ‘ऑरेंज सिटी कल्चरल फाउंडेशन’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में निर्देशक जब्बार पटेल, फिल्म गुरु समर नखाते थे। कार्यक्रम में मुख्य रूप से ‘ऑसिफ’ सचिव डॉ. चंद्रशेखर मेश्राम, मनपा आयुक्त अजीज शेख, डिप्टी कमिश्नर राजेश मोहिते, सहायक आयुक्त विजय हुमने, अनिल हिरेकन, उदय गुप्ते, विलास मानेकर अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
 

Created On :   8 Feb 2019 8:17 AM GMT

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