आठवले ने कहा - दलितों और पिछड़ों के लिए समर्पित था बाबूजी का जीवन

Athavale said - Babujis life was dedicated to the Dalits and backward
आठवले ने कहा - दलितों और पिछड़ों के लिए समर्पित था बाबूजी का जीवन
आठवले ने कहा - दलितों और पिछड़ों के लिए समर्पित था बाबूजी का जीवन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री और रिपब्लिकन पार्टी के अध्यक्ष रामदास आठवले ने पूर्व उप-प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम को प्रभावी व्यक्तित्व वाला बताते हुए कहा है कि उनका जीवन दलितों, गरीबों, पिछड़े व अल्पसंख्यकों को न्याय दिलाने के लिए समर्पित रहा है। उनसे हम सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए। आठवले ने यह बात गुरूवार को बाबू जगजीवन राम की 33वीं पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। उन्होने कहा कि बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर के बाद बाबू जगजीवन राम दूसरे ऐसे व्यक्तित्व थे, जिन्होने दलित समाज के संपूर्ण विकास के लिए अपना अहम योगदान दिया है। उनके इस योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। केन्द्रीय मंत्री ने कहा ‘दलित पैंथर की मूवमेंट के दौरान मेरी मुलाकात बाबू जगजीवन राम से हुई थी और मैं उनके व्यक्तित्व से तब बहुत प्रभावित हुआ था’। उन्होने कहा कि बाबू जी ने दलित समाज को शिक्षा, स्वास्थ्य सहित सभी क्षेत्रों में जागरूक करने का काम किया था। इस मौके पर उन्होने लोगों का आह्वान किया कि वह संगठित होकर समाज के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ें और समाज को सभी क्षेत्रों में प्रगति पाने के लिए एक दूसरे का सहयोग भी करें।

वंचित बहुजन आघाडी को सत्ता मिली तो बचेगा ओबीसी और मराठा आरक्षण

उधर वंचित बहुजन आघाडी के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि मराठा समुदाय को दिए गए आरक्षण को बॉम्बे हाईकोर्ट ने वैध ठहराने के बाद ओबीसी के मन में उनके आरक्षण को लेकर डर पैदा हो गया है। ऐसी स्थिति में भाजपा, शिवसेना, कांग्रेस तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस ने ओबीसी समुदाय के मन से इस डर को दूर करना चाहिए, लेकिन यह पार्टियां उल्टे आग में घी डालने का काम कर रही है। उन्होने कहा कि वंचित बहुजन आघाडी के हाथ में सत्ता की डोर पहुंचाने में ओबीसी तथा मराठा समुदाय का उन्हे साथ-सहयोग मिला तो दोनों समुदाय को कानून के दायरे में रहकर आरक्षण की व्यवस्था करेंगे। एड आंबेडकर ने कहा कि सामाजिक और शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़ा वर्गे के आधार पर ही ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण मिला है। राज्य सरकार ने मराठा को स्वतंत्र संवर्ग मानकर इसी पैमाने पर 16 फीसदी आरक्षण देने का कानून बनाया, लेकिन बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी इस पर कानूनी मुहर लगाने के बाद ओबीसी के मन में उनके आरक्षण के प्रति और ज्यादा डर निर्माण हो गया है। उन्होने कहा कि ओबीसी और मराठा को ए और बी श्रेणी में विभाजित करके आरक्षण दिया गया होता तो ओबीसी के मन में उनके आरक्षण पर आंच आने का डर पैदा नही होता। आंबडेकर ने यहां मीडिया से बातचीत में कहा कि वंचित बहुजन आघाडी सत्ता में आती है तो ओबीसी के आरक्षण पर कदापी आंच नही आएगी, लेकिन इसके लिए ओबीसी को वंचित बहुजन आघाडी का साथ-सहयोग करने की जरुरत है, ताकि वह सत्ता में पहुंचे। सत्ता में आने के बाद ओबीसी के साथ मराठा को भी कानून के दायरे में रहकर आरक्षण दिया जायेगा। बहरहाल, मराठा आरक्षण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हो चुकी है और शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई होनी है।  
    


 

Created On :   11 July 2019 3:29 PM GMT

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