भारत की शैलजा ने प्राणायाम की मदद से ईरान को बनाया कबड्डी चैंपियन

भारत की शैलजा ने  प्राणायाम की मदद से ईरान को बनाया कबड्डी चैंपियन
भारत की शैलजा ने प्राणायाम की मदद से ईरान को बनाया कबड्डी चैंपियन
भारत की शैलजा ने प्राणायाम की मदद से ईरान को बनाया कबड्डी चैंपियन
हाईलाइट
  • ईरान की महिला कबड्डी टीम ने भारतीय टीम को फाइनल में 27-24 से हरा दिया।
  • इस जीत का श्रेय ईरान की कोच और महाराष्ट्र के नासिक की रहने वाली शैलजा जैन को जाता है।
  • शैलजा ने खिलाड़ियों को योगा और प्रणायाम करने के लिए भी प्रेरित किया।

डिजिटल डेस्क, जकार्ता।  कुछ महीने पहले की ही बात है जब भारत ने ईरान को Kabaddi Masters 2018 वर्ल्डकप फाइनल में हराकर एक बार फिर बादशाहत कायम की थी। इसका बदला लेते हुए ईरान ने पिछले दो दिनों के अंदर भारत की पुरुष और महिला दोनों कबड्डी टीमों को हरा दिया है। शुक्रवार को खेले गए एशियन गेम्स के फाइनल में ईरान की महिला कबड्डी टीम ने भारतीय टीम को 27-24 से हरा दिया। इसके साथ ही उन्होंने भारत की कबड्डी के खेल में बादशाहत भी खत्म कर दी। इस जीत का श्रेय केवल और केवल ईरान की कोच और महाराष्ट्र के नासिक की रहने वाली शैलजा जैन को जाता है। उन्होंने 18 महीने पहले ही ईरान की टीम की कोच का जिम्मा संभाला था।

शैलजा ने न सिर्फ इसके लिए फारसी सीखी बल्कि उन्होंने खिलाड़ियों को योगा और प्रणायाम करने के लिए भी प्रेरित किया। ईरान में महिलाओं के लिए कपड़े और रहन-सहन के सख्त कानून हैं। इसके बावजूद टीम ने शैलजा की बताई योग को फॉलो किया। खिलाड़ी प्रतिदिन सुबह शैलजा के बताए योग करके ही प्रैक्टिस पर जाते थे। इतना ही नहीं उन्होंने एक बेहतर स्ट्रैट्जी भी बनाई।

सबसे बेहतर कोच साबित करने का था लक्ष्य
फाइनल जीतने के बाद शैलजा ने कहा, "जब मैं पहली बार ईरान पहुंची थी, तो मेरा मिशन था कि मैं खुद को सबसे बेहतर कोच साबित करूं और रिजल्ट सबके सामने है। ईरान की टीम ने मेरा बहुत साथ दिया। ईरानी लड़कियां पहले से ही काफी फिट हैं। मैंने केवल स्ट्रैट्जी और प्लान बनाने पर ध्यान दिया। जब मैंने टीम को कोचिंग देना शुरू किया, तो लड़कियों से कहा था कि मुझे बिना गोल्ड के भारत मत भेजना। आज उन्होंने यह कर दिखाया है। टीम ने मैच जीतते ही मुझे गले से लगाया और कहा, मैडम हमने यह गोल्ड आपके लिए जीता है। मैं बहुत खुश हूं।

भारतीय हूं, देश से बहुत प्यार करती हूं 
शैलजा ने भारत के हारने पर दुख भी जताया पर एक सफल कोच हमेशा अपने टीम को पहले लेकर चलता है, यह उन्होंने साबित भी किया। शैलजा ने कहा, "मुझे भारत के हारने का दुख है। किसी अन्य भारतीय की तरह मैं भी अपने देश से प्यार करती हूं, लेकिन मुझे कबड्डी भी पसंद है। एक कोच होने के नाते, मैं केवल ईरान टीम के बारे में सोचती हूं। कबड्डी भारत में बहुत लोकप्रिय है। ईरान के लोग भारत के मैचों को खूब आनंद से देखते हैं।

शैलजा ईरान की कबड्डी टीम को कोचिंग देने वाली पहली भारतीय नहीं हैं। इससे पहले 2008 में एशियाई चैंपियनशिप के दौरान भी भारत की ही रहने वाली एलिफ रानी ईरान महिला टीम की कोच थी। बता दें कि भारतीय महिला कबड्डी टीम को फाइनल मुकाबले में ईरान से 24-27 से हारकर सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा। भारतीय महिला टीम ने 2010 और 2014 एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था। वहीं गुरुवार को पुरुष कबड्डी के सेमीफाइनल में भी ईरान की टीम ने भारत को 27-18 से हराकर ब्रॉन्ज पर रोक दिया था। एशियन गेम्स में भारत के भाग लेने के वर्ष से यह पहली बार है जब भारत कोई गोल्ड मेडल नहीं जीत सका है। 

Created On :   24 Aug 2018 2:39 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story