NRC पर बयानबाजी के बाद ममता के खिलाफ FIR, असम में राजनीति गर्माई
डिजिटल डेस्क,असम। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ असम पुलिस ने नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) पर बयान को लेक FIR दर्ज की है। ममता बनर्जी पर FIR उस बयान को लेकर की गई है जिसमें उन्होंने कहा था कि मोदी सरकार असम से बंगालियों को बाहर निकालने की साजिश के तहत NRC को अपडेशन कर रही है।
गौरतलब है कि बुधवार को पश्चिम बंगाल के अहमदपुर में में एक सभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा था कि NRC की आड़ में सरकार वहां जीविका चला रहे लोगों को हटाना चाहती है। ममता ने केंद्र की बीजेपी सरकार को चेतावनी दी कि वह आग से न खेलें। पूरे देश में अशांति न फैलाएं। सभा में ममता बनर्जी ने कहा था कि बंगाल से काफी संख्या में लोग असम में नौकरी करते हैं। यदि लोगों को जबरन वहां से हटाया गया तो हम भी इसका मुहतोड़ जवाब देंगे।
हाईकोर्ट के वकील ने की शिकायत
गुवाहाटी उच्च न्यायालय के अधिवक्ता तैलेंद्र नाथ दास ने बनर्जी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने आईपीसी की धारा 153 (A) के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली है। IPC की यह धारा धर्म, नस्ल, जन्म स्थान, निवास और भाषा के नाम पर लोगों के बीच शत्रुता पैदा करने और सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश से संबंधित है। इसके साथ ही दास ने ममता पर उच्चतम न्यायालय की अवमानना का भी आरोप लगाया है क्योंकि NRC का काम उच्चतम न्यायालय की निगरानी में हो रहा है।
गृहमंत्री को आरोपों से इंकार
वहीं केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मामले में कहा कि असम में तैयार की गई NRC में किसी को नहीं छोड़ा जाएगा।
आरोप-प्रत्यारोप शुरु
पूरे मामले को लेकर अब आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरु हो गया है। ममता के खिलाफ शिकायत के बाद तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने कहा कि ऐसी कोई कार्रवाई उन्हें बंगालियों के हितों की लड़ाई लड़ने से नहीं रोक पाएगी। वहीं बीजेपी ने इसे राजनीतिक फायदे कि लिए मु्दादशुरू
क्या है राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर NRC ?
असम सरकार ने असम में अवैध रुप से रहे बांग्लादेशी नागरिकों से भारतीयों नागरिकों को अलग करने और उन्हें असम से निकालने के लिए सोमवार को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) का पहला ड्राफ्ट जारी किया था। इस रजिस्टर में असम की कुल 3.29 करोड़ जनसंख्या में से सिर्फ 1.9 करोड़ लोगों को जगह दी गई है।
Created On :   5 Jan 2018 1:59 AM GMT