एशियन गेम्स : सिल्वर जीतने वाले शार्दुल प्रैक्टिस के लिए हर रोज करते थे 100 किमी सफर

एशियन गेम्स : सिल्वर जीतने वाले शार्दुल प्रैक्टिस के लिए हर रोज करते थे 100 किमी सफर
हाईलाइट
  • 15 साल के भारतीय शूटर शार्दुल ने भारत के लिए 17वां मेडल जीता।
  • भारत अब चार गोल्ड
  • चार सिल्वर और नौ ब्रॉन्ज के साथ नौवें पोजिशन पर है।
  • शार्दुल ने पुरुष डबल ट्रैप इवेंट में सिल्वर मेडल हासिल किया।

डिजिटल डेस्क, पालेमबंग।  15 साल के भारतीय शूटर शार्दुल विहान ने 18वें एशियन गेम्स के पांचवे दिन भारत के लिए 17वां मेडल जीता। शार्दुल ने गुरुवार को पुरुष डबल ट्रैप इवेंट में सिल्वर मेडल हासिल किया। वह फाइनल राउंड में बस एक अंक से गोल्ड जीतने से चूक गए। शार्दुल एशियन गेम्स की प्रैक्टिस के लिए प्रतिदिन सुबह 4 बजे अपने गांव से 100 किमी दूर दिल्ली स्थित करणी सिंह शूटिंग रेंज जाते थे। भारत अब चार गोल्ड, चार सिल्वर और नौ ब्रॉन्ज के साथ नौवें पोजीशन पर है। 


शार्दुल ने फाइनल राउंड में 73 पाइंट्स हासिल किए। वहीं गोल्ड जीतने वाले कोरिया के 34 वर्षीय शिन हूनवो ने 74 अंक बनाए। यह एशियन गेम्स का सबसे बड़ा स्कोर भी है। एशियन गेम्स 2018 में शार्दुल कोई भी मेडल जीतने वाले तीसरे ऐसे खिलाड़ी हैं, जिनकी उम्र 20 वर्ष से कम है। इससे पहले लक्ष्य (सिल्वर) ने शूटिंग और सौरभ (गोल्ड) ने 10 मी एयर पिस्टल में मेडल जीता था।

क्वालिफिकेशन राउंड में टॉप पर थे शार्दुल
शार्दुल क्वालिफिकेशन राउंड में 141 के स्कोर के साथ पहले स्थान पर थे। वह एशियन गेम्स में डबल ट्रैप इवेंट में मेडल जीतने वाले तीसरे भारतीय निशानेबाज हैं। उनसे पहले 2010 में रंजन सोढी ने गोल्ड और राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने सिल्वर मेडल अपने नाम किया था। हालांकि इसी स्पर्धा में भारत के एक और शूटर अंकुर मित्तल ने भी हिस्सा लिया था पर उन्हें निराशा हाथ लगी। अंकुर ने क्वालिफिकेशन राउंड में 134 का स्कोर किया और वह नौवें स्थान पर रहे।

 



शार्दुल के पिता चाहते थे क्रिकेटर बने शार्दुल
शार्दुल का जन्म उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के सिवाया गांव में हुआ है। शार्दुल के पिता दीपक विहान चाहते थे कि उनका बेटा बड़ा होकर क्रिकेटर बने। उन्होंने शार्दुल को क्रिकेट के बाद बैडमिंटन की भी प्रैक्टिस करवाई। हालांकि दोनों ही जगह शार्दुल ने खुद को असहज महसूस किया। इसके बाद दीपक ने उन्हें राइफल एसोसिएशन भेजना शुरु किया।

बचपन से ही शूटिंग के लिए था जुनून, हासिल किए कई मेडल
9 साल की उम्र में शार्दुल ने नार्थ जोन की एक प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल हासिल किया था। इसके बाद से उन्होंने कभी पीछे मुड़ के नहीं देखा। उन्होंने कुछ वर्ष बाद ही नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में एक दिन में चार गोल्ड मेडल जीते थे। उन्होंने तब उस वक्त के नेशनल चैंपियन रहे अंकुर मित्तल को भी पीछे छोड़ दिया था। यह उनकी मेहनत और लगन का ही परिणाम है कि वह महज 15 साल की उम्र में एशियन गेम्स में सिल्वर मेडल जीतने में कामयाब हुए हैं।
 

Created On :   23 Aug 2018 12:28 PM GMT

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