भरी बरसात में पालकमंत्री के घर के सामने जा धमकीं आशा सेविकाएं, धरना -प्रदर्शन

Asha workers strike in front of guardian minister sudhir mungantiwar house
भरी बरसात में पालकमंत्री के घर के सामने जा धमकीं आशा सेविकाएं, धरना -प्रदर्शन
भरी बरसात में पालकमंत्री के घर के सामने जा धमकीं आशा सेविकाएं, धरना -प्रदर्शन

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। भारी बारिश के बीच भी 7 हजार से अधिक आशा सेविकाओं (वर्कर्स) ने पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार के घर के सामने धरना दिया। पालकमंत्री होश में आओ के नारे लगाए। जोरदार बारिश के बीच कस्तूरबा मार्ग पर बैठी इन आशा सेविकाओं को संभालने में पुलिस बल अपर्याप्त साबित हो रहा था।  स्थिति कुछ समय के लिए तनावपूर्ण बन गई थी। सुबह से प्रारंभ यह औचक धरना दोपहर पौने तीन बजे तक बढ़ती मौजूदगी के साथ जारी था। ऐसे में शहर में पुलिस व प्रशासन में कुछ समय के लिए परेशानी का माहौल देखा गया। आयटक अधीनस्थ महाराष्ट्र राज्य आरोग्य खाता आशा वर्कर व गटप्रवर्तक संगठन की ओर से यह बेमियादी धरना प्रदर्शन शुरू किया गया। 

उल्लेखनीय है कि पूर्व सूचना के बिना यह आंदोलन होने से कुछ समय के लिए पुलिस व प्रशासन में खलबली मच गई। आंदोलनकारी महिलाएं हजारों की संख्या में होने से उन्हें एक साथ डिटेन करना भी संभव नहीं हो पाया। उधर जोरदार बारिश चल रही थी। सभी आंदोलकारी महिलाएं छाते लेकर या बिन छाते के ही सड़क पर नीचे बैठी थीं। 

यह है आंदोलन की भूमिका

गटप्रवर्तक व आशा स्वयंसेवकों के मानधन वृद्धि का सरकारी निर्णय होने तक अनिश्चितकालीन श्रृंखलाबद्ध अनशन करने व 4 सितंबर से काम का बहिष्कार करने की सख्त भूमिका लेने से प्रशासन वैसे ही सांसत में दिखाई दिया। महाराष्ट्र राज्य आशा व गटप्रवर्तक कर्मचारी कृति समिति के माध्यम से इस आंदोलन दौरान विविध 6 मांगें सरकार के सामने रखी गई। 

इन मांगों को लेकर है असंतोष

आशा स्वयंसेवकों को 2500  रुपए मानधन मिलता है। वहीं गटप्रवर्तकों को सब कुछ मिला कर 8725  रुपए मानधन बनता है। यह अन्यायकारी है। इन कर्मियों को सरकारी कर्मचारियों का दर्जा देने की मांग की गई है। सरकारी सेवा में शामिल करने तक उन्र्हं आंगनवाड़ी सेविकाओं जितना मानधन दिया जाए। राज्य सरकार ने मुंबई मंत्रालय में दिए आश्वासन के अनुसार आशा व गटप्रवर्तकों के मानधन में ढाई से तीन गुना वृद्धि करने की बात कही थी। उस निर्णय पर अमल किया जाए। आशा को साइकिल व गटप्रवर्तकों को स्कूटी दी जाए। स्वास्थ्य मंत्री का वित्तमंत्री के पत्र अनुसार अपने स्तर पर मानधन वृद्धि  के जीआर संबंधी प्रस्ताव केबिनेट में लाने उचित कार्यवाही करनी चाहिए। चुनावी आचार संहिता व उत्सव-त्योहारों की छुट्टियों को देखते हुए मानधन वृद्धि का जीआर जल्द निकाला जाए। 

 

Created On :   4 Sep 2019 7:50 AM GMT

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